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Kota ACB ने दबोचा देश का सबसे बड़ा घूसखोर IRS, 250 करोड़ की अवैध वसूली का खुलासा

  • एसीबी का धमाकाः 16 लाख की घूस लेने यूपी से कोटा आया था IRS अफसर, कोटा एसीबी ने हैंगिंग ब्रिज पर दबोचा 
  • 6 हजार अफीम काश्तकारों से कर चुका था 36 करोड़ की एडवांस अवैध वसूली, 40 हजार से रकम वसूलने की थी तैयारी 

TISMedia@Kota भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Rajasthan ACB) कोटा (Kota ACB) शनिवार को देश के सबसे बड़े घूसखोर भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अफसर डॉ. शशांक यादव को दिन दहाड़े धर दबोचा। यादव की गिरफ्तारी के बाद अफीम कारोबार की आड़ में 250 करोड़ से ज्यादा की अवैध वसूली का खुलासा हुआ है। यादव अभी तक राजस्थान के 6 हजार अफीम काश्तकारों से 36 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध वसूली कर चुका था। जबकि 40 हजार से ज्यादा काश्तकारों से अवैध वसूली की एडवांस तैयारी थी।

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एसीबी ने दबोची आईआरआएस शशांक यादव की कार।

कोटा एसीबी देश के सबसे बड़े घूसकांड का पर्दाफाश किया है। घूसखोरों के खिलाफ चलाए जा रहे महा अभियान के तहत कोटा एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील के नेतृत्व में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शनिवार को हैगिंग ब्रिज टोल नाके के पास अफीम फैक्ट्री नीमच और नीमच के महाप्रबंधक आईआरएस अधिकारी डॉ. शशांक यादव की स्कॉर्पियो कार को घेर लिया। अचानक हुई कार्यवाही से शशांक बुरी तरह हड़बड़ा गया और अफसरी झाड़ने लगा, लेकिन एसीबी ने उसकी एक न सुनी।

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कार से बरामद हुए 16.32 लाख रुपए 
ठाकुर चंद्रशील के नेतृत्व में कार्यवाही कर रही कोटा एसीबी की टीम पर आईआरएस अधिकारी का रत्ती भर भी रौब गालिब न हुआ। कोटा एसीबी की टीम ने पहले शशांक को गाड़ी से उतारकर हिरासत में लिया और फिर जब उसकी स्कार्पियो कार की तलाशी ली गई तो उसकी गाड़ी से 16 लाख 32 हजार 410 रुपए की मोटी रकम बरामद हुई। बेहद फिल्मी स्टाइल में हुई एसीबी की इस कार्यवाही से हैंगिंग ब्रिज टोल नाके से गुजर रहे राहगीर हैरत में पड़ गए। एसीबी ने जब इतनी बड़ी रकम का सोर्स पूछा तो शशांक हड़बड़ा गया। जिसके बाद एसीबी उसे हिरासत में लेकर कोटा चौकी आ गई।

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अफीम की गुणवत्ता बढ़ाने की ली जाती थी घूस 
एसीबी कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि आरोपी के खिलाफ एक परिवादी ने शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि अफीम फैक्ट्री नीमच में लाइसेंसी अफीम काश्तकारों की अफीम जमा की जाती है। यहां अफीम सैम्पलों की जांच का काम चल रहा है। अफीम में गाढ़ता व मारफीन प्रतिशत के हिसाब से ही नारकोटिक्स विभाग काश्तकारों को 6 आरी,10 आरी व 12 आरी के पट्टे जारी करता है। आईआरएस शशांक यादव और उसके गुर्गे अफीम काश्तकारों को बड़े पट्टे देने या फिर बड़े पट्टों का रकवा कम करने की धमकी देकर अवैध वसूली करते थे। शशांक की कार से बरामद रकम अफीम किसानों से पट्टे जारी करने व अफीम की क्वालिटी अच्छी बताने के एवज में रिश्वत के रूप में वसूली गई थी।

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ऐसे होती थी अवैध वसूली 
एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि आईआरएस अफसर शशांक यादव गाजीपुर अफीम फैक्ट्री में महाप्रबंधक के पद पर तैनात था। फिलहाल उसके पास गाजीपुर के अलावा नीमच अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक का अतरिक्त चार्ज भी है। नीमच की इसी अफीम फैक्ट्री में मध्यप्रदेश व राजस्थान के काश्तकारों की अफीम के सैंपल की जांच का काम होता है। अफीम सेंटरों पर जांच के बाद प्रतिशत के हिसाब से अफीम काश्तकारों को पैसे का भुगतान किया जाता है। नीमच अफीम फैक्ट्री में कार्यरत अजीत सिंह और दीपक यादव नाम के कर्मचारी अफीम की गुणवत्ता जांचने का काम करते हैं। शशांक ने इन दोनों के साथ-साथ दलालों का नेटवर्क तैयार किया और इनके जरिए अफीम की बढ़िया गाढ़ता व मारफीन प्रतिशत ज्यादा बताकर 10 आरी,12 आरी का पट्टा दिलवाने का खेल शुरू कर डाला। जांच में अफीम की क्वालिटी बढ़िया बताने के लिए यह लोग एक अफीम काश्तकार से 80 हजार से लेकर एक लाख रुपए वसूलते थे। जो किसान इन्हें पैसे नहीं देता था उसकी अफीम को घटिया बता देते थे। जिससे उसके पट्टे तो छिन ही जाते थे इसके साथ ही पुरानी फसल के भी ठीक दाम नहीं मिल पाते थे।

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252 करोड़ का घूसकांड 
कोटा एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील को सूचना मिली थी कि शशांक और उसके गुर्गे चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़,कोटा और झालावाड़ के अफीम काश्तकारों से अवैध वसूली में जुटे हैं। अफीम लैब के अजीत सिंह व कोडिंग टीम के दीपक कुमार यादव ने दलालों के जरिये 6 हजार से ज्यादा किसानों से 10/12 आरी के पट्टे दिलवाने के नाम पर 36 करोड़ रुपए से ज्यादा की एडवांस वसूली कर ली है। जबकि अभी भी 40 हजार से अधिक किसानों की अफीम की जांच होना बाकी है। कुल मिलाकर यह देश की सबसे बड़ी यानि 252 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध वसूली होनी थी। जिसकी तैयारी चल रही थी। इससे पहले ही एसीबी ने शशांक को धर दबोचा।

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गाजीपुर तक फैले एसीबी के हाथ 
कोटा एसीबी को अफीम काश्तकारों से अवैध वसूली की लगातार सूचनाएं मिल रही थी। कई काश्तकारों की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी एसीबी तक पहुंची, लेकिन कोटा एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील बीते चार महीने से बड़ी मछली के फंसने का इंतजार कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने अफीम फैक्ट्री गाजीपुर और नीमच तक अपना जाल बिछाया। शनिवार को उन्हें सूचना मिली कि शशांक यादव काश्तकारों से डील करने नीमच आया है। नीमच आने के दौरान कुछ किसानों से उसकी हाथों हाथ डीलिंग हो गई। जिसके एवज में मिली 16 लाख 32 हजार, 410 रुपए की रकम वह अपने साथ अपने साथ अपनी कार से ले जा रहा है।

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हैंगिंग ब्रिज पर दबोचा 
शशांक यादव के लाल बत्ती लगी कार से चित्तौड़गढ़ से कोटा होते हुए गाजीपुर जाने की सूचना मिलते ही ठाकुर चंद्रशील ने एसीबी के निरीक्षक अजीत बगडोलिया और डीएसपी हर्षराज सिंह खरेडा, उप पुलिस अधीक्षक नरेश चौहान पुलिस निरीक्षक, भरत सिंह, दिलीप सिंह, मनोज कुमार और कवँर लाल की दो टीमें बनाकर हैंगिंग ब्रिज पर तैनात कर दी। जैसे ही शशांक की कार हैंगिंग टोल ब्रिज पर पहुंची एसीबी की टीम ने धड़धड़ाते हुए उसे धर दबोचा। कार की तलाशी में एक मिठाई के डब्बे से 15 लाख रुपए व लैपटॉप के बैग ओर पर्स पर से 1 लाख 32 हजार 410 रुपए बरामद किए।

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