अब यहां सिर्फ बिजली के इंजन से दौड़ेगी रेल, देखिए, देश का अनूठा रिकॉर्ड

कोटा. कोटा-चित्तौडगढ़़ रेल खंड का विद्युतीकरण होने के साथ ही पश्चिम मध्य रेलवे देश का पहला इलेक्ट्रीक जोन बन गया है। यहां से गुजरने वाली ट्रेनों का संचालन अब तेज गति से किया जा सकेगा। इससे तेल की बचत, यात्रा समय में कमी व पर्यावरण सुरक्षा जैसे लाभ मिलेंगे।

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पश्चिम मध्य रेलवे का 3012 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक विद्युतिकृत हो जाने से अब विभिन्न स्थानों पर ट्रेन का इंजन बदलने में समय नहीं लगेगा। अब तक कई मार्गों पर विद्युत इंजन से डीजल इंजन या डीजल इंजन से विद्युत इंजन बदलना पड़ता था। जिसके कारण बहुत समय खराब होता था। अब ट्रैक इलेक्ट्रीक हो जाने से इस समस्या से निजात मिल सकेगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सितार 2017 में भारतीय रेलवे में 100 प्रतिशत विद्युतिकरण कार्यक्रम की घोषणा की थी। पश्चिम मध्य रेलवे में भोपाल मण्डल का 1025 किमी रेलवे ट्रैक, जबलपुर मण्डल का 1085 किमी ट्रैक पहले से ही इलेक्ट्रीक थे। अब कोटा मण्डल का 902 किमी रेलवे ट्रैक भी इलेक्ट्रीफाइड हो जाने से पश्चिम मध्य रेलवे देश का पहला इलेक्ट्रीक रेलवे जोन बन गया है।

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सालाना 100 करोड़ की होगी बचत
रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रीक होने से अब कोटा मंडल को प्रतिवर्ष डीजल मद में खर्च हो रहे 100 करोड़ रुपए की बचत हो सकेगी। मालगाडिय़ां व यात्री गाडिय़ां विद्युत इंजिन से चलने के कारण संरक्षा और समय में सुधार होगा। साथ ही ट्रेनों की रफ्तार व क्षमता में भी बढ़ोत्तरी होगी।

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यहां बिजली इंजन से चलेगी ट्रेन
मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त शैलेष कुमार पाठक ने कोटा मंडल के श्रीनगर व जालिन्द्री रेलवे स्टेशनों के बीच हुए विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण किया। इस रेलखंड में भी बिजली इंजनों से यात्रीगाडिय़ों को चलाने की सहमति मिल गई है। पाठक ने कहा कि पश्चिम मध्य रेलवे जोन भारतीय रेलवे का पहला इलेक्ट्रीक जोन बन गया है।

रेलवे वर्कशॉप ने रचा इतिहास, देश में सबसे ज्यादा वैगन किए मरम्मत
रेलवे माल डिब्बा मरम्मत कारखाना (वर्कशॉप) ने देश में सबसे ज्यादा वैगनों की मरम्मत कर इतिहास रचा है। रेलवे वर्कशॉप ने वर्ष 2020-21 में 5751 वैगनों की मरम्मत कर यह उपलब्धि हासिल की है।  सूत्रों के अनुसार वर्कशॉप में हर महीने औसतन 500 वैगनों की मरम्मत होती है। साल भर में करीब 6000 वैगन मरम्मत किए जाते हैं। लेकिन, इस बार कोरोना काल में वर्कशॉप बंद रहने के कारण लक्ष्य पूरा नहीं कर सके। घाटे की भरपाई के लिए वर्कशॉप ने हर महीने करीब 600 वैगन तैयार करना शुरू किया। जिसके चलते कोटा वर्कशॉप ने देश में सबसे ज्यादा वैगन तैयार करने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया है।

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