NDRF ने भी जब डाल दिए हथियार तब ‘जुगाडू बॉस’ ने दिखाया चमत्कार, बचाई मासूम की जान

जालौर. जालौर जिले के लाछड़ी गांव में जमीन से 80 फीट नीचे गहराई में फंसा 4 वर्षीय बालक को 16 घंटे बाद बाहर निकाल लिया गया। जिगर के टुकड़े को सकुशल देख मां-बाप की आंखें खुशी से छलक उठी। रेस्क्यू में लगी दो राज्यों की एनडीआरएफ टीम को सफलता नहीं मिली तो गांव के माधाराम ने मात्र 25 मिनट में ही बच्चे को मौत के मुंह से सुरक्षित निकाल लिया। जब आधुनिक तकनीक फेल हो गई तब देसी जुगाड़ ने यह कारनामा कर दिया। हैरानी की बात यह है कि गुजरात व अजमेर की एनडीआएफ की टीम 16 घंटे बाद भी बच्चे को बोरवेल बाहर नहीं निकाल सकी, तो बालक के परिजनों के आग्रह पर प्रशासन से माधाराम को यह जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद जुगाडू बॉस के नाम से महशूर माधाराम ने रात 1.55 बजे मोर्चा संभाला और 2.20 बजे तक बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। उनके इस कारनामे से हर कोई चौंक उठा।

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90 फीट बोरवेल और 80 फीट गहराई में फंसा मासूम
जानकारी के अनुसार लाछड़ी गांव निवासी नगाराम देवासी ने अपने खेत पर बोरिंग खुदवाई थी। बोरिंग की गहराई 90 फीट थी, जिसे ऊपर से ढंका हुआ था। गुरुवार सुबह करीब दस बजे नगाराम का 4 साल का बेटा अनिल खेलते हुए बोरवेल में गिर गया। पास ही खड़े परिजन ने उसे बोरवेल में गिरते देखा तो जोर से चिल्लाया। मदद के लिए लोगों को बुलाया। मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। गांव वालों ने प्रशासन को सूचना देकर अपने स्तर पर ही रेस्क्यू शुरू किया। लेकिन, सफलता नहीं मिली। बच्चे की स्थिति जानने के लिए बोरवेल में कैमरा डाला गया। रस्सी से पानी की बोतल पहुंचाई, जिसके बाद बच्चे ने पानी पीया। वहीं, घटना के 8 घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

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अजमेर और गुजरात की एनडीआरएफ को नहीं मिली सफलता
अजमेर और गुजरात की गांधीनगर से आई एनडीआरएफ की टीम को रस्क्यू ऑपरेशन में कामयाबी नहीं मिली तो बच्चे के परिजनों व ग्रामीणों ने जिला कलक्टर से स्थानीय व्यक्ति माधाराम की मदद लेने का आग्रह किया। इस पर करीबन 1.55 बजे रेस्क्यू शुरू किया और 2 बजकर 20 मिनट पर बच्चे को बहार निकाल लिया, वह भी केवल 25 मिनट में।

कौन है जुगाड़ी बोस माधाराम
माधाराम जालौर जिले के बागौड़ा क्षेत्र निवासी हैं। वे जुगाडू बॉस के नाम से जिले में पहचाने जाते हैं। जब लोग किसी मुश्किल में फंस जाते हैं तो उन्हें ही याद करते हैं। लोगों के बुलाते ही माधाराम मौके पर पहुंच जाते हंै। माधाराम ने कई बार इस तरह के रेस्क्यू कर लोगों की जान बचाई है। इसके लिए उन्हें राज्यस्तर व जिलास्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है। वैसे, इनका मुख्य कार्य बोरवेल से मोटर निकालने का है।

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माधाराम ने इस जुगाड़ से निकाला बच्चे को बाहर
80 फीट गहराई में फंसा बालक को बाहर निकालने के लिए माधाराम ने देसी जुगाड़ अपनाया। इसके लिए उन्होंन जलापूर्ति के लिए काम आने वाले पीवीसी के तीन पाइप मंगाए। उसने तीनों पाइप के आगे एक टी को जोड़ा। इनके बीच में एक रस्सी बांध दी गई। साथ ही कैमरे को भी इससे जोड़ा गया। रात 1.55 पर जुगाड़ी बोस ने मोर्चा संभाला और अस्सी फीट तक इस जुगाड़ को पहुंचाने के बाद टी को बालक के सिर से होते हुए पेट तक पहुंचाया गया। सीने तक पहुंचते ही रस्सी को खींचा गया। इससे तीनों पाइप के बीच में बच्चा फंस गया। इसके बाद रस्सी के सहारे बच्चे को खींचते हुए 25 मिनट में ही बाहर निकाल लिया गया। माधाराम के इस कारनामे के बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने फोन कर बधाई दी।

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