महामारी में कालाबाजारी : 1200 का ऑक्सीजन रेगुलेटर 5000 में बेचा, ड्रग विभाग ने मुनाफाखोर को दबोचा
ड्रग विभाग ने ए जेड फार्मा पर मारा छापा, संचालक को लिया हिरासत में
कोटा. कोरोना काल में दवाइयों सहित अति आवश्यक वस्तुओं की जमकर कालाबाजारी हो रही है। आपदा को अवसर में बदलने वाले ‘लालची भेडिय़ों’ में जरा भी इंसानियत नहीं बची है। मजबूरी का फायदा उठाकर लोगों से अवैध वसूली की जा रही है। मुनाफाखोरों ने आम इंसान को तोड़कर रख दिया है। संकट की घड़ी में लालची लोगों ने ऑक्सीजन से लेकर रेमडेसिवीर इंजेक्शन और अति आवश्यक वस्तुओं के दाम बेहिसाब बढ़ा दिए हैं। कोटा में मंगलवार को ड्रग कंट्रोल विभाग की टीम ने एक मेडिकल स्टोर पर छापा मार महंगे दाम में ऑक्सीजन रेगुलेटर बेचने का भंडाफोड़ किया है।
Read More : अच्छी खबर: दूसरी लहर में पहली बार पॉजिटिव से ज्यादा ठीक हुए कोरोना मरीज
मेडिकल स्टोर संचालक मरीज के परिजन से 1200 रुपए के ऑक्सीजन रेगुलेटर के 5000 रुपए वसूल रहा था। ड्रग विभाग की कार्रवाई से दवा कारोबारियों में हड़कम्प मच गया। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और मेडिकल संचालक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। सहायक औषधि नियंत्रक प्रहलाद मीणा ने बताया कि एक मरीज के परिजन ने शिकायत दी थी। जिसमें बताया था जेकेलोन अस्पताल के सामने स्थित ए जेड फार्मा पर 1200 रुपए के ऑक्सीजन रेगुलेटर के 5000 रुपए वसूले जा रहे हैं। शिकायत पर ड्रग विभाग की टीम ने महफूज खान को बोगस ग्राहक बनाकर 5000 हजार रुपए के साथ मेडिकल स्टोर भेजा। इस दौरान टीम ने नोट के नम्बर लिख लिए।
Read More : कोरोना का कहरः कोविड-19 से 18 दिनों में एएमयू के 34 प्रोफेसरों की मौत!
बोगस ग्राहक महफूज ने मेडिकल स्टोर संचालक विनित झा को 5000 रुपए देकर ऑक्सीजन रेगुलेटर खरीदा। इशारा पाकर ड्रग विभाग की टीम ने मेडिकल स्टोर पर छापा मारा और संचालक से उक्त रकम बरामद की। औषधि नियंत्रक मीणा ने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालक के पास ऑक्सीजन रेगुलेटर के बिल भी नही मिले। वो बिना बिल के ही ऑक्सीजन रेगुलेटर बेच रहा था। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कालाबाजारी करने की सूचना पुलिस को दी। थोड़ी ही देर में नयापुरा पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी विनित झा के खिलाफ माहामारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।