Banke Bihari Mandir Vrindavan में बड़ा हादसा, मंगला आरती के दौरान दो श्रद्धालुओं की मौत
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TISMedia@Mathura श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में होने वाली मंगला आरती के समय उमड़ी भारी भीड़ उमड़ने के कारण बड़ा हादसा हो गया। भीड़ में दम घुटने के कारण दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि सात घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है। हादसे के वक्त मंदिर परिसर में जिले के आला अफसर भी मौजूद थे।
बांकेबिहारी मंदिर में साल में सिर्फ एक बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर रात 1.55 बजे मंगला आरती होती है। मंगला आरती के दर्शन के लिए शुक्रवार की रात मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालु पहुंच गए। मंदिर में श्रद्धालुओं की क्षमता से कई गुना अधिक लोग होने के कारण भीड़ का दबाव बढ़ गया। इसी दौरान मंदिर के गेट नंबर एक और चार पर भीड़ के दबाव के चलते दम घुटने के कारण दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हादसे में नोएडा सेक्टर 99 निवासी महिला निर्मला देवी पत्नी देव प्रकाश और रुक्मणि बिहार कॉलोनी निवासी और मूल निवासी जबलपुर के राम प्रसाद विश्वकर्मा (65) की मौत हुई है। परिजनों ने शवों को पोस्टमार्टम नहीं कराया। परिजन शनिवार की सुबह शवों को लेकर घर चले गए।
हादसे के वक्त आला अफसर थे मौजूद
मंदिर में जिस समय हादसा हुआ उस समय डीएम, एसएसपी , नगर आयुक्त सहित भारी पुलिस बल मौजूद था। हादसा होते ही पुलिस और निजी सुरक्षाकर्मियों ने बेहोश हो रहे श्रद्धालुओं को मंदिर से निकालना शुरू कर दिया। इस हादसे में घायल हुए श्रद्धालुओं को वृंदावन के राम कृष्ण मिशन, ब्रज हेल्थ केयर और सौ शैय्या अस्पताल भेजा गया। बताया जाता है कि बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती के दौरान क्षमता से कई गुना अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। एक अनुमान के मुताबिक मंगला आरती के दर्शन को एक लाख से अधिक श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे थे। मंदिर परिसर में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। बांके बिहारी मंदिर की गलियों में भी भारी भीड़ थी। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के इंतजाम नाकाफी साबित हुए।
हादसे में सात श्रद्धालु हुए घायल
घनश्याम (51) पुत्र छोटे सूरजनगर पनकी कानपुर
राजकुमार (29) पुत्र दीपक निवासी मोहन गार्डन, उत्तम नगर दिल्ली
राजेंद्र सिंह (61) पुत्र अमर सिंह निवासी कोसीकलां मथुरा
सरोज पत्नी रामप्रसाद निवासी वृंदावन रुक्मिणी विहार
मनीता (26) निवासी फरीदाबाद, हरियाणा
शीतल ( 57) निवासी देहरादून
रीना देवी (60) निवासी कोलकाता
हादसों से नहीं लिया सबक
बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ के दबाव के चलते पहले भी हादसे हो चुके हैं। होली के दौरान एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई थी। इससे पूर्व फरवरी 2022 में गाजियाबाद निवासी श्रद्धालु की मौत भी भीड़ के दबाव में हुई थी। इन हादसों के बाद भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया। जन्माष्टमी के अवसर पर भीड़ नियंत्रण के इंतजाम फेल हो गए। लोगों का आरोप है कि इंतजामों में जुटने के बजाय जिले के आला अफसर दर्शन करने के लिए मंदिर के ऊपरी हिस्से में चढ़ गए थे। वीवीआईपी दर्शनो के कारण इस फ्लोर के गेट बंद कर दिए गए। नतीजन, मंदिर के अहाते में भीड़ का दवाब बहुत ज्यादा बढ़ गया और लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इस ओर ध्यान देने के बजाय आला अफसर परिजनों और रिश्तेदारों के साथ दर्शन में जुटे रहे।