प्रियंका गांधी ने पर्ची पर ऐसा क्या लिख दिया कि दर्ज हो गई 500 लोगों के खिलाफ एफआईआर

गंभीर धाराओं में लखनऊ पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, लखीमपुर खीरी पहुंची कांग्रेस महासचिव

TISMedia@Kota उत्तर प्रदेश में लखनऊ पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एफआईआर में इन लोगों पर  सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, महामारी एक्ट का उलंघन करने और धारा 144 का उलंघन करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यूपी में मचे इस बवाल की वजह बनी है प्रियंका गांधी की वो पर्ची जो उन्होंने लखनऊ पुलिस को लिखकर दी। पर्ची खोलते ही पुलिस ऐसी तिलमिलाई कि ताबड़तोड़ मुकदमों की बौछार कर डाली। सियासी गलियारों में अब एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर प्रियंका ने पर्ची में ऐसा क्या लिख दिया जिससे उत्तर प्रदेश की पुलिस को “मिर्ची” लग गई।

दरअसल, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी शुक्रवार को यूपी के दौरे पर लखनऊ पहुंची। उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा। यूपी के पंचायत चुनावों में भाजपा को मिली बंपर सफलता के बाद ऐसी भीड़ की किसी ने उम्मीद तक न की थी। प्रियंका की इस लोकप्रियता को यूपी के राजनेता पचा पाते इससे पहले ही उन्होंने दूसरा दांव खेल दिया। प्रियंका गांधी लखनऊ एयरपोर्ट से सीधे हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा जा पहुंची। वहां पहुंच कर पहले तो उन्होंने राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर अचानक पंचायत चुनाव में हुई हिंसा, महिला उत्पीड़न, ध्वस्त कानून व्यवस्था और कोरोना काल में गंगा में मिली लाशों के अपमान के खिलाफ धरने पर बैठ गईं। 

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लखनऊ में मचा हड़कंप 
प्रियंका गांधी के दलबल के साथ अचानक धरने पर बैठने से लखनऊ के सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस के आला अफसर दौड़े-दौड़े हजरतगंज पहुंचे और प्रियंका को धरने से हटाने की कोशिश की, लेकिन वहां पहुंच कर पुलिस कर्मियों को पता चला कि प्रियंका सिर्फ धरने पर ही नहीं बैठी हैं उन्होंने 500 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ मौन प्रदर्शन शुरू कर दिया है। विधानसभा के बगल में सरकार के खिलाफ अचानक इतना बड़ा मजमा जुटने से लखनऊ की सियासत गर्मा गई। प्रियंका गांधी प्रतिमा पर करीब दो घंटे तक मौन धारण किए बैठी रहीं। लखनऊ पुलिस के मुताबिक कांग्रेस ने यहां सिर्फ 10 मिनट के कार्यक्रम की इजाजत ली थी, लेकिन प्रियकां के धरने पर बैठने से लखनऊ की लाइफ लाइन कहे जाने वाले विधानसभा मार्ग पर तगड़ा जाम लग गया।

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प्रियंका की एक पर्ची ने मचाया बवाल 
प्रियंका के मौन प्रदर्शन पर बैठने के बाद पुलिस के हाथ पैर ही फूल गए। सत्ताधारी दलों से लेकर उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टियों में भी यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। सत्ता के गलियारों से पुलिस पर प्रियंका को हटाने का दवाब पड़ने लगा, लेकिन पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ के आगे बेबस नजर आई। आखिर में आला अफसरों ने प्रियंका गांधी तक धरना खत्म करने की बात पहुंचाई, लेकिन जब वह नहीं मानी तो उन पर धारा 144 और महामारी एक्ट के उलंघन में गिरफ्तारी करने का दवाब डाला गया। जवाब में मौन साधे बैठी प्रियंका गांधी ने एक पर्ची लिखी, जिस पर लिखा था “पंचायत चुनाव और कोरोना काल में हुई अराजक व्यवस्था के दौरान इस तरह के कोई कानून नहीं थे क्या?” इतना ही नहीं प्रियंका की पर्ची में पुलिस से यह भी पूछ लिया कि क्या लखीमपुर में महिलाओं के कपड़े फटते समय भी यूपी की यही पुलिस वहां खड़ी थी या फिर वहां किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं को वर्दी पहना कर खड़ा कर दिया गया था?” प्रियंका की इस पर्ची ने न सिर्फ पुलिस के दौहरे रवैये बल्कि यूपी के सियासी नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर दिए। जिसके बाद ऐसा बवाल मचा कि पर्ची पढ़कर खिसियाई पुलिस ने हजरतगंज में प्रदर्शन कर रहे 500 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर डाला।

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प्रियंका को नहीं बनाया आरोपी 
हजरतगंज में गांधी प्रतिमा के सामने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की अगुवाई में धरना प्रदर्शन हुआ, लेकिन लखनऊ पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उन्हें आरोपी नहीं बनाया। यूपी के सियासी पंडित कहते हैं कि सरकार नहीं चाहती कि प्रियंका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कांग्रेस को फिर से संगठित कर दिया जाए। ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, वेदप्रकाश त्रिपाठी और दिलप्रीत सिंह जैसे नेताओं को आरोपी बना कर बड़ी चाल चली है। दरअसल यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को देखते हुए प्रियंका का यूपी दौरा काफी अहम माना जा रहा है। कांग्रेस जिला स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं। सभी सीटों पर उम्मीदवार चुनने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में आरोपी बनाए गए सभी नेताओं का नामांकन खारिज करवाया जा सकता है। हालांकि प्रियंका तीन दिन के लखनऊ दौरे के दौरान इसका कैसे जवाब देती हैं देखने वाली बात होगी। शनिवार को प्रियंका लखीमपुर पहुंची। जहां उन्होंने ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान बदसलूकी की शिकार हुई महिला से मुलाकात की।

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