नकली इंजेक्शन के बाद अब फर्जी कोविड रिपोर्ट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश
नई दिल्ली. देश में कोरोना महामारी से हर तरफ हालात बिगड़ते नजर आ रहे है। कोरोना महासंकट के बीच देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाला एक गिरोह सामने आया है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में 2 लैब टेक्नीशियन और एक टेस्टिंग लैब का डॉक्टर और एप्लीकेशन साइंटिस्ट शामिल थे। यह सभी आरोपी पहले नमूनों को इकट्ठा करते फिर बिना किसी प्रविष्टि के एक प्रयोगशाला में परिक्षण कर नकली लेटरहेड पर रिपोर्ट प्रिंट कर के दे देते थे।
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नकली इंजेक्शन बनाने के आरोप में 5 लोग गिरफ्तार
कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण से पूरा देश बेहाल है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश की राजधानी दिल्ली भी जूझ रही है। इन हालातों के बीच भी कुछ लोग बैधड़क जरूरी दवाओं की कालाबाजारी करने में लगे है। गुरुवार को उत्तराखंड के कोटद्वार से दिल्ली पुलिस नें बड़ी मात्रा में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने के आरोप में ऐसे ही 5 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी पहले ही दो हजार नकील इंजेक्शन बेच चुके है। साथ ही पुलिस ने बताया कि आरोपीयों के पास से 196 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए गए है। दिल्ली पुलिस के आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने ट्विटर के जरिए बताया कि इस नकली इंजेक्शन को आरोपी 25000 रुपए में बेचते थे।
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कालाबाजारी में तीन आरोपी गिरफ्तार
इससे पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रान्च ने तीन लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जानकारी के लिए आपको बता दें कि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में यह इंजेक्शन मददगार है ओर इसकी काफी मांग है। सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक गिरफ्तार किए आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी आलोक त्यागी, गाजियाबाद निवासी अभिषेक और नोएडा निवासी सोमेल गुप्ता बताई जा रही है।