UP Population Control Bill: योगी जी! पहले अपने नेताओं की तो नसबंदी करवा लो

उत्तर प्रदेश के 152 भाजपा विधायकों के हैं 2 से ज्यादा बच्चे, 8 विधायकों के तो आधा-आधा दर्जन बच्चे 

  • योगी सरकार की जनसंख्या नीति पर यूपी में मचा घमासान, अपने ही घर में घिरी भाजपा
  • नई नीति लागू हुई तो भाजपा को विधानसभा चुनाव में बदलने पड़ेंगे 49.9 फीसदी सीटों के प्रत्याशी  

TISMedia@Lucknow उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पॉलिटिकल मास्टर स्ट्रोक अब उनकी पार्टी पर ही भारी पड़ गया है। 11 जुलाई को जारी हुए नई जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट के बाद भाजपा में घमासान छिड़ गया है। विधानसभा चुनावों से पहले यदि योगी की यह प्रस्तावित नीति लागू होती है तो उत्तर प्रदेश के सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी को 49.9 सीटों पर अपने उम्मीदवार बदलने पड़ेंगे और यदि चुनावों से पहले नीति को लागू किया जाता है तो 152 विधायकों की विधायकी ही छिन जाएगी। क्योंकि, यह वह विधायक हैं जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले वोटों का ध्रवीकरण करने के लिए योगी सरकार नई जनसंख्या नीति लेकर आई। आनन-फानन में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस पर इस नई नीति का ड्राफ्ट भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने जारी कर दिया, लेकिन ड्राफ्ट जारी होते ही मुस्लिम ही नहीं हिंदुवादी संगठन तक बिफर गए। धार्मिक संगठनों के बाद सबसे ज्यादा सियासी गलियारों में दहशत देखी गई। चौंकाने वाली बात यह थी कि सियासी गलियारों में खुद सत्ताधारी दल भाजपा सबसे ज्यादा दहशत में है, क्योंकि योगी की नई नीति के मुताबिक एक दो नहीं बल्कि 49.9 फीसदी विधायक अगली विधान सभा का चुनाव लड़ने के योग्य ही नहीं रहेंगे।

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बदलने पड़ेंगे आधे उम्मीदवार 
उत्तर प्रदेश विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर बीजेपी के 304 विधायकों का डेटा खंगालने पर ये जानकारी सामने आई कि योगी की जनसंख्या नियंत्रण नीति का शिकार सबसे ज्यादा उनकी ही पार्टी के विधायक होंगे। क्योंकि यहां एक दो नहीं बल्कि 152 विधायक ऐसे हैं जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं। आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों के आधा-आधा दर्जन बच्चे हैं। जबकि दो विधायकों के तो 7 और आठ संतानें हैं। ऐसे में नई जनसंख्या नीति पर योगी सरकार जोर देती है तो उसे खुद 49.9 फीसदी यानि करीब-करीब आधी विधानसभाओं में अपने प्रत्याशी बदलने पड़ेंगे।

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इनका क्या होगा! 
नई जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट के मुताबिक दो से अधिक बच्चों के माता पिता चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसे में शाहजहांपुर जिले की तिलहर सीट से बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा और बहराइच जिले की नानपारा सीट से बीजेपी विधायक माधुरी वर्मा जैसे भाजपा विधायकों का तो सियासत से बाहर होना पूरी तरह तय है, क्योंकि तीसरी बार विधायक बने रोशन लाल के एक दो नहीं बल्कि, 8 संतानें हैं। वहीं विधान परिषद के बाद विधानसभा में दूसरी बार नानपारा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली माधुरी वर्मा के सात संतानें हैं। जिनमें छह पुत्रियां और एक पुत्र है।

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इन आठ के खत्म होंगे ठाठ! 
रोशन लाल और माधुरी वर्मा ही नहीं भाजपा के आठ विधायक ऐसे हैं, जिनके 6-6 बच्चे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक गोंडा जिले की कर्नलगंज विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक कुंवर अजय प्रताप सिंह ‘लल्ला भइया’ के चार पुत्र और दो पुत्रियां हैं। अजय छठवीं बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। लखीमपुर खीरी जिले की धौरहरा सीट से बीजेपी विधायक बाला प्रसाद अवस्थी के तीन पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। यह भी चौथी बार विधायक बने हैं। फतेहपुर जिले की खागा सीट से बीजेपी विधायक कृष्णा पासवान के तीन पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। वह तीसरी बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं। कन्नौज जिले की तिर्वा सीट से बीजेपी विधायक कैलाश सिंह राजपूत के दो पुत्र और चार पुत्रियां हैं। वह तीसरी बार विधायक बने हैं। बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ सीट से बीजेपी विधायक बैजनाथ रावत के तीन पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। साल 2017 में वह तीसरी बार विधायक बने। इससे पहले 1998 में वह लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। मिर्जापुर सीट से बीजेपी विधायक रत्नाकर मिश्र के दो पुत्र और चार पुत्रियां हैं।  मैनपुरी जिले की भोगांव सीट से बीजेपी विधायक राम नरेश अग्निहोत्री के दो पुत्र और चार पुत्रियां हैं। 2017 में वह पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए। इससे पहले 2002 में वह यूपी विधान परिषद के भी सदस्य रह चुके हैं। कैलाश डेरीवाले के नाम से चर्चित सत्य प्रकाश अग्रवाल मेरठ जिले की मेरठ कैंट सीट से बीजेपी विधायक हैं। उनके तीन पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। वह चौथी बार विधायक बने हैं।

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धार्मिक संगठन उतरे विरोध में 
उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति का ऐलान होते ही धार्मिक संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रस्तावित नई जनसंख्या नियंत्रण नीति संघ से लेकर विश्व हिंदू परिषद तक को रास नहीं आ रही है। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि प्रस्ताव के मुताबिक सिर्फ एक बच्चे वाले दंपति को प्रोत्साहित करने से समाज में जनसांख्यिकीय असंतुलन में और इजाफा होगा। उन्होंने कहा है कि ‘सरकार को इस पर फिर से विचार करना चाहिए, क्योंकि इससे जनसंख्या में नकारात्मक वृद्धि होती है। ‘ विश्व हिंदू परिषद ने घोषणा की है कि प्रस्ताव के खिलाफ यूपी लॉ कमीशन को एक बच्चे वाले दंपति को प्रोत्साहित करने के प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराएगा और इसे हटाने का सुझाव देगा। इसके साथ ही देवबंद जैसे मुस्लिम संगठनों ने भी नई जनसंख्या नीति का विरोध शुरू कर दिया है।

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मीम्स ने मचाया बवाल
योगी सरकार की नई जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट डारी होने के बाद सियासी और धार्मिक गलियारों में ही नहीं सोशल मीडिया पर भी जमकर बवाल मचा हुआ है। नई जनसंख्या नीति को लेकर हर प्लेटफार्म पर मीम्स तैर रहे हैं। कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तो भाजपा के स्थानीय नेता मीम्स क्रिएटर्स के निशाने पर आ गए हैं। उनके बच्चों और परिवार की फोटो साझा कर तल्ख टिप्पणियां की जा रही हैं। सबसे ज्यादा “योगी जी! पहले अपने नेताओं की तो नसबंदी करवाओ” मीम ट्रेंड हो रहा है।

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