8 घंटे में 9 बच्चों की मौत : चिकित्सा मंत्री ने जेकेलोन अस्पताल को दी ‘क्लीन चिट’, गरमाई सियासत

कोटा. महज 8 घंटे में 9 नवजात शिशुओं की मौत से सुर्खियों में आया कोटा का जेकेलोन अस्पताल ( Kota JK Lone Hospital ) व्यवस्थाओं में सुधार की जगह राजनेतिक अखाड़ा बनता नजर आ रहा है। सियासत तब गर्मा गई जब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने अस्पताल प्रशासन को क्लीन चिट दे दी। विरोधी दल भाजपा ने इसे मुद्दा बनाते हुए पुरजोर तरीके से उठाना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ( Former CM Vasundhara Raje ) ने ट्वीट कर पूरे मामले को आहत करने वाला बताया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया सहित अन्य नेताओं ने सरकार पर निशाना साधते हुए उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।

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इस आधार पर मंत्री ने दी क्लीन चिट 

मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि 3 बच्चे अस्पताल में मृत ही लाए गए थे, जबकि 3 बच्चों को जन्मजात बीमारी थी और 3 बच्चों की मौत फेफड़ों में दूध जाने के कारण हुई है। उन्होंने एक भी शिशु की मौत को प्रशासनिक या डॉक्टरी लापरवाही से नहीं होना माना है। जेकेलोन अस्पताल से मिली रिपोर्ट के आधार पर मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को क्लीन चिट दी है।
दोषियों को बचा रही सरकार : राजे
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा, कोटा के इसी अस्पताल में प्रशासन की लापरवाही से पिछले वर्ष भी केवल एक माह में ही सैंकड़ों बच्चों की मौत हुई थी। लेकिन, सरकार ने अपनी किरकिरी से बचने के लिए उस समय भी दोषियों को बचाने का काम किया था और अब भी यही किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
जागो सरकार जागो, नहीं तो भागो: पूनिया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि कोटा के सरकारी अस्पताल में 9 नवजात बच्चों की मौत हो गई, जबकि पिछले साल यहीं पर 35 दिन में 107 बच्चों की मौत हुई थी। इसके बावजूद भी सरकार नहीं चेती। पूनिया ने सन्देश में कहा, जागो सरकार जागो, नहीं तो भागो।

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घटना मानवीय संवेदना झकझोरने वाली: राठौड़

पूर्व चिकित्सा मंत्री व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस घटना को शर्मसार करने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक भी शिशु की मौत होना मानवीय संवेदना को झकझोरने वाला है। सरकार उन पीडि़त परिजनों की व्यथा को समझे जिन्होंने अपना बच्चा खोया है और इस मामले की त्वरित जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

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