कोरोना कुप्रबंधन: सीएम योगी घिरे, विधायकों-सांसदों के बाद अब केंद्रीय मंत्री ने भी खोला मोर्चा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भारी पड़ी अफसरशाही, बेकाबू हुए हालात

  • योजना बनाना तो दूर, आपातकालीन इंतजाम तक में चूकी योगी सरकार

TIS Media @Bareilly. जनता की तो छोडिए, अपनी ही सरकार में इलाज और दवाओं के आभाव में विधायक और मंत्री तक दम तोड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कोरोना कुप्रबंधन से नाराज भाजपा नेता अब अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने लगे हैं। दम तोड़ती व्यवस्था के खिलाफ इस बार मोर्चा खोला है केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने। गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमितों के इलाज में हो रही अव्यवस्थाओं की शिकायत की है।

केंद्रीय मंत्री से पहले बरेली के तीन भाजपा विधायक भी मुख्यमंत्री से संक्रमित मरीज़ों के इलाज में हो रही दिक्कतों, ऑक्सीजन की कमी, वेंटिलेटर की व्यवस्था न होना, आईसीयू बेड को लेकर बदइंतजामी और  बाईपैप एवं  आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में हो रही देरी की शिकायत कर चुके हैं।

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हर तरफ सिर्फ अराजकता
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की अस्पतालों में भर्ती को लेकर व्याप्त अव्यवस्था और अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाये जाने की शिकायत की है। गंगवार ने शनिवार को बरेली में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री को यह पत्र सौंपा। गंगवार ने इस पत्र में लिखा है कि ‘ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि रेफर किए जाने के बाद भी मरीज जब सरकारी अस्पताल में जाता है, तो उससे कहा जाता है कि जिला अस्पताल से दोबारा रेफर करवाकर लाएं। इससे मरीज की हालत और बिगड़ती जाती है। यह चिंता का विषय है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि संक्रमित मरीज को कम से कम समय में रेफरल अस्पतालों में तुरंत भर्ती किया जाए।’

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कालाबाजारी बंद करो, कैसे भी इलाज दो
केंद्रीय मंत्री ने मल्टी पैरा मॉनिटर, बायोपैक मशीन, वेंटिलेटर तथा अन्य जरूरी उपकरणों को बाजार में डेढ़ गुना दाम पर बेचे जाने की भी शिकायत करते हुए अनुरोध किया है कि सरकार इन चीजों की कीमतें निर्धारित करे। उन्होंने बरेली में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाये जाने की भी शिकायत की और कहा कि इससे मरीजों को काफी असुविधा हो रही है। गंगवार ने पत्र में आग्रह किया कि ऐसे इंतजाम किए जाएं कि बरेली में संक्रमित मरीजों को किसी भी निजी अस्पताल में भर्ती कराया जा सके और उन निजी अस्पतालों को कोविड-19 अस्पतालों को मिलने वाली सुविधा भी दी जाए। उन्होंने पत्र में कहा कि बरेली में खाली ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी है। गंगवार ने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि शहर के बहुत से लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर अपने घरों में एहतियात के तौर पर रख लिए हैं और वे इन्हें मनमाने दाम पर बेच भी रहे हैं। उन्होंने आग्रह किया कि प्रशासन ऐसे लोगों को चिह्नित करे और उनके खिलाफ कार्रवाई करे ताकि जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन के सिलेंडर पहुंचाया जा सके।

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सरकार दे छूट ताकि लगें ऑक्सीजन प्लांट
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी से आग्रह किया कि मध्य प्रदेश की तर्ज पर बरेली में भी कुछ निजी और सरकारी अस्पतालों को 50 फीसदी छूट देने के साथ जल्द से जल्द ऑक्सीजन संयंत्र मुहैया कराया जाए ताकि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली परेशानी से जल्द से जल्द निपटा जा सके। गंगवार ने कोविड-19 के टीके से संबंधित एक सुझाव देते हुए कहा कि आयुष्मान भारत से जुड़े सभी अस्पतालों में टीकाकरण किया जाए। केंद्रीय मंत्री के अलावा बरेली के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वहां की अव्यवस्था पर चिंता जताते हुए तत्काल समाधान की मांग की है।

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विधायकों ने भी की शिकायत
बरेली नगर विधायक डॉ. अरुण कुमार ने भी मुख्यमंत्री को एक पत्र सौंपा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि बरेली को प्रतिदिन 30 मीट्रिक ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए और वेंटिलेटर, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड, बाईपैप आदि की कमी दूर कराई जाए। साथ ही आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने में पांच दिन लग रहे हैं तब तक संक्रमित व्यक्ति कई अन्य को संक्रमित कर देता है। वहीं, फरीदपुर से विधायक प्रो. श्याम बिहारी लाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि सीएचसी पर ट्रू नॉट मशीन उपलब्ध है लेकिन उसकी स्ट्रिप खत्म हो गई हैं। इसके कारण वह निष्प्रयोज्य पड़ी है। उन्होंने कहा कि अगर स्ट्रिप उपलब्ध करा दी जाएं तो कोरोना की जांच में तेजी आ जाएगी। जबकि बरेली के बिथरी से विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमेटी बनने से पहले ही उसकी खूब कालाबाजारी हुई। उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाए और मरीजों के लिए इसकी समुचित व्यवस्था की जाए।

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लगातार बढ़ रहा योगी का विरोध
इससे पहले राजधानी लखनऊ समेत कई अन्य क्षेत्रों के सांसदों और विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रदेश में व्याप्त स्वास्थ्य अव्यवस्था पर नाराजगी जताई थी। इससे पहले पिछले पांच दिन के अंदर ही दो विधायकों लखीमपुर खीरी में मोहम्मदी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह और बस्ती जिले के रूधौली के विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि उनके जिलों में ऑक्सीजन व अन्य जरूरी संसाधनों की कमी है. इस कारण लोग मर रहे हैं। इससे पहले भाजपा के कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी ने अपने जिले के प्रभारी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को पत्र लिखकर समय पर इलाज न मिलने के कारण लोगों की जान जाने की ओर इशारा किया था और सरकार से कोविड-19 की तीसरी लहर की तैयारी के लिए कहा था। इन विधायकों के अलावा पिछले महीने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखते हुए लखनऊ के मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने आरोप लगाया था कि जीवन बचाने के लिए आवश्यक वेंटिलेटर अस्पतालों में पड़े-पड़े धूल खा रहे हैं. जबकि इससे पहले कानून मंत्री बृजेश पाठक ने प्रदेश के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर राजधानी में खराब होती स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर ध्यान दिलाया था।

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मंत्री और विधायक तक हो चुकी है मौत
बता दें कि, कोविड-19 के कारण ही उत्तर प्रदेश के चार भाजपा विधायकों की मौत हो चुकी है जिसमें से राज्य के पूर्व मंत्री और रायबरेली के सलोन से विधायक दल बहादुर कोरी का बीते शुक्रवार को ही लखनऊ में कोविड-19 से निधन हुआ। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के बरेली जिले के नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से सदस्य केसर सिंह, लखनऊ पश्चिम के विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव, औरैया सदर के विधायक रमेश चंद्र दिवाकर की कोविड संक्रमण से मौत हो गई थी।

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