एसीबी की बड़ी कार्रवाई : लाडपुरा एसडीएम का सूचना सहायक व दलाल 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
– लाडपुरा एसडीएम, एसीएम व मंडाना नायब तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध
– जमीन की मुआवजा राशि का फैसला करने की एवज में मांगी थी 4 लाख की घूस
TISMedia@Kota. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार को शहर में बड़ी कार्रवाई करते हुए कोटा एसडीएम के सूचना सहायक व दलाल को एक लाख रुपए लेते रंग हाथ दबोचा है। जबकि तीसरा आरोपी फरार है। वह एसडीएम मुख्यालय (एसीएम) का सूचना सहायक है, जिसकी तलाश की जा रही है। एसीबी रिश्वत प्रकरण में लाडपुरा एसडीएम व एसीएम की भूमिका संदिग्ध मान रही है।
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एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि 4 फरवरी को परिवादी हेमराज ने एसीबी को लिखित शिकायत दी थी। जिसमें बताया कि गोपालपुरा बीलखेड़ा में उसकी संयुक्त खाते की कृषि भूमि है। जिसमें उसके चचेरे भाई जमनालाल का भी हिस्सा है। इस जमीन विभाजन का वाद वर्ष 2009 से न्यायालय सहायक कलक्टर मुख्यालय (एसीएम) में लगाया था। 8.5 बीघा जमीन दिल्ली-मुंबई हाइवे के लिए अवाप्त की गई थी। जिसका मुआवजा 2 करोड़ रुपए वर्ष 2019 में स्वीकृत हुआ था। वाद निर्णय के अनुसार ये मुआवजा सभी (तीन) खातेदारों को मिलना था।
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1 फरवरी को न्यायालय एसीएम कोटा द्वारा फैसला सुनाया। जिसमें चाचा के लड़के जमनालाल का नाम खाते में दर्ज करने के आदेश दिए। इस फैसले के बारे में एसडीएम के सूचना सहायक एकांत से बात की तो उसने बताया कि 4 लाख रुपए देने से मना करने पर फैसला जमनालाल के पक्ष में सुनाया गया है। जमनालाल ने 5 लाख रुपए दिए तो एसीएम बालकृष्ण तिवारी ने जमनालाल के पक्ष में फैसला सुनाया। फैसले पर स्टे आदेश के लिए हेमराज ने आरएए कोर्ट में अपील की। साथ ही 4 फरवरी को लाडपुरा एसडीएम दीपक मित्तल को प्रार्थना पत्र पेश किया। जिसमें मुआवजा राशि जमनालाल को नहीं देने की मांग की। जिस पर एसडीएम मित्तल ने सूचना सहायक एकांत से मिलने को कहा। एकांत से मिलने पर उसने गांव के ही बलराम मीणा से मिलने की बात कहीं। बलराम से मिला तो उसने मुआवजा राशि सोमवार तक रोकने के लिए 1 लाख रुपए एकांत को देने की बात कहीं। परिवादी रिश्वत नहीं देना चाहता था। परिवादी ने एसीबी में शिकायत दी। जिसके बाद ट्रेप की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
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यूं पकड़ में आया सूचना सहायक
एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाने के बाद ट्रेप के लिए जाल बिछाया। सूचना सहायक एकांत ने बलराम को रिश्वत राशि लेकर थेगड़ा अक्षरधाम कॉलोनी के पास बुलाया। एकांत ने रिश्वत राशि मिलने के बाद एसीएम के सूचना सहायक दीपक रघुवंशी व एसडीएम मित्तल से फोन पर बात की। इस पर एसीबी टीम ने दोनों को रंगे हाथों 1 लाख की रिश्वत राशि के साथ दबोच लिया।
लाडपुरा एसडीएम की भूमिका संदिग्ध
एडिशनल एसपी चन्द्रशील ने बताया मामले में लाडपुरा एसडीएम दीपक मित्तल, सहायक कलक्टर मुख्यालय (एसीएम) बालकृष्ण तिवारी, सूचना सहायक दीपक रघुवंशी, मंडाना के नायब तहसीलदार विनय चतुर्वेदी की भूमिका पूर्व में ली गई रिश्वत व बरामद रिश्वत से सामने आई है। इनके खिलाफ जांच जारी है।