Kota: नाबालिग छात्रा की हत्या का आरोपी गौरव 9 दिन बाद गुरुग्राम से गिरफ्तार

हरियाणा और राजस्थान पुलिस ने गौरव जैन को उसकी बहन के घर से दबोचा

TISMedia@Kota नाबालिग छात्रा की हत्या के आरोपी ट्यूशन टीचर को कोटा पुलिस ने सोमवार रात गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है। सिटी एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि आरोपी गौरव जैन को गुरुग्राम में उसकी बहन के यहां से पकड़ा। बहन टोंक में थी।

पुलिस गौरव के रिश्तेदारों के यहां निगाह रख रही थी। गुरुग्राम में उसकी बहन के रहने की जानकारी मिली तो वहां पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया था। सोमवार रात को गौरव जैन अपनी बहन के घर पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गौरव जैन पर 4 लाख 31 हजार का इनाम है। डीएसपी अमर सिंह और साइबर सेल इंचार्ज एएसआई प्रताप सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम उसे मंगलवार सुबह कोटा लाएगी। पुलिस के अनुसार हत्या के आरोपी गौरव की बहन इन दिनों अपने सुसराल टोंक में आई हुई थी। ऐसे में जब यह वहां पर पहुंचा तो इसको कोई नहीं मिला। ऐसे में लोकल पुलिस की मदद से नाबालिग के हत्या के आरोपी को पुलिस ने इसकी बहन की घर के बाहर से गिरफ्तार किया।

बाल कटवाए और चलने की स्टाइल बदली 
कोटा पुलिस ने हत्यारे गौरव की खुद को छुपाने की तमाम कोशिशें नाकाम कर दो हैं। गौरव जैन ने खुद को छुपाने के लिए अपने बालों की कटिंग करवाई और अपने चलने की स्टाइल भी बदल डाली थी। ताकि उसे कोई पहचान नहीं सके। इतना ही नहीं उसने अपने पहनावे और रहन-सहन के तरीके में भी खासे बदलाव कर लिए। थे, लेकिन कोटा पुलिस के मुखबिर तंत्र ने उसे उसी के जाल में फंसा लिया। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने हाल ही में इतना तो पता कर लिया था कि गौरव हो न हो दिल्ली और गुड़गांव में छुपा हुआ है, लेकिन वह अपनी पहचान छुपा रहा था। जिससे पुलिस भी बार-बार उसकी इस चालाकी से मात खा रही थी। इसके बाद पुलिस ने तय रणनीति के अनुसार खुद को हर जगह से गायब कर लिया था। लेकिन, पुलिस का अपना मुखबिर तंत्र पूरी तरह एक्टिव था। सोमवार देर शाम को इसी मुखबिर तंत्र ने पुलिस को पुख्ता सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने उसे उसकी बहन के घर के बाहर से राउंडअप कर लिया।

30 टीमें कर रहीं थी तलाश 
सिटी एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि टीम ने कई दिनों से गुरुग्राम में डेरा डाल रखा था। सभी रिश्तेदारों और नजदीकियों पर नजर रखी जा रही थी। इसके लिए तीन एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारियों के निर्देशन में 6 पुलिस उपाधीक्षक की अगुवाई में 30 टीमें लगाई हुई थी, जिसमें 150 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे।

मंत्री धारीवाल ने घर भेजी जानकारी
इस गिरफ्तारी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जैसे ही इस खबर की पुष्टि हुई तो नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बालिका के परिजनों को सूचना देने के लिए फोन किया। जब उनका फोन नहीं उठा तो धारीवाल ने बाल कल्याण समिति के सदस्य अरुण भार्गव को फोन कर सूचना दी और कहा कि परिजनों को घर जाकर सूचना दो और मेरी बात करवाओ। इसके बाद अरुण भार्गव बालिका के घर पहुंचे और परिजनों से धारीवाल की बात करवाई।

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