“कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चे अब राज्य की संपत्ति” आखिर क्या करना चाहते हैं योगी आदित्यनाथ…

- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जारी किया आदेश
लखनऊ. कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही सियासी गलियारों की बयानबाजियों ने कहर बरपा रखा है। गांव-कस्बों से लेकर शहर और राज्य ही नहीं देश और दुनिया तक इन बयानबाजियों से हलकान है। कांग्रेस की टूल किट लीक होने का मामला अभी ठंडा भी न पढ़ा ता कि सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ पसर गए। कोरोना कहर की वजह से अनाथ हुए बच्चों को उन्होंने राज्य की संपत्ति घोषित कर दिया। जिसके बाद लोगों ने पूरी बात सुने बगैर ही उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बयान जारी किया कि कोरोना काल के दौरान निराश्रित यानि अनाथ हुए बच्चे अब राज्य की संपत्ति होंगे। इसके बाद तो सोशल मीडिया पर सीएम योगी के बयान ने ऐसा बबंडर मचा दिया कि समंदर का ताउते ट्रोलर के हाथ लग गया हो। हर तरफ योगी की तस्वीर और उनका बयान “महामारी के बीच अनाथ हुए बच्चे अब राज्य की संपत्ति’ ट्रोल होने लगा।
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योगी सरकार का बड़ा फैसला
#TISMedia ने जब बयान की हकीकत जानने की कोशिश की तो माजरा कुछ और ही निकला। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया। जिसके मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनाथ बच्चों के पालन पोषण से लेकर पढ़ाई लिखाई और देख भाल की जिम्मेदारी सरकार को सौंपने का फैसला किया है। दरअसल बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए गठित की गई टीम 9 के साथ हुई राजधानी लखनऊ में बैठक की। इस बैठक में कोरोना संक्रमण के चलते अनाथ और निराश्रित हुए बच्चों को लेकर एक अहम फैसला लिया गया। फैसला यह कि कोविड-19 महामारी के कारण जिन बच्चों से उनके पालनहारों का साया छिन गया होगा उनकी परवरिश की सारी जिम्मेदारी अब सरकार उठाएगी। लेकिन, बैठक के बाद जारी हुए एक लाइन के आदेश ने ट्रोलर्स को सीएम योगी और यूपी सरकार की बखिया उधेड़ने का मौका दे दिया। इस एक लाइन के आदेश में लिखा गया था कि “निराश्रित हुए बच्चे अब राज्य की संपत्ति हैं” । जिसका लोगों ने यह अर्थ लगा लिया कि सरकार अनाथ बच्चों पर कब्जा करने की सोच रही है। जबकि ध्यान रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से सभी जिम्मेदारियां निभाने का फैसला किया गया था।
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बच्चों को राज्य सरकार मुहैया कराएगी सुविधाएं
इस बाबत जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, कोविड के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हुआ है, उन बच्चों के भरण-पोषण समेत सभी जिम्मेदारियां उठाने के साथ ही हर संभव सुविधाएं राज्य सरकार की ओर से मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को तत्काल प्रभाव से विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
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प्रदेश में रिकवरी रेट 91.04 फ़ीसदी
उत्तर प्रदेश में अब कोरोना थमता दिखाई दे रहा है. बात अगर पिछले 24 घंटो की करे तो स्वास्थ अपर मुख्य सचिव,अमित मोहन प्रसाद के अनुसार यूपी में 7336 कोरोना पॉज़िटिव मामले सामने आए हैं। प्रदेश में पिछले 24 घण्टे में 19,669 संक्रमित डिस्चार्ज किये गए हैं। प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 1 लाख 23 हज़ार 579 है, इनमें से 88 हज़ार 764 संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। अमित मोहन प्रसाद के अनुसार प्रदेश में रिकवरी रेट 91.04 फ़ीसदी है. और वहीं पॉजिटिविटी रेट 2.06 हो गया है। प्रदेश में आज 282 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। पिछले 24 घण्टे में 2 लाख 99 हज़ार 327 सैम्पल की जांच की गई। इसके साथ ही योगी सरकार ने लॉकडाउन को लेकर अब नए निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कोविड महामारी के मद्देनजर अधिकतम 25 लोगों को शादियों और अन्य समारोहों में शामिल होने की अनुमति दी गई है।