Narendra Giri Death Case: सीबीआई ने फिलहाल नहीं मानी हत्या, IPC-306 में दर्ज की एफआइआर
TISMedia@Prayagraj अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत की जांच अब सीबीआई करेगी। सीबीआई ने शुक्रवारको अमर गिरी पवन महाराज की ओर से दी गई तहरीर पर ही एफआईआर दर्ज की है। मामले की जांच सीबीआई की 6 सदस्यीय दिल्ली यूनिट करेगी। हालांकि सीबीआई ने नरेंद्र गिरी इस मामले में हत्या के बजाय IPC-306 में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत की जांच करने के लिए सीबीआई की छह सदस्य टीम शुक्रवार को प्रयागराज पहुंची। टीम ने सबसे पहले एफआइआर दर्ज की। उसके बाद बाघम्बरी मठ गद्दी स्थिति नरेंद्र गिरी के आवास के उस कमरे में भी पहुंची जिसमें वह पंखे से लटके मिले थे। घटनास्थल का मौका मुआयना करने के बाद सीबीआई ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट, प्रयागराज पुलिस द्वारा दर्ज किए गए आरोपियों के बयानों, मौके से बरामद फॉरेंसिक एविडेंस सहित इस केस से जुड़ी अन्य जानकारियां हासिल की।
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सीएम योगी ने की थी सीबीआई जांच की सिफारिश
त्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी। नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में स्थिति तब विवादास्पद हो गई थी जब कथित सुसाइड नोट मिलने के बाद भी नरेंद्र गिरी से जुड़े संतों और उनके शिष्यों ने इसे आत्महत्या मामने से इनकार कर दिया। नरेन्द्र गिरी के इन बेहद करीबी लोगों ने दावा किया था कि सुसाइड नोट फर्जी है। इसमें हैंडराइटिंग और नरेन्द्र गिरी के हस्ताक्षर अलग-अलग हैं। इतना ही नहीं सुसाइड नोट लिखने के लिए अलग-अलग स्याहियों का इस्तेमाल किया गया है।
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विवाद का फायदा उठाने की कोशिश
नरेंद्र गिरी के जानकारों का मानना था कि इस सुसाइड नोट के जरिए उनके और शिष्य आनन्द गिरी के बीच हुए विवाद का फायदा उठाने की कोशिश की गई है। घटनास्थल से बरामद कथित सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरी ने लिखा था कि मैं बहुत दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की होगी। इस 12 पन्ने की सुसाइड नोट में लड़की का जिक्र भी किया गया था, लेकिन वह लड़की कौन थी यह कोई नहीं जानता। मामले में नया मोड़ तब आया जब महंत नरेंद्र गिरी की लाश जिस कमरे से बरामद की गई उसका सीसीटीवी कैमरा खराब मिला। ऊपर से सीसीटीवी को लेकर पुलिस की चुप्पी ने तमाम सवाल खड़े कर दिए थे क्योंकि पुलिस ने अब तक इस पर कोई बयान जारी नहीं किया।
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तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में
इस मामले में अब तक पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरी, बड़े हनुमान मंदिर के प्रमुख पुजारी आद्या तिवारी और उनके पुत्र संदीप तिवारी को गिरफ्तार किया है। आनंद और आद्या को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।