Rajasthan दो दिग्गजों Sachin Pilot और CP Joshi की मुलाकात से फिर गरमाई सियासत
राहुल गांधी से मिलकर लौटे पायलट ने की विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात, सियासी हल्कों में मची हलचल
- 17 सितंबर को दिल्ली में राहुल गांधी के साथ पायलट की हुई थी लंबी मुलाकात
- जोशी भी सरकार से चल रहे नाराज, विधानसभा में दिखा चुके हैं अपने तल्ख तेवर
TISMedia@Jaipur पंजाब के बाद राजस्थान की राजनीति में जबरदस्त उठापटक चल रही है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच छिड़ी रार के बीच दो दिग्गजों के बीच हुई मुलाकात ने एक बार फिर सूबे का सियासी पारा चढ़ा दिया है। 23 सितंबर की शाम को राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट और विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के बीच हुई मुलाकात ने सियासी हलकों में हड़कंप मचा दिया है। मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। देखना यह होगा कि जोशी और पायलट खेमे की नजदीकियां क्या सियासी गुल खिलाती हैं।
शुक्रवार को राजस्थान के सियासी हलकों में कांग्रेस के दो दिग्गजों की मुलाकात सुर्खियों में रही। विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी और राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच गुरुवार शाम लंबी बैठकी चली। खुद सचिन पायलट डॉक्टर सीपी जोशी से मिलने उनके घर जा पहुंचे और करीब एक घंटे से ज्यादा दोनों के बीच बातचीत हुई। जिसे लेकर सियासी गलियारों में नए समीकरण के तौर पर देखा जा रहा है।
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राहुल गांधी से मिलकर लौटे थे पायलट
प्रदेश के सियासी हलकों में इस मुलाकात की चर्चा और भी ज्यादा दिलचस्प इसीलिए हो गई है क्योंकि सचिन पालयट 17 सितंबर को राहुल गांधी से मुलाकात कर जयपुर लौटे थे। सचिन और राहुल की मुलाकात भी खासी लंबी चली। इसके बाद पायलट जयपुर आकर विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंच गए। ऐसा नहीं है कि पायलट और जोशी ने इस मुलाकात को छिपाने की कोशिश की, बल्कि उल्टे अपनी इस बैठकी की फोटो तक रिलीज कर दी। तस्वीरें सामने आते ही न सिर्फ मुलाकात बल्कि, नए सियासी समीकरणों की भी जमकर चर्चा होने लगी है।
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दो खेमों के बीच खत्म हुई दूरी
राजस्थान की राजनीति में पायलट और गहलोत गुट के बीच चली आ रही खींचतान में जोशी खेमा अभी तक खामोश ही रहा था। जोशी गुट को हमेशा राजस्थान कांग्रेस के तीसरे खेमे के तौर पर देखा गया। ऐसे में पायलट और जोशी गुट की नजदीकियों ने नए सियासी समीकरणों को जन्म दिया है। बता दें कि सीपी जोशी और सचिन पायलट के बीच कभी नजदीकियां नहीं रहीं। लेकिन, दोनों के बीच के रिश्ते इतने सामान्य रहे हैं कि न इसे कोई दोस्ती करार दे सकता है और ना ही दुश्मनी, लेकिन विधानसभा में सीपी जोशी के हालिया तेवरों के बाद यह जरूर कहा जाने लगा है कि जोशी और गहलोत खेमे के बीच खासी दूरियां बढ़ गई हैं। ऐसे में दो दिग्गजों की नजदीकियों को नए समीकरण के तौर पर देखा जा रहा है। सचिन पायलट के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनने से लेकर अब तक ऐसा बहुत कम हुआ है जब दोनों की इस तरह मुलाकात हुई हो।
धारीवाल फैक्टर कर रहा काम
सीपी जोशी ने हाल ही में विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मंत्रियों के उकसाने वाले आचरण पर भारी नाराजगी जताई थी। ससंदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के सदन में किए गए उकसाने वाले एक्शन पर जोशी इस कदर नाराज हुए थे कि विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। धारीवाल से सचिन पायलट की भी खासी खटास है। ऐसे में जोशी का गहलोत से दूर जाना और सचिन का जोशी के नजदीक आना धारीवाल फैक्टर की वजह से ही संभव माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मंत्रिमंडल विस्तार और संगठनात्मक नियुक्तियों पर भी राजस्थान कांग्रेस का भविष्य अटका है। जिसे दोनों खेमों के दवाब बढ़ाने वाले तौर पर देखा जा रहा है।