श्रम मंत्री का चला चाबुक, 7 साल बाद दौड़ेगा 850 करोड़ रुपए से बना ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज

केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने सात दिन में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की दी हिदायत

  • संतोष गंगवार गुरुवार को करेंगे निरीक्षण, 40 लाख की आबादी को मिल सकेगा सस्ता इलाज  

अलवर. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार का चाबुक चलने के बाद 7 साल से सफेद हाथी साबित हो रहा अलवर का ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अब दौड़ता नजर आएगा। 850 करोड़ रुपए की लागत से बने इस भवन के कोरोना कहर के बीच धूल फांकने की खबरें जब केंद्रीय श्रम मंत्री को लगीं तो वह खासे नाराज हुए। अफसरों के पेच कसते हुए जल्द से जल्द सारी खामियां दुस्त करने के साथ ही सात दिन के अंदर ऑक्सीजन प्लांट चालू करने तक की हिदायत दे डाली। इतना ही नहीं गंगवार इससे भी संतुष्ट नहीं हुए और अब गुरुवार को खुद कॉलेज का निरीक्षण कर हालात देखने आएंगे। जिसके बाद ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन में हड़कप मच गया।

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अलवर संभाग की 40 लाख से भी ज्यादा की आबादी को सस्ती और उच्च स्तरीय चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सात साल पहले अलवर के एमआईए में 850 करोड़ रुपए की लागत से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निर्माण कराया था। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने मेडिकल कॉलेज की भव्य इमारत तैयार कराने से लेकर यहां हर तरह की उच्च स्तरीय चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद सात साल से न सिर्फ इमारत बल्कि संसाधन तक धूल फांक रहे हैं। हालात यह थे कि करोड़ों रुपए फूंकने के बाद हॉस्पीटल का संचालन करना तो दूर श्रम मंत्रालय के किसी अफसर ने यहां झांकना तक जरूरी नहीं समझा।

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केंद्रीय मंत्री ने ली सुध
कोरोना के कहर के बीच जब पूरा देश चिकित्सीय सुविधाओं की कमी से बुरी तरह से जूझ रहा था, तब 850 करोड़ की यह इमारत सफेद हाथी साबित हो रही थी। सांसद बालकनाथ योगी ने बीते दिनों इसकी जानकारी श्रम एवं रोजगार विभाग के सचिव अपूर्वा चंद्रा एवं मंत्री के विशेषाधिकारी पीके गुप्ता को दी। चंद्रा और गुप्ता ने जब केंद्रीय मंत्री को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने खासी नाराजगी जताई। तत्काल जिम्मेदार अधिकारियों को तलब कर उनसे विस्तृत रिपोर्ट मांगी, लेकिन संतोष गंगवार रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने ईएसआइसी मेडिल कॉलेज को 500 बेड के हॉस्पिटल के रूप में जल्द से जल्द चालू करने के निर्देश दिए हैं। ताकि इस महामारी में आमजन को लाभ मिल सके। यहां जरूरत के अनुसार स्टाफ व उपकरण भी तत्काल मुहैया कराने के लिए कहा है। जिससे कोरोना के संक्रमितों को यहां ऑक्सीजन बेड के अलावा आइसीयू बेड भी मिले सकेंगे। एक्सपर्ट डॉक्टर के जरिए अन्य बीमारी के मरीजों को भी इलाज मिल सकेगा।

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सात दिन में चालू करो ऑक्सीजन प्लांट
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में तत्काल चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए मंत्री ने सात दिन की मोहलत दी है। इसके बाद भी मंत्री मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं से संतुष्ट नहीं आए तो उन्होंने गुरुवार को खुद अलवर जाकर स्थलीय निरीक्षण करने भी फैसला लिया है। मंत्री के औचक निरीक्षण की खबर लगते ही ईएसआईसी प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है।

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पहली बार आएगा कोई मंत्री
सांसद बालकनाथ योगी ने कहा कि ईएसआईसी हॉस्पीटल का निर्माण होने के बाद पहली बार कोई श्रम मंत्री इसके निरीक्षण के लिए अलवर आएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय श्रम मंत्री को जैसे ही ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज की बदहाली की खबर लगी उन्होंने बेहद गंभीरता से मामले को लिया और जिम्मेदार अधिकारियों को इसके जल्द से जल्द संचालन के निर्देश दिए हैं। श्रम मंत्री की कोशिशों से अलवर और आसपास के इलाके के 40 लाख लोगों को सस्ता और उच्च स्तरीय इलाज मिल सकेगा।

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