पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, घर से जबरन उठाकर ले गई लखनऊ पुलिस

उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार की दोपहर हजरतगंज थाने में दर्ज किया था मुकदमा 

  • हजरतगंज पुलिस ने ठाकुर पर दुष्कर्म पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाने का लगाया आरोप 
  • 25 मई को दुष्कर्म पीड़िता और 21 मई को गवाह सत्यम राय की हो चुकी है
  • सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा के पुलिस ने घर में कर दिया था नजरबंद  

TISMedia@Lucknow मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद 21 अगस्त से घर में नजरबंद किए गए पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उन्हें घर से जबरन उठाकर हजरतगंज थाने ले आई। पुलिस ने अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी से कुछ देर पहले ही उनके खिलाफ थाना हजरतगंज में एक दुष्कर्म पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था।

जबरिया सेवानिवृत किए गए आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ हजरतगंज थाने में शुक्रवार दोपहर को मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने एक दुष्कर्म पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाया था। मुकदमा भी खुद उत्तर प्रदेश पुलिस के एक एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी की तहरीर पर दर्ज किया गया है। अपनी गिरफ्तारी की सूचना पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने ट्वीट कर दी है।

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21 अगस्त से घर में थे नजरबंद 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद अमिताभ ठाकुर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने 21 अगस्त से उनके घर में ही नजर बंद (हाउस अरेस्ट) करके रखा हुआ था। इस दिन उन्होंने गोरखपुर और अयोध्या का दौरा करने की घोषणा की थी। जिसके बाद पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया। उत्तर प्रदेश पुलिस अपने ही आला अधिकारी रह चुके ठाकुर के खिलाफ कार्यवाही करने में यहीं पर नहीं रुकी और 27 अगस्त को यूपी पुलिस के एक एसएसआई से हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया।

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झूठे साक्ष्य तैयार करने का आरोप
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर हजरतगंज थाने में शुक्रवार को मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें आरोप लगाया गया है कि 10 नवंबर 2020 को एक दुष्कर्म पीड़िता ने वाराणसी के एसएसपी को उनके खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें दुष्कर्म के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय से अमिताभ ठाकुर पर रुपये लेकर न्यायालय के लिए झूठे साक्ष्य तैयार करने का आरोप लगाया गया था। पीड़िता ने इस शिकायत में ठाकुर पर उसे बदनाम करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया था। प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने लिखा था कि उसे आत्मदाह के लिए उकसाया जा रहा है। सांसद व पूर्व आईपीएस मानसिक व शारीरिक यातनाएं दे रहे हैं।

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दुष्कर्म पीड़िता ने कर लिया था आत्मदाह
अमिताभ ठाकुर पर दुष्कर्म के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय का सहयोग करने का आरोप है। दुष्कर्म पीड़िता और मुकदमे के गवाह एवं उसके दोस्त सत्यम राय ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर 16 अगस्त को वीडियो बनाया। जिसमें अमिताभ ठाकुर पर आरोप लगाया था। इस वीडियो में दोनों ने कहा था कि वे सरकारी तंत्र से प्रताड़ित होने के बाद बुरी तरह से निराश हो चुके हैं। सांसद अतुल राय ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए उन्हें खूब प्रताड़ित किया। पुलिस और जजों की मिलीभगत से उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है। इसी वजह से वह और उसके साथ हुई घटना का गवाह आत्मदाह के लिए मजबूर हुए हैं।इसके बाद दोनों ने वहीं आत्मदाह कर लिया था। दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल मं भर्ती कराया गया, लेकिन बहुत ज्यादा जल जाने के कारण पहले 21 मई को सत्यम राय और फिर 25 मई को दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई थी। इस मामले में ठाकुर से उत्तर प्रदेश पुलिस कई बार पूछताछ भी कर चुकी है।

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चुनाव की घोषणा के बाद किया गया नजरबंद
दुष्कर्म के आरोपी सांसद का सहयोग करने के आरोपी पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। अपनी सियासी पारी शुरू करने के लिए वह 21 अगस्त की सुबह पहले गोरखपुर और फिर अयोध्या के दौरे पर जा रहे थे, लेकिन इसी बीच गोमतीनगर पुलिस ने उन्हें कानून-व्यवस्था का हवाला देकर हिरासत में लेकर उन्हीं के घर में नजरबंद कर दिया था। तभी से वह पुलिस की निगरानी में थे।

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