1 अप्रैल: आम आदमी की जेब पर एक साथ हुए 10 हमले, गैस सिलेंडर की कीमतों में लगी आग

TISMedia@Kota नए वित्त वर्ष (2022-23) के पहले दिन यानी 1 अप्रैल 2022 से कई बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका असर हर आम और खास की जेब पर पड़ने वाला है। एक तरफ पीएफ खाता और क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स चुकाना होगा। वहीं होम लोन पर मिल रही अतिरिक्त छूट से हाथ धोना पड़ेगा। इसके अलावा एलपीजी के बढ़े रेट आपकी जेब पर बोझ बढ़ाएंगे। यहां हम आपको 10 ऐसे बदलावों के बारे बता रहें जिसका असर आपके बजट पर पड़ सकता है।

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1. गैस सिलेंडर के दाम बढ़े 
चुनाव खत्म होने के बाद 10 दिन बाद 22 मार्च गए। एक बार फिर 1 अप्रैल को नए रेट जारी हो गए हैं । कामर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम 250 रुपये तक बढ़ गए हैं। बता दें उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत 5 राज्यों में चुनाव के चलते एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में पिछले कई महीनों से राहत मिल रही थी। आखिरी बार घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट 6 अक्टूबर 2021 को बदले थे। जबकि कामर्शियल सिलेंडर के रेट घटते-बढ़ते रहे।

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2. होम लोन पर अतिरिक्त छूट खत्म
सरकार ने 2019 के बजट में आयकर कानून में नया सेक्शन 80ईईए जोड़ा था। इस सेक्शन के तहत प्रावधान किया गया कि पहली बार घर खरीदने वालों को होम लोन के ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती का फायदा दिया जाएगा। यह फायदा धारा 24 के अंतर्गत होम लोन के ब्याज पर अधिकतम दो लाख रुपये तक की टैक्स छूट के अतिरिक्त है। बजट 2022 में इस धारा को आगे के लिए नहीं बढ़ाया।

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3. दवाएं होंगी खासी महंगी
नए वित्त वर्ष की शुरुआत से आम आदमी को दवाइयों पर खर्च बढ़ने वाला है। करीब 800 आवश्यक दवाओं की कीमतों में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी होने वाली है। इनमें बुखार की बुनियादी दवा पैरासिटामॉल भी शामिल है। राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारक प्राधिकरण (एनपीपीए) ने इन दवाओं के थोक मूल्य सूचकांक में बदलाव को अपनी मंजूरी दे दी है।

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4. पीएफ खाता पर टैक्स
एक अप्रैल 2022 से जो सबसे बड़े बदलावों में सबसे अहम है पीएफ खाता पर टैक्स है। ईपीएफ खाते में 2.5 लाख रुपये तक टैक्स फ्री योगदान की सीमा लगाई जा रही है। अगर इससे ऊपर योगदान किया, तो ब्याज आय पर टैक्स लगेगा। वहीं सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ में टैक्स फ्री योगदान की सीमा पांच लाख रुपये सालाना होगी।

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5. म्यूचुअल फंड में केवल डिजिटल भुगतान
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए एक अप्रैल से भुगतान, चेक, बैंक ड्राफ्ट या अन्य किसी भौतिक माध्यम से नहीं कर पाएंगे। म्यूचुअल फंड ट्रांजेक्शन एग्रीगेशन पोर्टल एमएफ यूटिलिटीज (एमएफयू) 31 मार्च 2022 से चेक-डिमांड ड्राफ्ट आदि के जरिए पेमेंट सुविधा को बंद करने जा रहा है। इसके बाद राशि जमा करने के लिए आपको सिर्फ यूपीआई या नेटबैंकिंग की सुविधा मिलेगी।

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6. वाहन कंपनियां बढ़ाएंगी दाम
कुछ बड़ी कंपनियों ने अपने वाहनों के दाम में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। टाटा मोटर्स ने कहा है कि वह अपने वाणिज्यिक वाहनों की कीमतें 2.5 फीसदी तक बढ़ाएगी। मर्सिडीज बेंज इंडिया ने भी कहा है कि वह वाहनों की कीमत तीन फीसदी तक बढ़ाएगी। टोयोटा कीमतों को चार फीसदी तक बढ़ाने का ऐलान कर चुकी है। वहीं बीएमडब्ल्यू कीमतों में 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी।

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7. डाकघर में नकद नहीं मिलेगा ब्याज
डाकघर की मासिक आय योजना (एमआईएस), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) या डाकघर टर्म डिपॉजिट में निवेश से जुड़े नियम भी बदल गए हैं। इनमें ब्याज की राशि एक अप्रैल से नकद नहीं मिलेगी। इसके लिए आपको बचत खाता खोलना होगा। इसके अलावा जिन ग्राहकों ने अपने डाकघर बचत खाता या बैंक खाता को अपनी इन योजनाओं से लिंक नहीं किया है, उसे लिंक कराना जरूरी होगा। इसमें सीधे ब्याज का भुगतान होगा।

8. एक्सिस बैंक के ग्राहकों को झटका
एक्सिस बैंक में जिन ग्राहकों का वेतन अथवा बचत खाता है, उनके लिए नए नियम लागू हो रहे हैं। बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दी है। एक्सिक बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक बैंक ने मुफ्त नकद निकासी की निर्धारित सीमा को भी बदलकर चार चार या 1.5 लाख रुपये कर दिया है।

9. जीएसटी ई-चालान का नियम बदला
सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) ने माल और सेवा कर (जीएसटी) के तहत ई-चालान (इलेक्ट्रॉनिक चालान) जारी करने के लिए टर्नओवर सीमा को पहले तय सीमा 50 करोड़ रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया है। यह नियम भी एक अप्रैल 2022 से लागू हो गया है।

10. टैक्स के दायरे में क्रिप्टो से कमाई
एक बड़ा बदलाव क्रिप्टोकरंसी पर लगने वाले टैक्स का है। बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट या क्रिप्टो पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान किया था। इसके तहत अगर क्रिप्टोकरंसी बेचने पर निवेशक को जो फायदा होगा उस पर उसे सरकार को टैक्स देना होगा। इसके साथ ही जब-जब कोई क्रिप्टोकरंसी बेचेगा तो उसकी बिक्री का एक फीसदी की दर से टीडीएस भी कटेगा।

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