कोरोना के खिलाफ जंग में जनप्रतिनिधियों को ही संभालना होगा मोर्चा : स्पीकर बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ने कोविड-19 को लेकर पीठासीन अधिकारियों के साथ की बैठक
नई दिल्ली. कोरोना महामारी एक साल बाद फिर से नए रूप में नई चुनौतियों के साथ हमारे सामने आई है। कोरोना संक्रमण का नया स्ट्रेन पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्यादा घातक है। संक्रमण दर की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। तेजी से संक्रमण फैल रहा है जो हम सबके लिए गम्भीर चिंता का विषय है। कोरोना रोकथाम को लेकर सभी राज्य सरकारें अपने स्तर पर आवश्यक प्रयास कर रही हैं। लेकिन, संकट की इस घड़ी में विधायिकों को आगे आना होगा और ज्यादा तत्परता से अपना कर्तव्य निभाना होगा। तभी हम महामारी को रोक पाएंगे। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कोविड-19 की वर्तमान स्थिति, जनप्रतिनिधियों की भूमिका और दायित्व विषय पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कही। बैठक में भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों, जनप्रतिनिध, राज्य विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों, संसदीय कार्य मंत्री, मुख्य सचेतक तथा नेता प्रतिपक्ष मौजूद रहे।
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लोकसभा स्पीकर बिरला ने जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे एकसाथ पूरी ताकत से अपने कर्तव्यों का पालन करें तथा समाज और देश को इस आपदा से शीघ्र मुक्ति दिलाने में अपना योगदान दें। बिरला ने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि वह कोरोना के संबंध में जागरूकता और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए अपने-अपने राज्यों के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनता में आवश्यक संदेश पहुंचाने का प्रयास करें। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से जनता के बीच यह संदेश देने को कहा कि कोरोना के साथ लड़ाई में निजी सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है और इस बारे में कोई भी लापरवाही अत्यंत खतरनाक सिद्ध हो सकती है।
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बिरला ने यह दिए सुझाव
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोरोना रोकथाम को लेकर कई सुझाव दिए हैं। जिनमें कुछ इस तरह है।
-महामारी के नियंत्रण के लिए जनप्रतिनिधि सामाजिक संगठनों की सहायता ले सकते हैं।
-ग्राम पंचायतों एवं शहरी क्षेत्रों के स्थानीय निकायों सहित लोकतांत्रिक संस्थाओं को सामूहिक रूप से कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए जनता के बीच में रहकर व्यापक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया जाए।
– पीठासीन अधिकारी अपने-अपने राज्यों के विधान मण्डलों में कंट्रोल रूम स्थापित करें, जो सभी जनप्रतिनिधियों से जुड़े रहें। इसके माध्यम से प्राप्त सूचनाएं एवं जनता की कठिनाइयों को सरकार तक पहुंचाने का काम करें।
– केन्द्र से संबंधित कोई विषय हो तो वह लोकसभा कंट्रोल रूम तक पहुंचाएं। ऐसा होने से राज्यों के विधान मण्डलों एवं लोकसभा का एक साझा तंत्र स्थापित हो सकेगा और जो मिलजुलकर इस भीषण महामारी को रोक पाने में कारगर साबित होगा।
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12 करोड़ से ज्यादा लोगों को लगा टीका
बिरला ने टीकाकरण पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना से बचाव के लिए देशभर में अब तक 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है। टीकारण में तेजी लाने के लिए जनप्रतिनिधि स्थानीय प्रशासन के प्रयासों में सहभागी बनें। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों से अपनी best practices एक दूसरे से साझा करने का आग्रह किया ताकि जनता की समस्याओं के निवारण के लिए एक मानक प्रक्रिया स्थापित हो सके । बैठक में 34 विधान सभाओं और विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों और अन्य नेताओं ने भाग लिया।
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देश-राज्य के हालातों की समीक्षा की
वर्चुअल बैठक से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया वीसी सोमानी और नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी की अध्यक्ष शुभ्रा सिंह से चिकित्सा व्यवस्था एवं दवाइयों की उपलब्धता की जानकारी ली। साथ ही वैक्सीनेशन की स्थिति भी जानी। प्रदेश में कोरोना से बिगड़ते हालातों पर चिंता जताते हुए अधिकारियों को राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन की पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करने को कहा। बिरला ने राजस्थान के हालातों को देखते हुए ऑक्सीजन व दवाइयों की आपूर्ति सही रहे इसके लिए व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने कोटा-बूंदी में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, दवाइयां, बेड और आईसीयू की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।