अराजकताः बरेली में एक लाख मुसलमानों ने किया प्रदर्शन, उड़ी कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां
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- पैगंबर-ए-इस्लाम के खिलाफ नरसिंहानंद की अभद्र टिप्पणी से आक्रोशित था मुस्लिम समाज
- जमात रजा-ए-मुस्तफा ने बुलाई थी भीड़, आंखें मूंदे देखता रहा पुलिस प्रशासन
बरेली. पैगंबर-ए-इस्लाम के खिलाफ नरसिंहानंद की अभद्र टिप्पणी से मुस्लिम समाज में आक्रोश है. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत और ताजुश्शरिया के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा ने इस्लामियां इंटर कॉलेज के मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें करीब एक लाख लोगों की भीड़ जुटी। कोरोना के कहर के बीच हुए इस प्रोटेस्ट को रोकने की बजाय उत्तर प्रदेश सरकार ही नहीं बरेली का पुलिस प्रशासन भी चुप्पी साधे देखता रहा। सिर्फ स्वास्थ्य विभाग ने तल्ख एतराज जताते हुए आने वाले दिनों में यूपी में कोरोना के हालात भयावह होने की चेतावनी दे डाली है।
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एसएसपी पहुंचे भीड़ को संबोधित करने
चौंकाने वाली बात यह थी कि बरेली पुलिस मुस्लिम नेताओं को प्रदर्शन करने से रोकने या ऐसा न करने के लिए समझाने के बजाय खुद इस भीड़ का हिस्सा बन गई। पहले से ही तय को प्रदर्शन को रोकने की कोशिश करने के बजाय बरेली के एसएसपी रोहित सिंह सजवाण खुद भीड़ को संबोधित करने पहुंच गए। भीड़ को संबोधित करते हुए एसएसपी ने आश्वस्त किया कि आपकी मांग पर कानून सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चूंकि अभी पंचायत चुनाव हैं और कोविड संक्रमण का खतरा बना है, लिहाजा प्रशासनिक गाइडलाइन का पालन करें। प्रोटेस्ट में दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद रजा खां, जमात के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां, मुफ्ती अफजाल और समरान खान समेत तमाम उलमा भी मौजूद रहे। इन लोगों ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को ज्ञापन भी सौंपा।
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घंटों चलती रही तकरीर
इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान में प्रदर्शनकारियों की भीड़ पूरे दिन जमी रही। इस दौरान मुस्लिम नेता लगातार तकरीरें करते रहे। इस दौरान उलमाओं ने तकरीर में कहा कि कुछ ताकतें देश को बांटने पर आमदा हैं। उन्हें ये समझना चाहिए कि ये देश हर एक नागरिक का है और हम इसे इस तरह बर्बाद नहीं होने देंगे। इसकी आजादी के लिए हमारे बुजुर्गों ने कुर्बानियां दी हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश की एकता-अखंडता के लिए खड़े हों। हालांकि, उलेमा यह भूल गए कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ताक पर रख वह हजारों लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
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बरेली की गलियां तक हुईं जाम
प्रदर्शन के दौरान भीड़ लगातार नारेबाजी कर रही थी। कभी नरसिंहानंद को फांसी दिए जाने की आवाज उठती तो कभी सिर धड़ से अलग किए जाने की मांग। उलमा बेकाबू भीड़ को समझाते, लेकिन इसका कोई असर नहीं होता। दोपहर 2 बजे से होने वाले प्रदर्शन के लिए सुबह से ही भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। करीब डेढ़ घंटे तक भाषण हुए। इसके बाद कहीं जाकर मजमा हटा। बेसुमार भीड़ के चलते बरेली शहर की प्रमुख सड़कें और बाजार ही नहीं गलियां तक सुबह से लेकर शाम तक भीड़ से अटी रहीं। हालत यह हो गए कि प्रदर्शन खत्म होने के घंटों बाद तक शहर में भीषण जाम लगा रहा।
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नरसिंहानंद, वसीम रिजवी को करो गिरफ्तार
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में जमात के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने कहा कि लगातार मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आह्त की जा रही हैं। जानबूझकर हिंदू-मुस्लिमों के बीच दुश्मनी पैदा की जा रही है। पहले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कुरान के संबंध में अर्यादित बातें कहीं और अब नरसिंहानंद ने पैगंबर-ए-इस्लाम के लिए गलतबयानी की है। इन दोनों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए। नरसिंहानंद के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं। भारतीय संविधान के मुताबिक सभी नागरिक समान हैं। इसलिए अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा की जाए और वसीम रिजवी व नरसिंहानंद दोनों को गिरफ्तार किया जाए।