NGT की फटकार के बाद जागी सरकार, कंक्रीट से मुक्त होंगी पेड़ों की जड़ें
जड़ों तक जकड़ी सीमेंट-कंक्रीट और टाइल्स हटाई जाएंगी, बनेगा कच्चा घेरा
- पूरे प्रदेश में सरकार चलाएगी अभियान, पेड़ों के चारों ओर बनाया जाएगा कच्चा घेरा
- सीमेंट-कंक्रीट-टाइल्स से जकड़े पेड़ों को मिलेगा जीवनदान
TISMedia@Jaipur सड़कों पर सीमेंट-कंक्रीट-टाइल्स से जकड़े पेड़ों को अब जीवनदान मिलेगा। पक्की निर्माण सामग्री हटाकर पेड़ों के चारों ओर कच्चा घेरा बनाया जाएगा। उनमें मिट्टी डालकर पानी पहुंचाने का प्रबंध होगा। अभियान की शुरुआत जयपुर होगी। उसके बाद पूरे प्रदेश में यह अभियान चलेगा। एनजीटी की फटकार के बाद सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है।
जयपुर से हुआ आगाज
विशेष अभियान रविवार को जेएलएन मार्ग से नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने शुरू किया। पहले फेज में राजधानी के प्रमुख मार्गों पर 3000 पेड़ों की जड़ों को मुक्त किया जाएगा। धारीवाल ने कहा, यह अभियान प्रदेशभर में चलाएंगे। इस दौरान प्रमुख सचिव यूडीएच कुंजीलाल मीना, जेडीए कमिश्नर गौरव गोयल, सचिव हृदयेश शर्मा, प्रदेश कांग्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा, पर्यावरणविद् कृष्ण कुमार हरितवाल, मदर अर्थ प्रोजेक्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मी सक्सेना, जेडीए के वन रक्षक महेश तिवारी भी उपस्थित थे।
ऐसे चलेगा विशेष अभियान
आयुक्त गौरव गोयल ने बताया, विशेष अभियान चला कर पेड़ों के चहुंओर 1.5 गुणा 1.5 मीटर कच्ची जगह बनाएंगे। खाद-पानी डालने का प्रबंध करेंगे। इसके लिए फर्म को जिम्मेदारी दी है। आइंदा नई सड़कें बनाने या नवीनीकरण में पेड़ों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। जेडीए पौधरोपण में अब जापान की मियावाकी पद्धति का उपयोग करेगा। शहर में 10 स्थानों पर 1.20 लाख पौधे इसी पद्धति से लगाएगा। यूडीएच मंत्री ने जवाहर सर्किल से इसकी शुरुआत कर इस पद्धति से शहरों में सरकारी खाली जमीनों पर और सड़कों के दोनों ओर घनी हरियाली तैयार करने के निर्देश दिए।
क्या है मियावाकी तकनीक
3 फीट गड्ढा खोदकर जैविक खाद भरते, पौधे लगाने के बाद आसपास घास-पत्तियां भरते हैं। फिर सीमेंट की जाली से ढकते हैं। सड़क के पानी का बहाव इन की ओर मोड़ते हैं ताकि बरसाती पानी इन तक पहुंचे। इस तकनीक में एक वर्ग मी.में 4-5 बड़े पेड़ लगाए जा सकते हैं।