किसानों ने घेरी राजधानी, दिल्ली के बॉर्डर सील, पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प

दिल्ली. कृषि बिलों के विरोध में पंजाब और हरियाणा समेत सात राज्यों के एक लाख से ज्यादा किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को चारों ओर से घेर लिया। पंजाब से सटे हरियाणा बॉर्डर पर गुरुवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ। दिल्ली जाने से रोकने पर प्रदर्शनकारी किसानों ने हरियाणा बॉर्डर पर बैरिकेडिंग नदी में फेंक पुलिस पर पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे। वहीं उत्तर प्रदेश और राजस्थान बॉर्डर पर भी खासी तनातनी का माहौल बन गया।
हरियाणा पुलिस से भिड़े पंजाब के किसान
पंजाब के हजारों किसानों ने ट्रेक्टरों के साथ पैदल ही दिल्ली कूच कर दिया। हरियाणा पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को अंबाला के पास रोकने की कोशिश की तो किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। गुस्साए किसानों ने पुलिस पर पथराव किया। वहीं पुलिस ने ठंडे पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोले दाग किसानों को खदेड़ने की कोशिश की। अम्बाला के मोहड़ा में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में प्रदेश के कई जिलों के किसान इकट्ठा हुए थे। जिन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने बेरिकेडिंग उखाड़ फैंके। जिसके बाद पुलिस ने उन पर ठंडे पानी की बौछार कर जैसे तैसे रोका।
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हरियाणा-पंजाब बॉर्डर सील
किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने पंजाब हरियाणा बार्डर सील कर दिया। हरियाणा पुलिस ने 8 जगहों पर बैरिकेडिंग कर आंदोलनकारी किसानों को रोकने के लिए 5 हजार पुलिसकर्मियों का जाप्ता तैनात किया इसके साथ ही दोनों राज्यों की सीमाओं पर पत्थरों और कंटीले तारों की बैरिकेडिंग कर रास्ते पूरी तरह से सील कर दिए। जींद से लगे नेशनल हाईवे-52 को भी पूरी तरह सील कर दिया गया है।
हाईवे हुए जाम, 15 किमी का जाम
किसान आंदोलन के चलते चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर 15 किमी लंबा जाम लग गया। अम्बाला हाईवे पर इकट्ठा हुए किसानों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने उन पर पानी की बौछार की। जिससे गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए। यहां एहतियातन धारा 144 लगा दी गई है और 100 से ज्यादा किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
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दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर भी सील
किसानो को दिल्ली में दाखिल होने से रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर सील कर दिल्ली पुलिस फोर्स के साथ सीआरपीएफ की तीन बटालियन भी तैनात की गई है। किसान आंदोलन के डर से दिल्ली में दोपहर दो बजे तक मेट्रो ट्रेन तक बंद कर दी गई। इसके साथ ही दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे ब्लॉक कर दिया गया है। बावजूद इसके किसान संगठनों ने दावा किया है कि करीब एक लाख किसान किसी भी तरह दिल्ली पहुंच कर आंदोलन करेगा।
मेधा पाटकर को आगरा में रोका
दिल्ली जा रहीं एक्टिविस्ट मेधा पाटकर को आगरा की सैयां कस्बे की सीमा में दाखिल होते ही रोक लिया गया। उनके साथ करीब 200 किसानों का जत्था भी था। मेधा पाटकर ने यूपी पुलिस से आगरा तक जाने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने उन्हें वापस राजस्थान लौटने के लिए कह दिया। जिसके बाद वह किसानों के साथ हाईवे पर ही धरना देकर बैठ गई। जिससे वहां 6 किमी से भी लंबा जाम लग गया।
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छह राज्यों के 500 संगठन कर रहे विरोध
दिल्ली कूच में पंजाब और हरियाणा समेत कुल छह राज्यों के किसान शामिल हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और केरल के किसान भी गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली पहुंचकर किसान कानूनों के खिलाफ विरोध मार्च में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं। कृषि कानूनों के विरोध में एक दो नहीं पूरे 500 संगठन मार्च निकाल रहे हैं। इन संगठनों का दावा है कि तमाम रुकावटों के बावजूद एक लाख से ज्यादा किसान दिल्ली पहुंच कर प्रदर्शन करेंगे।