23 लाख रुपए में बनो RAS, प्री और मेन्स से लेकर इंटरव्यू पास कराने तक की गारंटी

"लाट साब" बना रहा राजस्थान लोक सेवा आयोग का बाबू नकली नोट तक नहीं पहचान सका

  • आरएएस का इंटरव्यू पास करवाने के लिए आरपीएससी के कनिष्ठ लिपिक ने मांगी 23 लाख की घूस 
  • एसीबी ने घूस लेते रंगे हाथ दबोचा, इतनी बड़ी रकम जुटाने के लिए एसीबी ने ट्रेप में इस्तेमाल किए नकली नोट 

TIS Media@Ajmer सिरोही से शुरू हुआ राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( ACB) का Blockbuster Friday शुक्रवार की शाम को अजमेर जाकर खत्म हुआ। गारंटी के साथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा (Rajasthan Administrative Service) में चयन करवा रहे राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के छोटे बाबू साहब को 23 लाख रुपए की घूस लेते हुए धर दबोचा। चौंकाने वाली बात यह थी कि लोगों को “लाट साब” बनाने की गारंटी लेने वाला बाबू नकली नोट तक नहीं पहचान सका।

आरएएस (RAS) 2018 परीक्षा पर छाए मुसीबतों के बादल छंटने का नाम ही नहीं ले रहे। सालों तक कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने के बाद जैसे-तैसे मेन्स एग्जाम क्वालिफाई करने वाले कैंडिटेड्स के इंटरव्यू शुरु हुई थे, लेकिन शुक्रवार को उन पर भी भ्रष्टाचार का साया पड़ गया। हुआ यूं कि प्री और मेन्स के बाद आरएएस 2018 परीक्षा का इंटरव्यू क्वालिफाई कराने के नाम पर आरपीएससी के बाबू जमकर मलाई काट रहे हैं। आरपीएससी में व्याप्त भ्रष्टाचार का आलम यह है कि एक जूनियर क्लर्क सज्जन सिंह गुर्जर  भावी “लाट साहबों” को परीक्षा की वैतरणी पार कराने यानि इंटरव्यू में पास कराने की गारंटी ले रहा था। कई अभ्यार्थी इसके झांसे में फंस भी गए, लेकिन इसी बीच एक परिवादी ने एसीबी में इसकी शिकायत कर दी।

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23 दो आरएएस बनो 
एसीबी को शिकायत मिली थी कि राजस्थान लोक सेवा आयोग में पदस्थापित कनिष्ठ लिपिक सज्जन सिंह गुर्जर आरएएस 2018 का इंटरव्यू अच्छे नंबरों से क्वालिफाई कराने के लिए 50 लाख रुपए प्रति कैंडिडेट मांग रहा है। 23 लाख रुपए में वह परिवादी के साथ डील करने को भी राजी हो गया। हाईप्रोफाईल मामला होने के कारण एसीबी के डीजी बीएल सोनी और एडीजी दिनेश एमएन ने पूरे प्रकरण को खासा गंभीरता से लिया और जब शिकायत का सत्यापन कराया गया तो वह सही निकली। अजमेर में इस परीक्षा के साक्षात्कार भी चल रहे हैं। ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों आला अफसरों ने जयपुर एसीबी के एएसपी हिमांशु सिंह को ट्रैप की कार्यवाही सौंपी।

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आयोग की नाक के नीचे ली घूस 
जयपुर एसीबी के एएसपी हिमांशु सिंह ने बताया कि सज्जन ने परिवादी को 23 लाख की घूस देने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग के पास ही किराए के कमरे पर बुलाया। परिवादी 23 लाख रुपए से भरे बैग लेकर जब जूनियर क्लर्क के पास पहुंचा तो उसने नोट गिनने के बाद उसे सिलेक्शन की गारंटी तक दे डाली। परिवादी जैसे ही घूस की रकम देकर बाहर आया पहले से जाल बिछाए बैठी एसीबी ने सज्जन को घूस की रकम के साथ रंगे हाथ दबोच लिया।

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नकली नोटों से हुआ ट्रैप 
पूरे देश में शायद यह पहली कार्यवाही को जिसकी घूस का इंतजाम करने में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानि एसीबी के पसीने छूट गए हों। हुआ यह कि ट्रैप के लिए 23 लाख रुपए चाहिए थे, लेकिन इतनी बड़ी रकम फंसती देख परिवादी ने अपने पैर पीछे खींच लिए। मामला आला अफसरों तक पहुंचा तो उन्होंने नकली नोटों से ट्रैप करने की तरकीब निकाली। एसीबी ने बैग में नीचे नकली नोट रखे और ऊपर से एक लाख रुपए के असली नोट रखकर घूसखोर आरपीएससी के जूनियर क्लर्क तक पहुंचाए। देश का यह पहला मामला है जिसमें घूसखोर को जाली नोटों के जरिए पकड़ा गया हो। चौंकाने वाली बात यह रही कि लाट साब बनाने की गारंटी ले रहा सज्जन खुद भी इन नकली और असली नोटों के बीच अंतर नहीं कर पाया और उसने 23 लाख रुपए समझ नोटों की पूरी खेप घर में रख ली।

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आयोग के आला अफसरों की मिली भगत 
जयपुर एसीबी के एएसपी हिमांशु सिंह ने बताया कि आरोपी सज्जन सिंह गुर्जर ने परिवादी को बताया था कि आयोग के सदस्य और बड़े अधिकारियों तक इस घूस का हिस्सा पहुंचता है। ट्रैप के बाद इस मामले में आयोग के सदस्य और अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। आयोग के आला हाकिमों की हकीकत जानने के लिए एसीबी गहनता से जांच में जुट गई है। अभी आरएएस मुख्य परीक्षा 2018 के साक्षात्कार चल रहे हैं। ऐसे में आरएएस मुख्य परीक्षा 2018 की सुचिता को लेकर भी बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।

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