जनता के लिए कांग्रेस के इस विधायक ने ठुकरा दी सीएम की डिनर पार्टी, नंगे पांव रहने का लिया संकल्प
बजट सत्र खत्म होनने के बाद सीएम गहलोत ने दी थी डिनर पार्टी, भूखे लौट गए कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत,
TISMedia@Barmer. वायदे हैं वायदों का क्या..! और बात जब सियासी वायदों की होतो आखिर उन्हें याद ही कौन रखता है, लेकिन राजस्थान की राजनीति में एक विधायक ऐसा भी है जिसने जनता से किया वायदा पूरा करने के लिए न सिर्फ नंगे पैर घूमने का प्रण लिया है, बल्कि प्रण टूटता दिखा तो मुख्यमंत्री की दावत तक को ठुकरा दिया। यह विधायक हैं बाड़मेर जिले की पचपदरा विधानसभा से चुने गए कांग्रेस के मदन प्रजापत। मदन प्रजापत विधानसभा सत्र की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दिए गए रात्रिभोज में तो शामिल हुए, लेकिन वहां से खाना खाए बिना भूखे ही लौट आए।
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अपनी मांग पूरी ना होने के बाद जीवनभर नंगे पांव रहने का संकल्प लेने वाले कांग्रेसी विधायक मदन प्रजापत एक बार फिर चर्चाओं में हैं। ताजा मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रात्रिभोज कार्यक्रम से जुड़ा है। बाड़मेर जिले की पचपदरा विधानसभा से विधायक मदन प्रजापत विधानसभा सत्र की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री द्वारा दिए रात्रिभोज में शामिल तो हुए, लेकिन वहां से बिना खाना खाए भूखे ही लौट आए। गौरतलब है कि विधानसभा के सत्र की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री द्वारा पक्ष-विपक्ष के सदस्यों को रात्रिभोज देने की पंरपरा है।
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क्यों नहीं खाया खाना
सीएम गहलोत के रात्रिभोज में बिना खाना खाए लौटने के बारे में बात करते हुए मदन प्रजापत ने कहा कि उनकी मांग पूरी ना होने के बाद उन्होंने विधानसभा में चप्पल ना पहनने और जीवनभर नंगे पांव रहने का संकल्प लिया था। प्रजापत ने बताया कि जब वह सीएम के रात्रिभोज कार्यक्रम में पहुंचे, तो उनके साथी विधायकों ने उन्हें कहा कि आज तो मुख्यमंत्री आपको चप्पल पहना ही देंगे। प्रजापत ने कहा कि उन्हें लगा कि मुख्यमंत्री और साथी विधायकों की जिद के चलते कहीं उनका संकल्प ना टूट जाए और ऐसा हुआ तो वे अपनी जनता को मुंह नहीं दिखा पाएंगे। ऐसे में उन्होंने ना तो मुख्यमंत्री के रात्रिभोज कार्यक्रम में खाना खाया और ना ही उनसे मिले।
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मांग नहीं पूरी होने पर लिया था प्रण
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले प्रजापत ने एक अनूठा प्रण लिया था। विधानसभा में बोलते हुए विधायक ने कहा था कि उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे जीवनभर नंगे पांव रहेंगे, कभी जूते नही पहनेंगे। जिस मांग को लेकर विधायक ने जीवनभर नंगे पांव रहने की बात कही है वह है बालोतरा को जिला बनाने की मांग। विधानसभा में बोलते हुए विधायक ने कहा था कि 40 साल तक सब्र हो गया, अब और सब्र नहीं होता है। बालोतरा को जिला बनाया जाए। उन्होंने कहा कि उनको न तो कोई पद चाहिए और न ही अन्य कोई बड़ी मांग, उनकी सबसे बड़ी मांग ही बालोतरा को जिला बनाने की है। जिला नहीं बनाया तो अब प्रश्न नहीं उठाऊंगा और न ही जीवन में जूते पहनूंगा। यह मेरा प्रण है।
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विधानसभा से नंगे पांव ही रवाना
विधानसभा में बालोतरा को जिला बनाने की घोषणा पूरी नहीं होने के बाद अपने प्रण के अनुसार विधायक मदन प्रजापत ने विधानसभा के गेट संख्या 6 के पास अपने जूते उतार दिए और नंगें पांव ही विधानसभा से रवाना हो गए। विधायक ने कहा कि वह अपने प्रण पर अडिग है और जब तक बालोतरा का जिला बनाने की घोषणा पूरी नहीं होती, वह जूते नहीं पहनेंगे।
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नए जिलों के गठन के लिए बनी कमेटी
राजस्थान में नए जिलों के गठन की कवायद में राजस्थान सरकार ने पूर्व आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। कमेटी 6 महीने में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। राजस्थान में 50 जगहों से नए जिला बनाने की मांग उठी है। बीते प्रदेश में 13 साल से कोई नया जिला नहीं बना है। 26 जनवरी 2008 प्रतापगढ़ आखिरी जिला बना था।
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विधानसभा अध्यक्ष ने भी की समझाइश पर नहीं माने
मदन प्रजापत के जूते ना पहनने के संकल्प के बाद विधानसभा सत्र के दौरान राजस्व मंत्री और कई अन्य साथी विधायकों और मंत्रियों ने विधायक से जूते पहनने की समझाइश की थी। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी मदन प्रजापत से जूते पहनने की समझाइश कर चुके हैं। जोशी ने प्रजापत से कहा कि सरकार ने नए जिलों के गठन के लिए कमेटी बना दी है, ऐसे में कमेटी की रिपोर्ट आने तक उन्हें संयम रखते हुए जूते पहन लेने चाहिए। हालांकि मदन प्रजापत अब भी अपनी मांग पर अडिग हैं और बिना जूते पहने नंगे पांव ही घूम रहे हैं।