5 हजार के लिए चमड़ी उधेडऩे और जेल में सड़ाने की धमकी देने वाले दरोगा का यह हुआ हाल

घूसखोर एएसआई को 3 साल की जेल, 60 हजार का ठोका जुर्माना

कोटा. भ्रष्टाचार के 15 साल पुराने मामले में सोमवार को कोटा एसीबी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायाधीश प्रमोद कुमार मलिक ने घूसखोर एएसआई को 3 साल कारावास व 60 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। वहीं, जुर्माने की राशि जमा नहीं करवाने पर आरोपी को 4 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। साथ ही झूठी गवाही देने पर कोर्ट ने परिवादी व स्वतंत्र गवाह के खिलाफ धारा 344 के तहत नोटिस जारी कर तलब किया है।

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सहायक निदेशक अभियोजन अशोक कुमार जोशी ने बताया कि 27 अक्टूबर 2006 को अंता निवासी परिवादी लटूरलाल ने बारां एसीबी चौकी में लिखित शिकायत दी थी। जिसमें बताया कि दीपावली के दिन बैलों की पूजा के दौरान उसका अपने पड़ोसी रामनिवास के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें धक्का-मुक्की हुई थी। मैने रामनिवास को 1600 रुपए उधार दिए थे, जो उसने काफी दिनों तक नहीं लौटाए। तकाजा करने पर कहासुनी हो गई। इसके बाद रामनिवास ने मेरे और मेरे पुत्र नरेश के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज करवा दी। जिसकी जांच एएसआई नरेंद्र कर रहे थे। अगले दिन यानी 28 अक्टूबर को एएसआई नरेंद्र मुझे अदालत के बाहर मिले। जहां उन्होंने गाली-गलौच की और धमकी देते हुए कहा कि ‘अपनी जमानत के लिए 5000 हजार रुपए दे, नहीं तो तेरी चमड़ी उधेड़ दूंगा और जेल में सड़ा दूंगा’। काफी हाथा-जोड़ी करने पर एएसआई नरेंद्र शर्मा जमानत के नाम पर 2000 रुपए की रिश्वत लेने को तैयार हो गया। लेकिन, मैं रिश्वत नहीं देना चाहता। इस पर एसीबी टीम ने शिकायत का सत्यापन करवाया। जिसमें एएसआई नरेंद्र द्वारा रिश्वत मांगने की पुष्टी हुई। इसके बाद एसीबी ने आरोपी को दबोचने के लिए जाल बिछाया।

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1500 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया था एएसआई
एएसआई नरेंद्र शर्मा ने परिवादी को रिश्वत राशि के साथ अंता थाना परिसर में स्थित अपने सरकारी क्वार्टर में बुलाया। परिवादी ठीक समय पर आरोपी के क्वार्टर में पहुंच गया। जहां एएसआई नरेंद्र को 1500 रुपए रिश्वत राशि देकर बाहर आया। वहां पहले से तैनात एसीबी ने परिवादी से इशारा मिलते ही दबिश देकर आरोपी एएसआई नरेंद्र को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एसीबी टीम ने कोर्ट में आरोपी एएसआई के खिलाफ चालान पेश किया। मामले में सुनवाई करते हुए कोटा एसीबी कोर्ट ने घूसखोर एएसआई नरेंद्र को 3 साल की सजा व 60 हजार के जुर्माने से दंडित किया। इसके अलावा इस मामले में परिवादी लटूरलाल और स्वतंत्र गवाह बृजमोहन मालव पर झूठी गवाही देने के तहत भी कार्रवाई की जा रही है, उन्हें धारा- 344 दंड प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी कर तलब किया गया है।

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कोर्ट की टिप्पणी-एएसआई ने वर्दी को किया दागदार
मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, अभियुक्त (एएसआई) ने अपने लोक कर्तव्यों का पालन नहीं किया। थाने में दर्ज परिवाद की निष्पक्ष जांच कर सक्षम अधिकारी के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए थी। उस पर विधिक व प्रशासनिक जिम्मेदारी थी लेकिन अभियुक्त ने अपने कत्र्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती और आपराधिक प्रकरण में परिवादी से 2000 की रिश्वत लेकर पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा को धूमिल कर वर्दी को दागदार किया है। वहीं, अभियुक्त को वैध दंड से बचाने के लिए परिवादी लटूरलाल व स्वतंत्र गवाह बृजमोहन मालव ने न्यायालय में मिथ्य साक्ष्य दिए है। इस पर कोर्ट ने अभियुक्त एएसआई नरेन्द्र कुमार को दंडित कर परिवादी लटूरलाल व स्वतंत्र गवाह बृजमेाहन मालव के विरूद्ध धारा 344 के तहत नोटिस भेज तलब किया है।

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