पालिकाध्यक्ष चुनाव : भाजपा के गढ़ में चला पंजा, कांग्रेस के घर खिला कमल

– रामगंजमंडी में कांगे्रस के देवीलाल सैनी और इटावा में भाजपा की रजनी सोनी बनी पालिकाध्यक्ष
कोटा. कोटा जिले की रामगंजमंडी और इटावा नगर पालिकाध्यक्ष चुनाव में कोई उलटफेर देखने को नहीं मिला। रामगंजमंडी में पूर्ण बहुमत हासिल कर कांग्रेस के देवीलाल सैनी व इटावा में भाजपा की रजनी सोनी पालिकाध्यक्ष चुने गए। रामगंजमंडी में कांग्रेस ने अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी कर रखी थी। जबकि भाजपा कांग्रेस में सेंध लगाने व निर्दलियों को अपने खेमे में लाने की फिराक में थी। वहीं, इटावा में भाजपा का खेल बिगाडऩे के लिए कांगे्रस निर्दलियों को अपनी ओर करने की कोशिश की लेकिन बोर्ड बनाने के लिए भाजपा के पास पर्याप्त पार्षद होने से वह निश्चिंत रही।
रामगंजमंडी में सैनी बने पालिकाध्यक्ष
रामगंजमंडी में पालिकाध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में कांगे्रस प्रत्याशी देवीलाल सैनी ने भाजपा के अखिलेश मेड़तवाल को 10 वोटों से शिकस्त देते हुए पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाया। सैनी को कुल 25 वोट मिले,जबकि मेड़तवाल को 15 ही वोट ही मिल सके। वहीं, अधिकतर निर्दलीयों ने कांगे्रस को समर्थन दिया है।
Read More : मिनीट्रक-कार भिडंत: यूपी के 3 दोस्तों की राजस्थान में दर्दनाक मौत, कार कटवाकर निकलवानी पड़ी लाश
तय थी कांग्रेस की जीत
नगर पालिका चुनाव कांग्रेस को सबसे ज्यादा 20 सीटें मिली थी। जबकि भाजपा के खाते में 13 सीटें ही आई थी। वहीं, चुनावी रण में निर्दलीयों ने जबरदस्त प्रदर्शन कर 7 सीटों पर कब्जा जमाया। हालांकि कांगे्रस बहुमत से मात्र 1 सीट ही दूर थी। ऐसे में रामगंजमंडी में कांग्रेस का बोर्ड बनना तय था। गौरतलब है कि यहां 40 सीटों पर चुनाव हुए थे।
भाजपा विधायक नहीं बनवा पाए अपना बोर्ड
पालिका चुनाव में जनता ने बड़ा उलटफेर करते हुए अपने विधायक पर भरोसा नहीं होने का संदेश दिया। भाजपा विधायक मदन दिलावर अपने निर्वाचन क्षेत्र रामगंजमंडी में कांगे्रस की बढ़त नहीं रोक पाए और न ही भाजपा का बोर्ड बना पाए।
Read More : यूपी से कोटा कोचिंग करने आई बेटी अपनों से बिछड़ी, 15 साल बाद मिली तो मां के छलक उठे आंसू
इटावा: रजनी के हाथों में आई पालिका की कमान
इटावा में भाजपा प्रत्याशी रजनी सोनी ने कांगे्रस की सुनीता योगी को 13 मतों से शिकस्त देकर पालिकाध्यक्ष की कमान अपने हाथों में ले ली। रजनी को कुल 24 वोट मिले, जबकि योगी को 11 ही वोट मिल सके। रोचक बात यह है कि 9 निर्दलीयों में से कांगे्रस को मात्र एक निर्दलीय का ही साथ मिल सका। जबकि आठ निर्दलीयों ने भाजपा को समर्थन दिया।
Read More : ट्रेन यात्रियों के टिकट चेक कर धौंस जमा रहा था फर्जी टीटी, वसूली से पहले ही धरा गया
शुरुआत से ही मजबूत स्थिति में थी भाजपा
इटावा में 35 सीटों पर चुनाव हुए थे। घोषित परिणाम में बीजेपी ने कांग्रेस को शिकस्त देते हुए 35 में से सबसे ज्यादा 16 सीटों पर जीत हासिल की थी। वह बहुमत के जादुई आंकड़े से महज 2 सीट ही दूर थी लेकिन 4 निर्दलीयों के साथ आने से भाजपा शुरू से ही मजबूती स्थिति में थी।