Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी ओवैसी की AIMIM
असदुद्दीन ओवैसी दो दिन राजस्थान के दौरे पर, 14-15 सितम्बर को 5 जिलों में करेंगे जनसभाएं
- कांग्रेस के मुस्लिम कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश, भाजपा को मिल सकता है फायदा
- ओवैसी 2 दिन में करेंगे 4 बड़ी जनसभाएं, जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, चूरू और नागौर पर नजर
TISMedia@Jaipur राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए राजनीति दल अभी से ग्राउंड तैयार करने में जुटे हैं। इस बार राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के चुनाव की राह में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ( AIMIM) मुश्किलें पैदा कर सकती है, क्योंकि एआईएमआईएम ने राजस्थान विधानसभा की 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है। इसी सिलसिले में AIMIM असदुद्दीन ओवैसी राजस्थान के दौरे पर आएंगे। राजस्थान में असदुद्दीन ओवैसी का दौरा 14 और 15 सितम्बर को प्रस्तावित है। वे पांच जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान चार बड़ी जनसभाओं को भी सम्बोधित करेंगे।
मीडिया से बातचीत करते हुए AIMIM के राजस्थान स्टेट को-ऑर्डिनेटर जमील खान ने बतासा कि ओवैसी का राजधानी जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, चूरू, नागौर का दौरा है। 14 सितम्बर को दोपहर 12 बजे प्रदेश पार्टी मुख्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। दोपहर 12.45 बजे पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। शाम 4 बजे सीकर पहुंचेंगे और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। शाम 5 बजे सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी, देर शाम साढे़ 7 बजे खिंवासर व रात साढ़े 8 बजे नवलगढ़ व 15 सितम्बर को सुबह 10 बजे नागौर के लाडनूं में जनसभा होगी।
11 फीसदी वोट पर नजर
राजस्थान में जनसंख्या 2011 के अनुसार 9 प्रतिशत से ज्यादा है। राजस्थान विधानसभा 2023 तक यह आंकड़ा दो फीसदी तक और बढ़ सकता है। राजस्थान में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। हालांकि ओवैसी मुस्लिम, दलित, आदिवासी और किसान को साथ लेकर सोशल इंजीनियरिंग की बात करते हैं। फिर भी उनकी पार्टी का फोकस मुस्लिम वोट बैंक के प्रभाव क्षेत्र वाली सीटों पर ही टिका है। ऐसे में ओवैसी की पार्टी की राजस्थान में एंट्री विधानसभा चुनाव में BJP से ज्यादा कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकती है। इसका उदाहरण पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में पिछले दिनों हुए निकाय चुनाव हैं, जिनमें AIMIM ने भाजपा कांग्रेस के समीकरण बदल दिए थे।
आप भी दमखम दिखाने को तैयार
राजस्थान की राजनीति के जानकार कहते हैं कि यहां का मुस्लिम वोट बैंक और पार्टी का एक्सटेंशन करना है। राजस्थान में चुनावी नब्ज टटोल रही आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी यह एक झटका हो सकता है, क्योंकि ओवैसी की पार्टी मुस्लिम, दलित, आदिवासी और किसान-मजदूरों की आवाज बनने वाली पार्टियों से गठजोड़ के आधार पर राजस्थान में सियासत साधना चाह रही है। 2018 विधानसभा चुनाव में इन 40 सीटों में से 29 पर कांग्रेस, 7 पर BJP, 3 पर बसपा और 1 पर निर्दलीय को जीत मिली थी। अभी बसपा विधायक और निर्दलीय कांग्रेस के साथ हैं, यानी 33 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। इनमें कांग्रेस के 16 में से 9 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीते।