सरकारी पैसे पर फिर मौज काटने की तैयारी में राजस्थान के विधायक
फ्लैट, आईफोन और टैबलेट के बाद अब सीएम गहलोत ने फिर खोला सौगातों का पिटारा
- विदेश यात्रा के लिए मिलेगा एक लाख रुपए का भत्ता, विधानसभा में प्रस्ताव पेश
TISMedia@Jaipur सूबे की जनता महंगाई और बेरोजगारी से हलकान है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता के बजाय विधायकों पर मेहरबान है। हर बार विधायकों को सरकार किसी ने किस तरीके से उपकृत करती रहती है। कभी मुफ्त में टैबलेट दिए जाते हैं तो कभी आईफोन 13। इनसे भी काम नहीं चलता तो जयपुर में आधी कीमत पर फ्लैट तक दे दिए गए। अब माननीय विधायकों को विदेश यात्रा के लिए एक लाख रुपए का भत्ता दिए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए एक बिल भी विधानसभा में पेश किया गया है। यह भी पारित हो जाने के बाद जब कानून बन जाएगा तो माननीय विधायक विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बाद सरकारी खर्चे पर विदेश यात्रा कर सकेंगे।
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राजस्थान के विधानसभा सदस्यों को हर महीने करीब सवा 2 लाख रुपए मिलते हैं। इनमें विधायकों का वेतन और विभिन्न प्रकार के भत्ते शामिल है। 3 साल पहले 2019 में विधायकों का वेतन 25 हजार रुपए से बढ़ाकर सीधा 40 हजार कर दिया गया था। निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 70 हजार रुपए कर दिया गया। आवास भत्ते के रूप में 50 हजार रुपए और सहायक भत्ते के रुपए 30 हजार प्रति महीने भी दिए जा रहे हैं। साथ ही टेलीफोन और यात्रा भत्ता भी दिया जाता है। इसके अतिरिक्त हर साल फर्नीचर इत्यादि अन्य घरेलू सामान के लिए 80 हजार रुपए दिए जाते हैं।
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आमजन ताक रहा सरकार की तरफ
प्रदेश की जनता को महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है। बेरोजगार युवा रोजगार की मांग को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। लम्पी वायरस के प्रकोप से प्रदेश में लाखों गोवंश की मौत हो गई है। यह गोवंश किसानों की आजीविका का प्रमुख साधन था। किसानों को मुआवजा देने के बजाय सरकार माननीय विधायकों को उपकृत करने में लगी हुई है।