#WarAgainstCorona व्यस्कों को मुफ्त में लगेगा वैक्सीन, 3 हजार करोड़ खर्च करेगी गहलोत सरकार

जयपुर. कोरोना के संक्रमण की नब्ज तोड़ने के लिए गहलोत सरकार एक के बाद एक बड़ा फैसला लेने में जुटी है। एक तरफ केंद्र सरकार एक ही वैक्सीन की कई कीमतों को रोक नहीं पा रही, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सूबे के लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन मुफ्त में लगाने की घोषणा की है। इसके लिए राजस्थान सरकार 3000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
राजस्थान में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच अब राजस्थान में भी 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को लगने वाले कोरोना का वैक्सीन निशुल्क लगेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा की है। प्रदेश सरकार के एलान के बाद अब 1 मई से 18 वर्ष से अधिक के लोगों को लगने वाला वैक्सीन निशुल्क लगाया जा सकेगा और इसका पूरा आर्थिक भार प्रदेश सरकार वहन करेगी। हालांकि वहीं दूसरी ओर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बयान जारी किया है कि दवा निर्माता कंपनियों के हाथ खड़े करने के कारण एक मई से फ्री वैक्सीन नहीं लग पाएगी।
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हालात काबू करने की कोशिश
डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि हालात से निपटने के लिए राजस्थान में फिलहाल 42 हजार 886 आइसोलेशन बेड, 8532 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड एवं 2326 आईसीयू बेड मौजूद हैं। लेकिन, इसके बाद भी हम ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड की संख्या बढ़ाकर 20 हजार तक लाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र से आए वेंटिलेटर खराब निकले, लेकिन फिर भी 1749 वेंटिलेटर का हमने इंतजाम किया है। सभी उपजिला एवं जिला अस्पतालों में सेन्ट्रलाइज्ड ऑक्सीजन पाइपलाइन स्थापित की जा चुकी है। प्रदेश में इस वक्त 25 ऑक्सीजन प्लांट पूरी रफ्तार से काम कर रहे हैं। जबकि 18 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का काम युद्ध स्तर पर चालू है।
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272 मोबाइल वैन, सवा लाख क्वारनटाइन बेड
शर्मा ने बताया कि कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पीटलों का लोड कम करने के लिए संदिग्ध और कम गंभीर मरीजों के उपचार के लिए अब तक 1 लाख 14 हजार 288 क्वारनटाइन बेड एवं 42 हजार 886 आइसोलेशन बेड तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ ही दूर दराज के गांवों में मेडिकल स्टाफ के साथ 272 मेडिकल मोबाईल वैन भी संचालित की जा रही है। ताकि, ग्रामीणों को इलाज के लिए शहर की ओर न भागना पड़े। उन्होंने बताया कि फिलहाल राजस्थान में 1 लाख 27 हजार 616 एक्टिव केस हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर 3 लाख 67 हजार 485 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।