“आशिकों” के लिए यूपी की दरगाहों ने बंद किए दरवाजे, “लव जिहाद” से पल्ला झाड़ने की कोशिश
बरेलवी मसलक का बड़ा कदमः दरगाह आला हजरत ने घर से भागी लड़कियों के निकाह पर लगाया प्रतिबंध
- लव मैरेज पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दरगाह आला हजरत से जारी किया पोस्टर
- दरगाह ने पहले ही मुस्लिम लड़के-लड़कियों के गैर-मुस्लिमों से शादी न करने की हिदायत
TISMedia@Kota देश में लव जिहाद और शादी के लिए धर्मांतरण पर छिड़े विवाद के बीच मुस्लिम समाज सख्त फैसले लेने लगा है. मुस्लिम लड़के-लड़कियों के गैर-मुस्लिमों से शादी न करने की हिदायत के बाद अब दरगाह आला हजरत से लव मैरेज पर कठोर फरमान सामने आया है. जिसमें स्पष्ट किया गया है कि घर से भाग जाने वाले प्रेमियों का निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा.
दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां के हवाले से इसका एक पोस्टर जारी किया गया है. जिसे दरगाह से जुड़ी इमारतों पर चस्पा किया जा रहा है. पोस्टर में साफ लिखा है कि, दरगाह आला हजरत, मदरसा मंजरे इस्लाम, अफ्रीकी गेस्ट हााउस या कोई दूसरी संस्था में निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा. खासतौर से उन लोगों का, जो बाहर से भागकर आते हैं.
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दरगाह ने जारी किया दूसरा पोस्टर
अक्टूबर में उर्से रजवी है. दरगाह पर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. पोस्टर जारी हो चुका है. उसके बाद ही लव मैरेज से संबंधित ये दूसरा पोस्टर जारी किया गया है. जिसमें घर-वार छोड़ने वाले आशिकों के लिए दरगाह ने अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं. यानी उन्हें यहां से कोई राहत नहीं मिलेगी. न ही कोई उलमा निकाह पढ़ाने की जुर्रत करेंगे. अगर कोई उलमा ऐसा करते पाए गए, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है. दरगाह प्रमुख ने ये भी कहा कि, ऐसे निकाह पर यहां प्रतिबंध के बाद, ऐसे किसी मामले में दरगाह का नाम न घसीटा जाए. इस मसले में दरगाह को बदनाम करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही का रास्ता अख्तियार होगा.
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शिकायतों के बाद उठाया कदम
दरगाह आला हजरत से जुड़े और तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बताते हैं कि दरगाह से पहले ही ऐसे निकाह पर सख्त मनाही रही है. लेकिन इस बीच अब कुछ शिकायतें सामने आई हैं. दरगाह प्रमुख ने इनका संज्ञान लेकर पोस्टर जारी कराया है. यह अच्छी कोशिश है. समाज में जो बुराईयां पनप रही हैं. उन पर रोक लगना जरूरी है. दरगाह के संगठन तहरीक-ए-तहफ्फुज-ए-सुन्नियत यानी टीटीएस से जुड़े परवेज नूरी कहते हैं कि दरगाह पर कोई निकाह नहीं पढ़ाया जाता है. इसके पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं. बाहर भी ये मैसेज भेजा जा रहा है.
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लव जिहाद के खिलाफ कानून बना वजह
सनद रहे कि यूपी समेत कई राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ कठोर कानून वजूद में आ चुके हैं. यूपी में भी कानून बन चुका है. और कानून बनने के बाद लव जिहाद का पहला मामला भी बरेली में ही दर्ज किया गया था. गुजरात में जमीयत उलमा-ए-हिंद ने इस कानून को चुनौती दी थी. जिसके कुछ अधिनियमों पर गुजरात हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. वहीं दूसरी जगहों पर ही कानून को चैलेंज किया गया. लेकिन, इस सबके बीच समाज के जिम्मेदार लोग आगे आ रहे हैं. और अपने अपने मुआशरे में ही सख्ती पाबंदी के जरिये प्रेम विवाह रोकने की कोशिश में लगे हैं.