सनसनीखेज खुलासा : नर्सिंगकर्मी ने कोरोना मरीजों को रेमडेसिवीर की जगह लगाए ग्लूकोज मिले पानी के इंजेक्शन

कोटा. दो दिन पहले रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते गिरफ्तार हुए दो नर्सिंगकर्मियों ने सोमवार को पुलिस पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा किया है। आरोपियों ने कोरोना मरीजों को आवंटित हुए रेमडेसिवीर अपनी जेब में रख ग्लूकोज मिले पानी के इंजेक्शन लगा दिए। बाद में असली रेमडेसिवीर की कालाबाजारी करने लगे।

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महावीर नगर थाने के जांच अधिकारी एएसआई विष्णु कुमार ने बताया कि श्रीजी एवं कोटा हार्ट अस्पताल के कोविड वार्ड में दो कोरोना मरीज भर्ती थे। जिन्हें रेमडेसिवीर लगाया जाना था। ये इंजेक्शन अस्पताल प्रशासन की ओर से इन मरीजों को आवंटित किए गए थे। नर्सिंगकर्मी मनोज रैगर ने दोनों मरीजों को रेमडेसिवीर की जगह ग्लूकोज मिले पानी के इंजेक्शन लगा दिए और जारी हुए रेमडेसिवीर अपनी जेब में रख लिए। आरोपियों की रिमांड अवधि पूरी होने पर पुलिस ने सोमवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगा, इस पर कोर्ट ने आरोपियों को एक दिन के और रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया।

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मरीजों की जान के साथ खिलवाड़
एएसआई विष्णु ने बताया कि इंजेक्शन के बैच नम्बर की जांच करने के लिए आरोपी मनोज को साथ लेकर श्रीजी एवं कोटा हार्ट अस्पताल पहुंचे। जहां जांच में सामने आया कि आरोपी मनोज पिछले महीने ही अस्पताल में नर्सिंगकर्मी के पद पर लगा था और 14 मई से अस्पताल जाना छोड़ दिया। 7 मई को अस्पताल के कोविड वार्ड में 307 सी बेड पर रतनलाल भर्ती हुआ था। उसे 8 मार्च को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगना था। इंजेक्शन अस्पताल के स्टोर से ही इश्यू हुआ। आरोपी ने इंजेक्शन अपने पास रख लिया और मरीज के चढ़ रही बोतल में ग्लूकोज मिला पानी का इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद मरीज के परिजनों को इंजेक्शन लगा देने की बात कहकर रजिस्टर में हस्ताक्षर कर दिए।

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इसी तरह 12 मार्च को इसी अस्पताल के कोविड वार्ड के बेड नं. 309-बी में भर्ती माया के लिए भी रेमडेसिवीर इश्यू हुआ, आरोपी ने उसे भी अपनी जेब में रखकर महिला को ग्लूकोज मिले पानी का इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद आरोपी मनोज अपने साथी कमल को यह कहकर चला गया कि मुझे गांव जाना है, मरीज को इजेक्शन लगा दिया है। रजिस्ट्रर में हस्ताक्षर कर देना। फिलहाल पुलिस मामले को लेकर आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।

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