Chhattisgarh बेरहम व्यवस्था, बेबस बाप: बेटी का शव 10 किमी दूर कंधे पर घर लेकर गया पिता
- सरकारी अस्पताल में 7 साल की बच्ची की मौत, नहीं मिली एंबुलेंस तो 10 किमी पैदल ले गया शव
- फजीहत के बाद सरकार ने बीएमओ को पद से हटाया, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए मामले की जांच के आदेश levitra cijena
TISMedia@Raipur. दूसरों के दामन की कालिख तलाशने में जुटी देश की सबसे पुरानी पार्टी अपने गिरेबां में झांकना ही भूल गई। जी हां… बिल्कुल ठीक पढ़ा आपने… गैर-कांग्रेस शाषित सूबों की सरकारों को जिन मसलों पर कांग्रेस आए दिन घेरने में मशगूल रहती है, जब उन्हीं मसलों से खुद को रूबरू होना पड़ता है, तो पार्टी ही नहीं उसके सारे नामचीन नेता “रफ्फूचक्कर” हो जाते है। कांग्रेस की सत्ता वाले राज्यों में आम आदमी की हालत किस कदर खराब है, ये सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से ही पता चल जाता है। वायरल वीडियो छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) के सरगुजा जिले का बताया जा रहा है, जिसमें एक पिता अपनी बेटी का शव कंधे पर ले जाते हुए नजर आ रहा है। उसे बेटी का शव ले जाने के लिए अस्पताल से एंबुलेंस तक नहीं मिली। वीडियो वायरल होने के बाद जब भूपेश सरकार और कांग्रेस की फजीहत शुरू हुई तो सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने घटना की जांच के आदेश दे मामले से पल्ला ही झाड़ लिया।
यह भी पढ़ेंः CSK vs KKR: नए कप्तान करेंगे आईपीएल का आगाज, चेन्नई और कोलकाता में होगी आज भिड़ंत
मानवता को शर्मसार कर देने वाला वीडियो वायरल होने के बाद मिली जानकारी के मुताबिक पिता मृत बच्ची को कंधे पर उठाकर तकरीबन 10 किमी तक पैदल चला। बताया जा रहा है कि जिले के लखनपुर गांव में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Centre) में शुक्रवार की सुबह बच्ची की मौत हो गई। काफी इंतजार के बाद जब शव को पहुंचाने के लिए अस्पताल से कोई साधन नहीं मिला तो बेबस पिता बेटी के शव को कंधे पर उठाकर घर की ओर चल पड़ा।
यह भी पढ़ेंः Rajasthan Coal Crisis: कोयला नहीं मिलता है तो बंद जाएंगे राजस्थान के सारे थर्मल पॉवर प्लांट
गलत इंजेक्शन देने का आरोप
मृत बच्ची के पिता का नाम ‘ईश्वर दास’ है और वो अमदला गांव के रहने वाले हैं। ईश्वर दास अपनी बीमार बेटी सुरेखा को लखनपुर सीएचसी लेकर आए थे। आरोप है कि अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद ही नहीं था। ऐसे में मरीज की हालत बिगड़ती देख नर्स ने उसे एक गलत इंजेक्शन लगा दिया। जिसके बाद बच्ची की नाक और मुंह से खून आने लगा। इतना ही नहीं इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। ईश्वर दास ने बताया कि बच्ची के दम तोड़ने के बाद शव को घर पहुंचाने के लिए सीएचसी स्टाफ से एंबुलेंस का इंतजाम करने की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें फटकार दिया गया। जिसके बाद वह बेटी का शव कंधे पर ही उठाकर 10 किमी दूर घर तक आए।
यह भी पढ़ेंः महादेवी वर्माः पंथ होने दो अपरिचित, हुए शूल अक्षत, सब बुझे दीपक जला लूँ ! पढ़िए, 51 महान कविताएं
सफाई देता रहा सीएचसी स्टाफ
मामले के तूल पकड़ने के बाद सीएचसी स्टाफ ने सफाई देते हुए बताया कि बच्ची को पिछले कुछ दिनों से तेज बुखार था और उसका ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो गया था। स्वास्थ्य केंद्र में उसका उपचार भी शुरू कर दिया गया था, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई और सुबह करीब साढ़े सात बजे उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रह है कि शव को ले जाने के लिए अस्पताल में गाड़ी सुबह करीब 9:20 बजे पहुंच गई थी, लेकिन तब तक बच्ची के पिता शव को लेकर जा चुके थे।
यह भी पढ़ेंः भगवा खेमे का नया “मुस्लिम” चेहरा, “विधायक” नहीं हैं फिर भी बन गया योगी के मंत्रिमंडल में मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने दिए कार्यवाही करने के आदेश
वीडियो के वायरल होने के बाद शुक्रवार को जिला मुख्यालय अंबिकापुर में मौजूद स्वास्थ्य मंत्री सिंह देव ने जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी से मामले की जांच करने के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि “मैंने वो वीडियो देखा। वो काफी परेशान करने वाला था। मैंने सीएमएचओ से मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है।” मंत्री ने कहा कि “जो लोग वहां तैनात हैं, लेकिन अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें हटा दिया जाना चाहिए।” स्वास्थ्य मंत्री की नाराजगी के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) डॉ. पीएस केरकट्टा को उनके पद से हटा दिया है।