BJP के विधायक का फर्जीवाड़ाः चुनाव भी रद्द हुआ और जेल भी जाना पड़ा

फर्जी मार्कशीट लगाकर लड़ा दिया चुनाव, चुनाव जीतने के बाद दस्तावेजों की हुई जांच तो खुली पोल

  • सलूंबर से बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा को कोर्ट ने भेजा जेल 
  • अमृत लाल ने पत्नी की फर्जी मार्कशीट बनवाकर लड़ा दिया था पंचायत चुनाव 

TIS Media@Jaipur राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस को घेरने में जुटे विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अंदरूनी मुसीबतें खत्म होने का ही नाम नहीं ले रही हैं। कई खेमों में बंट चुकी भाजपा को इस बार सलूंबर के विधायक की करतूत ने शर्मशार कर डाला है। भाजपा के इस विधायक ने पंचायत चुनावों में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए पत्नी को फर्जी मार्कशीट बनवाकर चुनाव लड़वा दिया। पोल खुली तो अदालत ने जेल भेज दिया।

राजस्थान के सलूंबर (Salumber Rajasthan ) विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक (Bjp MLA) अमृतलाल मीणा (Amrit Lal Meena) को फर्जी मार्कशीट बनवा कर अपनी पत्नी को पंचायत चुनाव लड़ाने के आरोप में कोर्ट ने सोमवार को जेल भेज दिया। दरअसल, 6 साल पहले यानि साल 2015 में हुए पंचायत चुनावों (Panchayat Election Rajasthan) में  विधायक अमृतलाल मीणा ने अपनी पत्नी शांता देवी को सेमारी पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़वाया था। शांता देवी ने निकट प्रतिद्वंद्वी सुगना देवी को हराकर यह चुनाव जीत भी लिया, लेकिन, चुनाव जीतने के बाद सुगना देवी ने विधायक पर पत्नी की फर्जी मार्कशीट बनवाकर चुनाव लड़ाने का आरोप लगाया।

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एफआईआर तक दबा दी 
फर्जी मार्कशीट से पत्नी को पंचायत चुनाव जिताने वाले विधायक अमृत लाल मीणा के खिलाफ सुगना देवी ने थाने से लेकर सरकार तक शिकायतें दी। एफआईआर तक करवाई, लेकिन सूबे में भाजपा की सत्ता होने का फायदा उठाकर विधायक ने जांच सीबीसीआईडी में ट्रांसफर करवा ली, लेकिन जब सीबीसीआईडी ने निष्पक्षता से जांच की तो मीणा की पोल खुल गई। जांच में विधायक की पत्नी की मार्कशीट नकली पाई गई।

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सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए मीणा 
जांच में मार्कशीट फर्जी निकलने के बाद सीबीसीआईडी ने विधायक की भूमिका की जांच की। जांच में खुलासा हुआ कि विधायक अमृत लाल मीणा ने ही यह मार्कशीट बनवाई थी। अभिभावक के कॉलम में पत्नी की मार्कशीट पर उनके दस्तखत भी थे। जिसके बाद सीबीसीआईडी ने उन्हें भी फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले में सह आरोपी बना लिया। इसके बाद जैसे ही विधायक पर गिरफ्तारी के बादल मंडराने लगे वह जमानत के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचे। अदालती कार्यवाही की आड़ में 6 साल तक पुलिस से बच कर भाग रहे विधायक पर गाज उस वक्त गिरी जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने के बजाय निचली अदालत में सरेंडर करने के आदेश दे दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मीणा ने सोमवार को सहाड़ा कोर्ट में सरेंडर कर जमानत के लिए अर्जी दाखिल की। अदालत में करीब दो घंटे तक चली लंबी बहस के बाद आखिरकार सहाड़ा कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर सीधे जेल भेज दिया।

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भाजपा की बढ़ी मुश्किलें 
राजस्थान भाजपा सत्ताधारी कांग्रेस को विधानसभा चुनावों के बाद से लगातार घेरने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें सफल होना तो दूर पूरी तरह से टक्कर तक नहीं दे पा रही। भाजपा के दिग्गज नेता गजेंद्र सिंह पहले से ही सरकार गिराने की साजिशों के आरोप में उलझे हुए हैं। वहीं वसुंधरा और पूनिया खेमा खुलेआम तलवारें भांज रहा है। जयपुर की महापौर को पद से हटाने के बाद लगा था कि भाजपा पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन छेड़ेगी, लेकिन सड़क पर उतने की बात तो दूर सहाड़ा विधायक के फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तारी के बाद पार्टी बुरी तरह बैकफुट पर आ गई है।

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