राजस्थानः 3 मई तक सरकार ने लगाया “जनता कर्फ्यू” दफ्तर बाजार रहेंगे बंद

खाद्य पदार्थ, किराने का सामान, मंडियां और डेयरी शाम 5 बजे तक खुल सकेंगी

कोटा. राजस्थान में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए गहलोत सरकार ने पूरे प्रदेश में 03 मई तक “जनता कर्फ्यू” लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। रविवार देर रात प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने इस बाबत आदेश जारी किए। हालांकि इस बार सरकार ने इसका नाम बदल कर अनुशासन पखवाड़ा कर दिया है।

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48 घंटे के बाद हो सका फैसला 
कोरोना की दूसरी लहर राजस्थान पर खासी भारी पड़ रही थी। वीकेंड लॉकडाउन के बाद भी जब हालात में सुधार होने के बजाय कोरोना केस दूगनी रफ्तार से बढ़कर दस हजार का आंकड़ा पार कर गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार दो दिनों से कैबिनेट के साथ-साथ आला अफसरों से हालात पर काबू पाने के लिए बैठकें कर रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि केंद्र सरकार की ओर से लॉक डाउन लगाने या फिर इस बाबत कोई निर्णय लेने के निर्देश दिए जाएंगे, लेकिन लेकिन केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई सख्त कदम उठाना तो दूर राज्यों को निर्देश जारी करने पर भी चुप्पी साध ली। जिसके बाद रविवार देर रात गहलोत सरकार ने एक पखवाड़े के लिए पूरे राज्य में जनता कर्फ्यू की तर्ज पर अनुशासन पखवाड़ा मनाने का फैसला लिया।

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प्रमुख शासन सचिव ने जारी किया आदेश 
रविवार देर रात प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने पूरे प्रदेश में 19 अप्रैल की सुबह पांच बजे से लेकर 03 मई की सुबह पांच बजे तक जन अनुशासन पखवाड़ा मनाने के आदेश जारी कर दिए। जिसके मुताबिक अगले 15 दिनों तक सभी कार्यस्थल, व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं बाजार बंद रहेंगे। सामान्य गतिविधियां जिनके कारण कोरोना संक्रमण अधिक बढ़ रहा है, पूरी तरह प्रतिबन्धित होंगी।

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जनता कर्फ्यू में यह पाबंदिया लागू होंगी 
जन अनुशासन पखवाड़ा के दौरान लागू होने वाले प्रतिबंध जनसामान्य की सुविधा एवं आवश्यक सेवाओं एवं वस्तुओं की निरंतर उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए इन लोगों पर लागू नहीं होंगेः-

  • उपयुक्त पहचान पत्र के साथ राजकीय कार्मिकों यथा जिला प्रशासन, गृह, वित्त, पुलिस, जेल, होमगार्ड कन्ट्रोल रूम एवं वॉर रूम, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाऐं, सार्वजनिक परिवहन, आपदा प्रबंधन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगर निगम, नगर विकास प्रन्यास, विद्युत, पेयजल, स्वच्छता, टेलीफोन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं चिकित्सा संबंधी इत्यादि।
  • केन्द्र सरकार की आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्यालय एवं संस्थान अनुमत रहेंगे एवं संबंधित कार्मिक उपयुक्त पहचान पत्र के साथ अनुमत होंगे। इनके अलावा समस्त कार्यालय बंद रहेंगे।
  • बस स्टैण्ड, रेल्वे, मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट से आने जाने वाले व्यक्तियों को यात्रा टिकट दिखाने पर आवागमन की अनुमति होगी। राज्य में आने वाले यात्रियों को यात्रा शुरू करने के पिछले 72 घंटे के अंदर करवाई। ‘आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगी।
  • गर्भवती महिलाओं और रोगियों को चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य सेवाओं के परामर्श के लिए जाने की अनुमति होगी।
  • सभी निजी चिकित्सालय लैब एवं उनसे सम्बन्धित कार्मिक (उपयुक्त पहचान पत्र के साथ) जैसे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल एवं अन्य चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं के कर्मचारी आवागमन कर सकेंगे।
  • खाद्य पदार्थ एवं किराने का सामान, मण्डियां, फल एवं सब्जियां, डेयरी एवं दूध, पशुचारा से सम्बन्धित खुदरा (रिटेल) / थोक (होल सेल) दुकानें सिर्फ पांच बजे तक खोली जा सकेंगी। जहां तक संभव हो इनके द्वारा होम डिली व्यवस्था की जायेगी। सब्जियां एवं फलों को ठेले, साईकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा से शाम 7 बजे तक बेचा जा सकेगा।
  • अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के अन्दर माल परिवहन करने वाले भार वाहनों के आवागमन, माल के लोडिंग एवं अनलोडिंग तथा उक्त कार्य हेतु नियोजित व्यक्ति राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर संचालित ढाबे एवं वाहन रिपेयर की दुकानें अनुमत होंगी।
  • वर्तमान में रबी की फसलों की आवक मण्डियों में हो रही है तथा समर्थन मूल्य पर फसलों को क्रय किया जा रहा है। यह कार्यवाही भी अनुमत होगी। अतः ऐसे केन्द्रों पर भी कोविङ उपयुक्त व्यवहार की पालना सुनिश्चित की जावेगी किन्तु कृषकों का मण्डी पहुंचने एवं वापस जाने के अतिरिक्त मण्डी परिसर से बाहर आवागमन पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा, साथ ही कृषकों को मण्डी जाते समय अपने माल का सत्यापन एवं वापस जाते समय बिक्री की रसीदे / बिल का सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा।
  • राशन की दुकानें बिना किसी अवकाश के खुली रहेंगी।
  • 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को जिन्होंने टीकाकरण हेतु पहले से रजिस्ट्रेशन करवा रखा है, को टीकाकरण हेतु टीकाकरण स्थल पर जाने की अनुमति होगी किन्तु साथ में रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज एवं अपना आई.डी. कार्ड साथ में रखना अनिवार्य होगा।
  • समाचार पत्र वितरण हेतु सुबह 4 बजे से 8 बजे तक छूट होगी। इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रिन्ट मीडिया के कार्मिकों को परिचय पत्र के साथ आने-जाने की अनुमति होगी।
  • विवाह समारोह एवं अंतिम संस्कार से सम्बन्धित गतिविधियों पर पाबंदियां पहले की ही तरह लागू रहेंगी।
  • परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केन्द्र पर आवागमन की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें अपना प्रवेश पत्र दिखाना होगा।
  • फार्मासुटिकल्स, दवाऐं एवं चिकित्सकीय उपकरणों से सम्बन्धित दुकानें पहले की तरह खुली रहेंगी।
  • दूरसंचार इंटरनेट सेवाऐं डाक सेवाऐं, कुरियर सुविधा प्रसारण एवं केबल सेवाऐं, आईटी एवं आईटी संबंधित सेवाऐं। बैंकिंग सेवाओं हेतु बैंक, एटीएम एवं बीमा कार्यालय खुले रहेंगे।
  • सेबी / स्टॉक से सम्बन्धित व्यक्तियों को उपयुक्त पहचान पत्र के साथ अनुमति होगी।
  • भोजन सामग्री, फार्मासुटिकल्स, चिकित्सकीय उपकरण आदि सभी आवश्यक वस्तुओं का ई-कॉमर्स के माध्यम से वितरण हो सकेगा।
  • प्रोसेस्ड फूड / मिठाई व मिष्ठान / रेस्टोरेन्ट्स द्वारा होम डिलीवरी रात्रि 8:00 बजे तक अनुमत होगी।
  •  इन्द्रा रसोई में भोजन बनाने एवं उसके वितरण का कार्य रात्रि 8 बजे तक कोविड गाईडलाईन के अनुसार अनुमत होगा।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं अन्य ग्रामीण विकास योजनाओं के अंतर्गत काम करने वाले श्रमिक काम पर जा सकेंगे।
  • एलपीजी, पेट्रोल पम्प, सीएनजी, पेट्रोलियम एवं गैस से संबंधित खुदरा (रिटेल) / थोक (होल सेल) ऑउटलेट की सेवाऐं रात्रि 8 बजे तक अनुमत होंगी।
  • समस्त उद्योग एवं निर्माण से सम्बन्धित इकाईयों में कार्य करने की अन होगी जिससे की श्रमिक वर्ग का पलायन रोका जा सके। सम्बन्धित द्वारा अपने श्रमिकों को अधिकृत व्यक्ति द्वारा पहचान पत्र जारी किया जिससे कि आवागमन में सुविधा हो। संस्थान को अधिकृत व्यक्ति हस्ताक्षर एवं विवरण जिला कलक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा।

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जिला कलक्टर और एसपी सिटी लेंगे फैसला 
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस आयुक्त द्वारा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं एवं लगाये गये प्रतिबंधों में शिथिलता प्रदान की जा सकती है। उक्त दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 188 के कानूनी प्रावधानों के अन्तर्गत व अन्य कानूनी प्रावधान जो लागू हों के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 एवं राजस्थान महामारी अधिनियम, 2020 के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। फेस मास्क पहनना एक आवश्यक निवारक उपाय है। इस मुख्य आवश्यकता को लागू करने के लिए, सार्वजनिक और कार्य स्थलों पर चेहरे पर मास्क नहीं पहनने वाले व्यक्तियों पर नियमानुसार जुर्माना लगाने की कार्यवाही की जावेगी।

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