सरकार की चेतावनीः प्रदूषण रोको या फिर सजा भुगतो

कोटा. कृषि कार्य करने वालों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। या तो वह कृषि विभाग से फसलों के अवशेष नष्ट करने के लिए अनुदान लेकर यंत्र खरीदें और अवशेषों का निस्तारण करें। अन्यथा उन्हें कानूनी सजा भुगतनी पड़ेगी। विभाग की ओर से तीन प्रकार के कृषि यंत्र रोटावेटर,स्ट्रारिपर व हेपी सीडर यंत्र खरीदने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इस संबंध में उप निदेशक कृषि विस्तार रामनिवास पालीवाल ने निर्देश जारी किए हैं।
पालीवाल ने बताया कि कृषक नजदीकी ई-मित्र के माध्यम से पत्रावली ऑनलाइन कृषि विभाग के कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। कृषकों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कृषकों से अनुरोध किया है कि फसल अवशेषों को जलाने के बजाए इन यंत्रों को क्रय कर अवशेषों का निस्तारण करें और योजना का लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण एवं रोकथाम अधिनियम 1981 की धारा 19(5) के तहत फसल अवशेष जलाने पर कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है।
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इस तरह से करेंगे कार्य
फसल कटाई के बाद खेतों में पड़े अवशेषों को रोटावेटर पूरा पीस कर जमीन में मिला देगा, जिससे जमीन की उर्वरक शक्ति में वृद्धि होगी। स्ट्रारिपर अवशेषों को काटकर इकट्ठा कर देता है। हेपी सीडर अवशेषों को पीस कर मिट्टी में मिला देता है। साथ ही वह बीजो की बुआई भी कर देता है।
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नियंत्रण कक्ष स्थापित
कृषि अवशेषों को जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उप निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय जिला परिषद में जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका समय सुबह 9.30 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा। यदि कोई भी अवशेष जला रहा है तो नियंत्रण कक्ष में शिकायत करें, जिससे कृषि अवशेष जलाने की घटनाओं को रोका जा सकें।