करौलीः खनन के बाद खाली हुए गड्ढे में डूबने से 4 बच्चों की मौत, तीन गए थे डूबते बच्चे को बचाने

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और मुख्यमंत्री गहलोत ने ने हादसे पर जताया शोक

TISMedia@करौली. कैलादेवी थाने के मनोहरपुरा गांव में खनन के बाद खाली हुए गड्ढे में भरे पानी में 4 बच्चों की डूबने से मौत हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक गांव के बाहर पोखर में इकट्ठे हुए बारिश के पानी में नहा रहा बच्चा जब डूबने लगा तो पास ही खेल रहे तीन बच्चे उसे बचाने के चक्कर में हादसे की चपेट में आ गए। बच्चों की मौत से पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है।

कैलादेवी थाना पुलिस के मुताबिक मनोहरपुरा गांव में शाम को यह दर्दनाक दुर्घटना हुई। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि मनोहरपुरा गांव के बैरवा बस्ती के आधा दर्जन के करीब बच्चे बकरी चराकर शाम को घर लौट रहे थे। रास्ते में एक क्रेशर के पास हो रहे गड्ढे में बारिश का पानी जमा हो गया। बच्चे तालाब समझ कर उसमें नहाने लगे, लेकिन गड्ढा खासा गहरा था। गहराई में जाने के बाद एक बच्चा इस गड्ढे में डूबने लगा तो बाकी बच्चे उसे बचाने के लिए दौड़े। डूबते बच्चे को बचाने की इसी कोशिश में चार बच्चों की इस पोखर में डूबने से मौत हो गई। मरने वालों में दो लड़के और दो लड़कियां शामिल हैं।

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बुझा बबलू के घर का चिराग 
ग्रामीणों ने बताया कि मरने वालों में मनोहरपुरा गांव में  बबलू जाटव के दो बेटे लवकेश और शिवकेश इस हादसे में अपना जान गंवा बैठे। लवलेश की उम्र 10 और शिवकेश की महज 12 साल ही थी। एक ही घर के दो बेटे खोने से पूरे गांव में हाहाकार मच गया। इसके साथ ही मनोहरपुरा गांव के सुमेर की 9 वर्षीय बेटी काजल और राजू की 13 साल की बेटी पूजा की भी इस हादसे में मौत हो गई।

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लापरवाही ने निगली जिंदगियां 
मनोहरपुरा गांव के लोगों ने बताया कि पूरे इलाके में पत्थरों का खदान करने और कटाई छटाई के लिए खासी संख्या में क्रेशर चल रहे हैं। पत्थरों की खुदाई के बाद क्रेशर मालिक कभी भी वहां होने वाले गड्ढे नहीं भरते। जिसके चलते जरा सी बारिश होने पर यह लबालब भर जाते हैं। ऊपर से इनकी गहराई का अंदाजा न होने और पानी का ठहराव होने के बाद काई लगने से इनमें डूबने की आशंका और ज्यादा बढ़ जाती है। कई गड्ढ़ों की गहराई तो पोखर जैसी हो गई है। जिनमें बारिश का पानी जमा हो जाता है। बीते दिन हुई बारिश का पानी ऐसे ही एक गहरे गड्ढ़े में भरा हुआ था, जिसमें यह हादसा हुआ।

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दौड़े अफसर, मुआवजे का आश्वासन 
घटना की सूचना मिलते ही करौली के एसडीएम देवेंद्र सिंह परमार, कैलादेवी के सीओ और थानाधिकारी जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे। अफसरों को देख ग्रामीण क्रेशर मालिक के खिलाफ कार्यवाही की मांग पर अड़ गए। बच्चों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और शव रखकर प्रदर्शन करने लगे। जैसे-तैसे अफसरों ने पीड़ित परिवारों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक सहायता दिलाने और दोषी क्रेशर मालिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आश्वासन दिया। तब जाकर ग्रामीणों ने धरना खत्म किया।

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लोकसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने जताया शोक 
इस हादसे की खबर लगते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोक जताया है। मृतक बच्चों के परिजनों को ढ़ांढस बंधाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने ट्ववीट किया है कि जिम्मेदारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के हादसे दोबारा न हों। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही करने एवं शोक संतप्त परिजनों को आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है।

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