खाकी को सलाम : आपकी जिंदगी बचाने को मौत से जंग लड़ रही कोटा पुलिस, 600 जवान संक्रमित, 2 शहीद
कोटा. कोरोना के खिलाफ जंग-ए-मैदान में कोटा पुलिस मुस्तैदी से डटी हुई है। शहरवासियों की जिंदगी बचाने के लिए “खाकी” कोरोना कहर के बीच दिन-रात सड़कों पर दौड़ रही है, ताकि माहामारी आपको चपेट में न ले सके। फ्रंटलाइन वॉरियर पुलिस जवान अपनी जान की परवाह किए बगैर कोटावासियों की जान बचाने में जुटे है, लेकिन हर फर्ज की एक कीमत होती है। जिसे कोटा पुलिस भी चुका रही है।
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बाजारों और सड़कों पर भीड़ जुटने से कोरोना का संक्रमण सामुदायिक रूप से न फैले इसी कोशिश में जुटी थी कोटा पुलिस। सब्जी मंडी से लेकर सड़क और चौराहों तक पर पुलिस के जवान बेवजह घूम रहे लोगों को रोकने की कोशिश में जुटे थे, लेकिन लोग तो नहीं माने। कोटा पुलिस के 600 से ज्यादा जवान, अधिकारी व होमगाड्र्स जरूर संक्रमण की चपेट में आ गए। बावजूद इसके कोटा पुलिस अब भी कोरोना के खात्मे को हर चुनौती से निपटने को मुस्तैदी से डटे हैं। अस्पतालों में बेड से लेकर ऑक्सीजन की कमी का खामियाजा भी पुलिस भुगत रही है। क्योंकि लगातार पॉजिटिव आने के बाद कई जवान घर पर ही क्वारंटाइन हैं। ऐसे में जाप्ते की कमी तक होने लगी। जिसे पूरा करने के लिए होम गार्डस ने कदम बढ़ाते हुए सुरक्षा व्यवस्था का मोर्चा संभाला। अब शहर के प्रमुख चौराहों पर पुलिस के साथ होम गार्डस कंधे-कंधे मिलाकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं।
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कांस्टेबल से लेकर एसपी तक हुए पॉजिटिव
कोटा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि अब तक 600 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। शहर पुलिस के हालात तो और भी खराब है। कोरोना की पहली लहर में ही शहर पुलिस के 300 जवान और अधिकारी पॉजिटिव हो गए थे। संक्रमित होने वालों में कांस्टेबल से लेकर एसपी तक शामिल हैं। इसके बावजूद जवान कोटावासियों की जान बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगाने से नहीं चूक रहे। बल्कि, उत्साह और मुस्तैदी से कोरोना के खिलाफ जंग में डटे हुए हैं। इतना ही नहीं पहली लहर में दो पुलिस अधिकारी अपनी जान भी गंवा चुके हैं।