#राजस्थान_तैयार_हैः तीसरी लहर के मुकाबले को कोटा में होगी 700 पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती

अगस्त तक तैयार होंगे 1800 ऑक्सीजन बैड, यूडीएच मंत्री धारीवाल ने की तैयारियों की समीक्षा

TISMedia@Kota कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच राजस्थान सरकार ने महामारी से मुकाबले की तैयारियां तेज कर दी हैं। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने सोमवार को चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इंतजामों की समीक्षा की।बैठक के बाद उन्होंने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर अगस्त के आखिर तक 1800 ऑक्सीजन बैड तैयार हो जाएंगे। पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए जल्द ही 700 लोगों की भर्ती की जाएगी। जरूरी दवाओं और व्यवस्थाओं का भी उन्होंने जायजा लिया।

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स्वायत्त शासन मंत्री सोमवार को निज निवास पर जिला प्रशासन, नगर विकास न्यास एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मध्यनजर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा जाताया है ऐसे में जिले के सभी अस्पतालों में तीसरी लहर से बचाव एवं उपचार के लिए बैड क्षमताओं में वृद्धि, ऑक्सीजन प्लांट स्थापना के कार्य त्वरित गति से पूरे किए जाये। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद का कार्य भी अभी से पूरा करे। उन्होंने कहा कि आकस्मिक प्लान के बजाय वृहद् स्तर पर कार्ययोजना बनाकर उपलब्ध संसाधनों का आकलन करे तथा आवश्यक उपकरण की उपलब्धता के लिए सरकार को प्रस्ताव भिजवाये।

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31 अगस्त तक करें ऑक्सीजन प्लांट स्थापित
स्वायत्त शासन मंत्री ने जिले के अस्पतालों में स्थापित किए जा रहे सभी ऑक्सीजन प्लांट स्थापना 31 अगस्त से पहले करते हुए जिले के सभी अस्पतालों में पाईपलाईन के द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई के लिए आवश्यक मरम्मत कार्य एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर अधिक प्रभाव पड़ने का अंदेशा विशेषज्ञों द्वारा बताया गया है, इसको ध्यान में रखते हुए मेडिकल कॉलेज एवं जेके लोन अस्पताल में सुविधाओं के विस्तार को प्राथमिकता से पूरा करे। उन्होंने बताया कि पिछली बार दूसरी लहर के समय 1250 बैड की आवश्यकता पड़ी थी। अभी से 1800 बैड की क्षमताओं में विस्तार कर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करे। कोटा जिले में बाहर से मेडिकल ऑक्सीजन नहीं मंगवाने पड़े। उन्होंने कहा कि कोटा को ऑक्सीजन की उपलब्धता में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करना है कि अस्पतालों में बैड एवं दवाओं की उपलब्धता में भी कमी नहीं रहे।

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अस्पतालों में संसाधन व स्टाफ के प्रस्ताव तैयार करे
उन्होंने अस्पतालों में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ की समीक्षा करते हुए रिक्त पदों के विरूद्ध नई भर्ती के प्रस्ताव सरकार को भिजवाने तथा चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ के रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकता पड़ने पर संविदा आधार पर लेने के लिए वैकल्पिक उपाय तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षक दवाओं, कोरोना संक्रमण के इलाज में आने वाले इंजेक्शन का स्टॉक भी समय-समय पर जांच कर रिजर्व रखें। ब्लैक फंगस अथवा अन्य मौसम जनित बीमारियों का इलाज बेहतर तरीके से करने के साथ लोगों को जागरूक भी करे। उन्होंने विधायक निधि से 8 एम्बुलेंस क्रय करने तथा अन्य विधायकों द्वारा चिकित्सा उपकरणों के लिए दी गई राशि का समय पर उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के कार्य को भी निरंतर गति के साथ किया जाये उपलब्ध वैक्सीन का दैनिक कार्ययोजना बनाकर सदुपयोग करे।

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120 दिन की दवाओं का किया स्टॉक 
जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना का कार्य समय पर पूरा किया जायेगा। उन्होंने जिला स्तर पर बनाई गई कार्ययोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सचिव यूआईटी राजेश जोशी ने ऑक्सीजन प्लांट स्थापना के प्रगति के बारे में बताया कि एक माह में सभी प्लांट स्थापित कर शुरू कर दिये जायेंगे। प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि बच्चों के लिए तीसरी लहर के मध्यनजर 700 बैड पर विशेष तैयारियां की जा रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना व पाईपलाईन का कार्य भी तीव्र गति से चल रहा है। उन्होंने बताया कि सभी कार्य पूरे होने पर जिले में 1800 बैड क्षमता पर ऑक्सीजन उपलब्धता पूरी हो जायेगी। सीएमएचओ डॉ. भूपेन्द्र सिंह तंवर ने बताया कि जिले में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। 120 दिवस का स्टॉक आरक्षित कर दिया गया है। जिले में 700 पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती सिविल डिफेंस पैटर्न पर की जायेगी, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर कॉल कर बुलाया जा सकेगा। इस अवसर पर अधीक्षक एमबीएस डॉ. नवीन सक्सेना, अधीक्षक जेके लोन डॉ. एचएल मीणा, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज डॉ. चन्द्रशेखर सुशील, अधिशाषी अभियंता यूआईटी आरके राठौड़ सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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