राजस्थानः इलाज ही नहीं अब अंतिम संस्कार का खर्चा भी उठाएगी सरकार
आर्थिक भंवर में उलझे प्रदेश वासियों के लिए गहलोत सरकार ने उठाया संवेदनशील कदम
कोटा. कोरोना के बढ़ते कहर के बीच राजस्थान सरकार ने बेहद संवेदनशील फैसला लिया है। कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद मरीज की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार का सारा खर्चा अब सरकार उठाएगी। राज्य के कई इलाकों से कोरोना संक्रमितों की मृत्यु के बाद सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार न होने की खबरें मिलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह संवेदनशील फैसला लिया है।
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जारी किया आदेश
राजस्थान देश का पहला ऐसा सूबा है जहां कोरोना के कहर से लोगों को बचाने के लिए सबसे पहले सख्त कदम उठाए गए। सरकारी अस्पतालों के जरिए मुफ्त इलाज दिया गया। बावजूद इसके लोगों की लापरवाही का आलम यह रहा कि कोरोना का संक्रमण जानलेवा होता चला गया। ऐसे में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह अंतिम संस्कार को लेकर राजस्थान में भी अफरा-तफरी के माहौल न बने इसलिए गहलोत सरकार ने पूर्ण संवेदनशीलता के साथ पार्थिव देह के निर्धारित कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार सम्मानपूर्वक अन्तिम संस्कार करने के आदेश जारी किए हैं। सरकार की ओर से सभी जिला कलेक्टर, नगर निगम, नगर परिषद, जिला, उप जिला, सेटेलाइट चिकित्सालय वाली समस्त नगरपालिकाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे पूर्ण संवेदनशीलता के साथ पार्थिव देह के निर्धारित कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार सम्मानपूर्वक अन्तिम संस्कार में परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था, अन्तिम संस्कार सामग्री एवं अन्य व्यवस्थाएं की जाए. साथ ही अन्तिम संस्कार स्थल पर भली-भांति सुनिश्चित की जाए। ऐसे प्रकरणों में होने वाला समस्त व्यय संबंधित स्थानीय निकाय द्वारा वहन किया जायेगा।
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लापरवाही नहीं बरतें
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि पूरे प्रदेश में पार्थिव देह का चिकित्सालय से श्मशान, कब्रिस्तान, ग्रेवयार्ड तक सम्मानपूर्वक परिवहन सुनिश्चित किया जाए। परिजनों को पार्थिक देह को चिकित्सालय से शमशान, कब्रिस्तान या ग्रेवयार्ड तक ले जाने में किसी भी प्रकार की परेशानी उत्पन्न न हो, इसके लिए जिला प्रशासन को जिला परिवहन अधिकारी के जरिए एंबुलेंस या पार्थिव देह परिवहन का इंतजाम करना होगा। इसके लिए पहले से ही वाहन अधिग्रहण करने के भी आदेश जारी किए गए हैं।
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नहीं लिया जाएगा कोई खर्च
अशोक गहलोत ने आदेश जारी किए हैं कि अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव देह को श्मशान या कब्रिस्तान तक ले जाने के लिए मृतक के परिजनों से किसी भी तरह का कोई खर्च नहीं वसूला जाएगा। इसका खर्च स्थानीय निकाय वहन करेंगे। खर्च का हिसाब रखने के लिए स्थानीय निकाय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। जहां से पार्थिव देह के परिवहन हेतु सूचना प्राप्त होते ही, इस कार्य के लिए रजिस्टर में आवश्यक प्रविष्टि कर, सम्बन्धित व्यक्ति के नम्बर व पता देकर, नियंत्रण कक्ष द्वारा पर्ची जारी कर, अविलम्ब रवाना की जाएगी एवं वापसी में रजिस्टर में वापस प्रविष्टि अंकित की जायेगी।
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अंतिम संस्कार का सारा इंतजाम करेगा प्रशासन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आदेश जारी किया है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के कारण होने वाली मृत्यु के मामलों में अंतिम संस्कार का सारा खर्च स्थानीय निकायों को करना होगा। जिला प्रशासन की निगरानी में एम्बूलेन्स की निशुल्क व्यवस्था पर होने वाला खर्च, अन्तिम संस्कार सामग्री एवं अन्य सभी व्यवस्थाएँ भी स्थानीय निकायों को ही करनी होंगी। मुख्यमंत्री ने प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कोरोना गाइड लाइन की पालना करवाने के लिए पूरी सख्ती बरतें।