छबड़ा हिंसा : आंखों के सामने लुटती रही दुकानें और हम दूर खड़े देखते रहे, पढि़ए व्यापारियों की आंखों देखी

बारां. साम्प्रदायिक हिंसा के बाद छबड़ा कस्बे की सूरत ही बदल गई। उपद्रवियों ने दो दिन तक जमकर तांडव मचाया। सड़कों पर खुलेआम हथियारों से लैस बेकाबू भीड़ ने जमकर कोहराम मचाया। बाजारों में दुकानें आग के हवाले कर दी। वहीं, कुछ दुकानों को लूट लिया। तीसरे दिन हालात काबू में आए तो बर्बादी के निशां देख दुकानदारों की आंखों से आंसू छलक उठे। कोई अपनी दुकान के बचे हुए सामान समेट रहा था तो कोई आग बुझाने के लिए पानी का डाल रहा था। दुकानदारों ने टिस मीडिया को बताया खौफनाक रात का आंखों देखा हाल।

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रास्ते में जो दिखा उसे तबाह कर दिया
नाम न छापने की शर्त पर एक दुकानदार ने बताया कि उपद्रवियों की भीड़ हथियारों से लैस थी। सड़कों पर जमा भीड़ ने जमकर तांडव मचाया। उपद्रवियों को रास्ते में जो वाहन दिखे उसे ही आग के हवाले कर गए। बाजर में खड़ी बाइक, बस, कार सबको आग लगा दी। हिंसा की खबर मिलते ही मैं दुकान बंद कर घर चला गया। थोड़ी ही देर बाद फोन आया कि भीड़ ने मेरी दुकान को आग लगा दी। जैसे-तैसे हिम्मत कर बाजार पहुंचा तो दुकान सुलग रही थी और मैं बेबस होकर देखता रहा। क्योंकि, उपद्रवी हथियारों से लैस थी।

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आंखों के सामने जलती रही दुकान
व्यापारी संदीप लुहाडिय़ा ने बताया कि बाजार में उनका तीन मंजिला मिनी मार्ट है। जिसमें किराना, कपड़े, फर्नीचर, कॉस्मेटिक आयटम, खिलौने, इलेक्ट्रोनिक आइटम्स, स्टेशनरी व डेयरी प्रोडक्ट कई दुकाने हैं। दोपहर डेढ़ बजे अचानक माहौल खराब हो गया। मैंने तुरंत मार्ट बंद कर दिया। थोड़ी ही दूर गया था कि उपद्रवियों की भीड़ वहां आई और दुकानों में आग लगा दी। आंखों के सामने तीन मंजिला मार्ट लपटों से घिरा हुआ था। सैंकड़ों उपद्रवी हाथों में हथियार लिए खड़े थे। अग्मिश्मन विभाग को सूचना दी लेकिन दमकल नहीं पहुंची। आग में सब कुछ जल गया। संदीप ने बताया कि आगजनी से करीब 40 लाख का नुकसान हो गया है।

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वो लाखों के मोबाइल लूट रहे थे और मैं देखता रहा…
व्यापारी अरुण गर्ग ने बताया कि आजाद सर्किल स्थित बाजार में उनकी मोबाइल की शॉप है। दुकान में 2000 से 45000 की कीमत के 700 मोबाइल थे। उपद्रवियों ने पहले दुकान का शटर तोड़ा फिर जमकर लूटपाट की। मेरी आंखों के सामने दुकान लूटती रही और मैं दूर खड़ा देखता रहा। दुकान बचाने की हिम्मत नहीं जुटा सका क्योंकि बदमाशों के हाथों में तलवारे-गंडासे व अन्य धारदार हथियार थे। दुकानों पर जिस तरह से हमला किया उसे देख मैंने चुप रहने में ही भलाई की। 20 से 25 मिनट में ही लाखों का माल लूट गया।

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