राजस्थान सख्त हैः Covid 19 के खात्मे को गहलोत की “खुली जंग”, इंतजाम देख रह जाएंगे भौचक

  • जयपुर में शुरू हुआ स्टेट कोविड-19 कंट्रोल रूम, 24 घंटे दर्जनों अफसर करेंगे काम
  • 67 लैब हर रोज करेंगी एक लाख से ज्यादा कोविड टेस्ट, तैयार हो रहे 47 ऑक्सीजन प्लांट
  • 1 लाख क्वारेंटाइन बेड, 429 अस्पतालों में इलाज और 272 मोबाइल वैन तैयार

कोटा. कोरोना (Covid-19) के खिलाफ राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने खुली जंग का ऐलान कर दिया है। कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की नकेल तोड़ने को राजधानी जयपुर में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष (Covid Control Room Rajasthan) स्थापित किया गया है। जहां सूबे के आला आईएएस से लेकर आईपीएस अफसर तीन शिफ्टों में 24 घंटे काम करेंगे। इतना ही नहीं रोजाना हो रहे 78 हजार कोरोना टेस्ट को बढ़ाकर एक लाख किया जा रहा है। लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाने को युद्ध स्तर पर 47 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। जिनमें से 25 ने काम भी शुरू कर दिया है। कोरोना संक्रमितों के लिए 429 अस्पतालों में इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों से मरीजों को लाने के लिए 272 मोबाइल वैन संचालित की जा रही है और गैर-गंभीर मरीजों को आइसोलेट करने के लिए 1 लाख से ज्यादा क्वारेंटाइन बेड तैयार किए जा चुके हैं।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खासे सख्त हैं। केंद्र सरकार की मदद मिलती न देख अब राजस्थान ने अपनी लड़ाई खुद लड़ने का फैसला किया है। गहलोत सरकार ने एक साथ मरीज, अस्पताल, दवाओं और ऑक्सीजन से लेकर अंतिम संस्कार तक हर मोर्चे पर अभियान छेड़ दिया है।

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खत्म होगा घमासान
दिनों दिन भयावह होते कोरोना संक्रमण के बाद अस्पतालों में बेड से लेकर दवाओं और ऑक्सीजन तक के लिए मचे घमासान को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद मैदान में कूद पड़े हैं। चिकित्सीय व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री ने राजधानी जयपुर में हाईटेक कोरोना कंट्रोल रूम की स्थापना की है। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे लगातार काम करेगा। डीआईजी सीआईडी सीबी जय नारायण को इसका प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। उनके निर्देशन में सूबे के आला अफसर तीन शिफ्टों में लगातार काम करेंगे।

वॉर रूम की तरह करेगा काम
जयपुर के तिलक मार्ग पर स्थित आईटी बिल्डिंग में बनाया गया राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम वार रूम की तरह काम करेगा। जहां जिलेवार अस्पतालों, उन अस्पातालों में ऑक्सीजन और नॉन ऑक्सीजन बेड की संख्या, कितने भरे हैं और कितने खाली, कितने मरीज वेटिंग में जैसे इलाज के लिए बेहद जरूरी काम की रियल टाइम मॉनीटरिंग के साथ साथ दवाओं से लेकर ऑक्सीजन की उपलब्धता एवं आवश्यकताओं और सप्लाई की पूरी व्यवस्था की जाएगी। मेडिकल इमरजेंसी से जुड़े सभी विभागों को कॉर्डिनेट करने का भी काम यहीं से किया जाएगा। कंट्रोल रूम की एक-एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप राका, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार और प्रमुख सचिव चिकित्सा सिद्धार्थ महाजन को भेजी जाएगी। इस कोर टीम को तत्काल निर्णय लेने और कार्यवाही करने के अधिकार दिए गए हैं।

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सूबे के तेज तर्रार अफसरों को किया तैनात
तीन शिफ्ट में काम करने वाले स्टेट कोविड कंट्रोल रूम में तेज तर्रार अफसरों की तैनाती की गई है। सुबह आठ से शाम चार बजे तक की पहली शिफ्ट डीआईजी सीआईडी सीबी जयनारायण, उपनिदेशक, सैनिक कल्याण बोर्ड मीनाक्षी मीणा, कृषि विवि रजिस्ट्रार अल्का विश्नोई, एएसपी चेतराम सेवदा, एएसपी रामेश्वर प्रसाद की ड्यूटी रहेगी। इसके बाद शाम 4 बजे से रात 12 बजे तक की दूसरी शिफ्ट में डीआईजी एटीएस अंशुमान भौमियां, मदरसा बोर्ड सचिव हरिताम कुमार आदित्य, राजस्थान आजीविका कौशल मिशन जीएम करतार सिंह, एएसपी शिवलाल बैरवा, एएसपी सुरेंद्र सिंह सागर को तैनात किया गया है। जबकि  रात 12 से सुबह 8 बजे तक की तीसरी शिफ्ट में डीआईजी एससीआरबी डॉ़ रवि, उपायुक्त स्कूल शिक्षा परिषद सोमदत्त दीक्षित, बाल विकास उपनिदेशक मोहन सिंह, एएसपी विजयपाल सिंह, एएसपी अश्विनी अत्रे की तैनाती की गई है। इसके साथ ही एक रिजर्व टीम भी बनाई गई है। जिसमें डीआईजी विजिलेंस सत्येंद्र सिंह, संस्कृत विवि रजिस्ट्रार सुरेंद्र सिंह यादव, देवस्थान सहायक आयुक्त आकाश रंजन, एएसपी रामावतार सोनी, डिप्टी कमांडेंट आरएसी गोविंद देथा रहेंगे।

जल्द एक लाख टेस्ट होंगे हर रोज
कोरोना वॉर से जुड़ी तैयारियों के बारे में  द इनसाइड स्टोरी (TIS Media) को जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि फिलहाल राजस्थान की 36 राजकीय, 29 निजी और 2 केंद्रीय प्रयोगशालाओं में हर रोज 78 हजार कोरोना सेंपल की जांच हो रही है। सेंपल इकट्ठे करने के लिए पूरे प्रदेश में 134 आरटीपीसीआर मशीन एवं 69 आरएनए एक्सट्रेक्टर मशीन उपलब्ध करवाई गई हैं। जल्द से जल्द पूरे प्रदेश में रोजाना एक लाख से अधिक जांच करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अब तक 81 लाख 11 हजार 760 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है।

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429 अस्पतालों में इलाज
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 654 चिकित्सा संस्थानों में कोरोना रोगियों का उपचार किया जा रहा है। 225 निजी अस्पतालों के अलावा सरकारी स्तर पर 282 कोविड केयर सेन्टर, 87 डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेन्टर और 60 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल दिन रात काम कर रहे हैं। हालात से निपटने के लिए राजस्थान में फिलहाल 42 हजार 886 आइसोलेशन बेड, 8532 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड एवं 2326 आईसीयू बेड मौजूद हैं। लेकिन, इसके बाद भी हम ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड की संख्या बढ़ाकर 20 हजार तक लाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र से आए वेंटिलेटर खराब निकले, लेकिन फिर भी 1749 वेंटिलेटर का हमने इंतजाम किया है। सभी उपजिला एवं जिला अस्पतालों में सेन्ट्रलाइज्ड ऑक्सीजन पाइपलाइन स्थापित की जा चुकी है। प्रदेश में इस वक्त 25 ऑक्सीजन प्लांट पूरी रफ्तार से काम कर रहे हैं। जबकि 18 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का काम युद्ध स्तर पर चालू है।

272 मोबाइल वैन, सवा लाख क्वारनटाइन बेड
शर्मा ने बताया कि कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पीटलों का लोड कम करने के लिए संदिग्ध और कम गंभीर मरीजों के उपचार के लिए अब तक 1 लाख 14 हजार 288 क्वारनटाइन बेड एवं 42 हजार 886 आइसोलेशन बेड तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ ही दूर दराज के गांवों में मेडिकल स्टाफ के साथ 272 मेडिकल मोबाईल वैन भी संचालित की जा रही है। ताकि, ग्रामीणों को इलाज के लिए शहर की ओर न भागना पड़े। उन्होंने बताया कि फिलहाल राजस्थान में 1 लाख 27 हजार 616 एक्टिव केस हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर 3 लाख 67 हजार 485 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।

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