27 सफदरजंग रोडः लुटियंस जोन का वो खास बंगला, जिसे लेकर भिड़े पूर्व और मौजूदा कैबिनेट मंत्री
ज्योतिरादित्य सिंधिया इसी बंगले में रहने की जिद पर अड़े, लेकिन खाली नहीं कर रहे निशंक
- साल 1980 में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने पर माधवराव सिंधिया को अलॉट किया गया था यह बंगला
- निशंक ने कहाः मुझे टाइप 8 बंगले में रहने का है पूरा हक, नहीं कहा किसी ने खाली करने के लिए
TISMedia@NewDelhi एक तो दिल्ली का वीवीआईपी इलाका लुटियंस जोन… और ऊपर से टाइप 8 आलीशान बंगला… वह भई सफदरजंग रोड पर… आखिर कौन इसमें रहना नहीं चाहेगा। यही चाहत अब सत्ता पक्ष के लिए मुसीबत बन गई है। मुसीबत की वजह बना है बंगला नंबर 27। केंद्रीय नागरिक उड्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इसी बंगले को आवंटित करने की जिद पर अड़े हैं और पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक खाली न करने की जिद पर। हालांकि, निशंक ने दावा किया कि उनसे किसी ने बंगला खाली करने को कहा ही नहीं, लेकिन सिंधिया ने अभी तक दिखाए गए सभी बंगलों में रहने से ही इनकार कर दिया है।
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दिल्ली दरबार के गलियारों से खबर आई है कि मोदी सरकार के पूर्व और मौजूदा मंत्री के बीच एक बंगले को लेकर खींचतान मची है। मामला कैबिनेट से हटाए गए पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और हाल ही में कैबिनेट का हैवीवेट हिस्सा बने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच फंसा है। मीडिया में छपी खबरों की मानें तो सिंधिया सफदरजंग रोड पर स्थित 27 नंबर के बंगले को आवंटित करने की जिद पर अड़े हैं। जबकि इस बंगले में पहले से रह रहे निशंक खाली करने को तैयार नहीं है। हालांकि कैबिनेट से हटाए जाने के बाद उन्हें मंत्रियों के लिए आवंटित होने वाला बंगला खाली कर देना चाहिए था, लेकिन वह इसके लिए बिल्कुल भी राजी नहीं हैं।
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निशंक बोलेः हमसे तो किसी ने कहा ही नहीं
मीडिया में खबरें उछलने के बाद शुक्रवार को निशंक ने इस मामले पर सफाई और दलील दोनों दी। मीडिया से रूबरू हुए निशंक ने सबसे पहले नियमों की बात की। उन्होंने कहा कि लोकसभा सचिवालय के नियमों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पूर्व राज्यपाल और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष में से यदि कोई सांसद दो अर्हताएं रखता हो तो वह टाइप आठ बंगले में रहने का हकदार है। ऐसे में जब मैं पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुका हूं इसीलिए लोकसभा सचिवालय ने टाइप 8 के बंगले में रहने के लिए अधिकृत किया है। मंत्री बनने से पहले भी इसी श्रेणी के मकान में रह रहे थे। इसके बाद उन्होंने जो दूसरी बात कही वह यह कि ” अभी तक किसी ने यह बंगला खाली करने के लिए उनसे कहा ही नहीं है। कोई कहता तो सोचते भी।”
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सिंधिया को पसंद नहीं आ रहा दूसरा बंगला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया को तीन बंगलों का ऑफर दिया गया, लेकिन उन्होंने इन तीनों को खारिज कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह सिर्फ एक बंगले की मांग कर रहे हैं और वह है 27 सफदरजंग रोड। सूत्रों के मुताबिक इस बंगले से उनका खास लगाव है। साल 1980 में जब ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया राजीव गांधी की कैबिनेट का हिस्सा बने तो उन्हें यही बंगला आवंटित किया गया था। माधवराव सिंधिया आखिरी सांस तक इसी बंगले में रहे। इतना ही नहीं साल 2019 में लोकसभा चुनाव हारने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इसी बंगले में रह चुके हैं, लेकिन चुनाव हारने के बाद यह बंगला उन्हें खाली करना पड़ा था। कहा जा रहा है कि इसी सब के चलते सिंधिया का इस बंगले से खास लगाव है और वे इसमें ही शिफ्ट होना चाहते हैं। फिलहाल सिंधिया आनंद लोक में स्थित अपने निजी आवास में ही रह रहे हैं।
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तीन एकड़ में फैला है यह खास बंगला
लुटियंस जोन के बंगलों को टाइप 1 से 8 तक में बांटा गया है। टाइप 8 का बंगला सबसे बड़ा होता है। जो कैबिनेट मंत्रियों को आवंटित किया जाता है। करीब 3 एकड़ में फैले इस श्रेणी के आलीशान बंगलों में सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 8 कमरे होते हैं। इसके साथ ही स्टाफ क्वाटर और दफ्तर भी होता है। लंबा चौड़ा लॉन और पार्किंग एरिया किसी को भी इस बंगले से मोह पैदा कर दे। लुटिंयस जोन में टाइप 8 के 205 बंगले हैं।