काल बना कोरोना : बेटे की मौत, बहू की हालत नाजुक, बुजुर्ग दादा पर 3 बच्चियों की जिम्मेदारी
कोटा. कोरोना की काली छाया शहर के एक परिवार पर ऐसी पड़ी की देखते ही देखते पूरा परिवार तबाह हो गया। बुजुर्ग पिता के सामने जवान बेटे की मौत हो गई। बहू भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। घर की जमा-पूंजी इलाज में खर्च हो गई। परिवार में सिर्फ तीन बच्चे ही बचे हैं, जिनकी जिम्मेदारी बुजुर्ग दादा पर आ गई। लेकिन, लॉकडाउन में दादा का रोजगार भी ठप हो गया। अब परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया।
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मृतक के चाचा जीतू केवट ने बताया कि पवन कुन्हाड़ी के बालिता इलाके में परिवार के साथ रहता था। उसके तीन मासूम बेटियां हैं। वह दुकान लगाकर परिवार का घर-खर्च चलता था। पवन कोरोना से संक्रमित था। शुरुआत में घर पर ही इलाज चल रहा था। इस दौरान उसकी पत्नी रीना भी संक्रमित हो गई।
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5 मई को दोनों को ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। जहां आउटडोर में पवन का दम टूट गया। वहीं, रीना का मौत से संघर्ष जारी है। घर की जमा-पूंजी दवाओं में खर्च हो गई। मृतक की तीनों बच्चियों की जिम्मेदारी बुजुर्ग दादा पर आ गई। लेकिन, वे भी इन दिनों बेरोजगार हैं। बच्चियों के दादा रामचंद्रपुरा मडिया बस्ती में रहते हैं। वे स्कूल में वैन चलाने का काम करते थे, लेकिन पिछले एक साल से स्कूल बंद होने से बेरोजगार हैं।