गलहोत की बढ़ी मुश्किलः कांग्रेस विधायक ने पूछाः घूसखोर ‘एसपी’ को कैसे बना दिया ‘डीआईजी’

TISMedia@कोटा. राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बगावत थमने का नाम ही नहीं ले रही है। इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला है कोटा जिले की सांगोद विधानसभा से सत्ताधारी दल के विधायक भरत सिंह ने। उन्होंने जिला मुख्यालय पर गुरुवार को समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान भ्रष्टाचार के बहाने भरत सिंह ने सरकार के मुखिया गहलोत पर जमकर निशाना साधा। हालांकि, विधायक ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ कृषि सुधार कानूनों का विरोध करने के नाम पर बुलाई थी। 

सांगोद विधायक अपने समर्थकों के साथ गुरुवार सुबह कोटा जिला मुख्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने भ्रष्टाचार रूपी रावण का पुतला दहन किया। अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए भरत सिंह ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा। सिंह ने कहा कि सूबे में भ्रष्टाचार का इस कदर बोलबाला है कि जिस अधिकारी को एसीबी भ्रष्टाचार के मामले में पकड़ कर जेल भेजती है उसी को कुछ दिनों बाद ऊंचे पदों पर बैठे लोग सांठगांठ कर न सिर्फ बहाल कर देते हैं, बल्कि पुलिस विभाग में डीआईजी जैसे अहम पदों पर भी बिठा देते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि भ्रष्ट नौकरशाहों को तत्काल बर्खास्त करने के लिए मोदी सरकार संसद में कानून पारित करे।

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सरकार की गोद में बैठे ‘भ्रष्टाचारी’

विधायक भरत सिंह इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने यहां तक कह दिया कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अफसर ही नहीं विधायक तक सरकार की गोद में बैठे हैं। किसी को मंत्री तो किसी को मलाईदार पदों पर बिठाया जा रहा है। बारां जिले के एक जनप्रतिनिधि को घेरते हुए उन्होंने कहा कि उनके इशारे पर बारां कलक्टर रहे आईएएस इंद्र सिंह राव जमकर घूसखोरी कर रहे थे। लेकिन, गनीमत रही कि एसीबी में कुछ ईमानदार अफसर आज भी अपना फर्ज निभा रहे हैं। एसीबी के इन्हीं अफसरों ने अपनी नौकरी दांव पर लगा कर भ्रष्ट कलक्टर की घूसखोरी का पर्दाफाश किया, बल्कि उसे जेल भी भेजा। लेकिन, इसके उलट सरकार में बैठे कुछ लोग घूसकांड के मुख्य आरोपी रही कोटा के पूर्व पुलिस अधीक्षक को न सिर्फ बचाने की कोशिश में जुटे रहे, बल्कि उसे बहाल करवा कर डीआईजी के पद पर नियुक्ति भी दिला दी। भरत सिंह ने नारकोटिक्स के तत्कालीन उपायुक्त सहीराम मीणा, डिप्टी जेलर बत्तीलाल मीणा और खान विभाग के अधीक्षण खनन अभियंता पन्ना लाल मीणा एवं इसी विभाग के संयुक्त सचिव बंशीधर कुमावत जैसे घूसखोरी में रंगे हाथ दबोचे गए आला अफसरों को तत्काल सेवाओं से बर्खास्त करने की मांग की। सिंह ने कहा, जब तक सरकार भ्रष्टाचार के मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी तब तक भ्रष्टाचार की फसल ऐसे ही बढ़ती रहेगी।

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प्रधानमंत्री को बता डाला रावण 

भरत सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी की तुलना रावण से कर डाली। भरत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार, कृषि कानून लाई है, जिसकी किसी किसान ने मांग नहीं की। ये कानून पीएम मोदी के दिमाग की उपज है। किसान आंदोलन के बाद मोदी को इस बात का अहसास हो गया है कि उनसे गलती हो गई, लेकिन केंद्र सरकार अहंकार के चलते इस कानून को वापस नहीं ले रही है। इससे किसान परेशान है। सिंह ने कहा कि हमें उम्मीद थी, 30 दिसम्बर को वार्ता के बाद पीएम मोदी कानून वापस लेने की घोषणा करेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ। रावण बुद्धिजीवी था, लेकिन अहंकार उसकी बड़ी समस्या थी। पीएम मोदी का अंहकार भी रावण से कम नहीं हैं। इसलिए आज अहंकार और भ्रष्टाचाररूपी रावण के पुतले का दहन किया गया।

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अब क्यों नहीं कहते- न खाऊंगा न खाने दूंगा

विधायक सिंह ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संजीवनी घोटाले में जिनके नाम सामने आए आज वो पीएम मोदी के कैबिनेट के साथी हैं। अब उनके खिलाफ क्यों नही कहते ‘न खाऊंगा ना खाने दूंगा’। उन्होंने मांग की कृषि कानून की आवश्यकता नहीं है, इसे वापस लें। प्रदर्शन के दौरान भ्रष्टाचार और कृषि विधेयकों के विरोध में कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए। इस मौके पर देहात कांग्रेस जिलाध्यक्ष सरोज मीणा, पूर्व जिला उपाध्यक्ष टीकम पाली, कुशलपाल सिंह सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा पहले से धरने पर बैठे किसान भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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