पहले भरो बिल फिर मिलेगी बिजली की सप्लाई, 48 लाख उपभोक्ताओं के घर लगेंगे प्रीपेड मीटर
- सब्सिडी की चासनी के बीच गहलोत सरकार ने परोसी प्रीपेड मीटरों की निबौरियां
- 90 हजार करोड़ के घाटे से जूझ रहे हैं डिस्कॉम, 4000 करोड़ का बोझ और बढ़ेगा continua a leggere
TISMedia@Kota मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के बिलों में कटौती करने के लिए सब्सिडी की चुनावी चासनी परोसी, लेकिन इस लोक लुभावनी घोषणा की मिठास ज्यादा देर तक टिक न सकी। क्योंकि इसी बजट में चुपके से “पहले बिल भरो फिर बिजली की सप्लाई पाओ” स्कीम भी शामिल कर दी गई थी।
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साल 2023 के विधानसभा चुनावों में बढ़त हासिल करने के इरादे से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में लुभावनी योजनाओं का पिटारा भर रखा था। जिसमें से एक थी बिजली के बिलों से राहत। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में घोषणा की कि जो उपभोक्ता एक महीने में सिर्फ 100 यूनिट बिजली की खर्च करेंगे, सरकार उनका बिल आधा कर देगी। यानि 50 यूनिट बिजली की सब्सिडी दी जाएगी।
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300 यूनिट तक मिली छूट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी बजट घोषणाओं में सौगातों की बौछार यहीं तक नहीं रोके रखी। उन्होंने एक महीने में 100 से 150 यूनिट बिजली खर्च करने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को भी लुभाने की कोशिश की और उन्हें बिजली बिल में 3 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी देने की घोषणा कर दी। इतना ही नहीं 300 यूनिट बिजली खर्च करने वालों को भी हर महीने 2 रुपए प्रति यूनिट सब्सिडी की तोहफा थमा दिया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन में बताया कि इस सियासी तोहफे के लिए ईमानदारी और मेहनत से अपना टैक्स चुकाकर भरे गए सूबे के खजाने से 4 हजार 500 करोड़ रुपए का खर्चा करना पड़ेगा।
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पहले से ही कर्जे में डूबे हैं डिस्काम
बार-बार खजाना खाली होने की बात करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह घोषणा ऐसे वक्त में की है जब बिजली वितरण करने वाले राजस्थान के तीनों संस्थान जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम एक दो नहीं पूरे 90 हजार करोड़ रुपए के घाटे से जूझ रहे हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि सूबे के बिजली उत्पादक पॉवर प्लांटों को चलाने के लिए कोयला कंपनियों से हर बार उधार में कोयला लेने के लिए झिकझिक करनी पड़ती है।
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अब यह भी जान लीजिए
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में बिजली सब्सिडी देकर 300 यूनिट तक के बिजली उपभोक्ताओं को रिझाने की भरकस कोशिश की है, लेकिन इसी बजट में उन्होंने 48 लाख प्रीपेड मीटर भी खरीदने का ऐलान किया है। करीब 4 हजार करोड़ की इस खरीद पर खर्च कर सूबे के 48 लाख बिजली उपभोक्ताओं को जोर का करंट बड़े धीरे से दिया गया है। क्योंकि, सरकार साल 2025 तक पूरे राजस्थान में प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू कर चुकी है। यानी अब बिल पहले जमा करवाने पर ही बिजली सप्लाई होगी। हर कनेक्शन व मीटर की ऑनलाइन मॉनीटरिंग होने से बिजली चोरी रुकेगी। जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम ने मीटर बदलने का काम शुरू भी कर दिया है।
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1.39 करोड़ उपभोक्ता
प्रदेश में 1.39 करोड़ एक्टिव उपभोक्ता हैं। इनमें 15 लाख कृषि कनेक्शन हैं। इन्हें छोड़कर पूरे प्रदेश में दो फेज में प्रीपेड मीटर लगाने का काम होगा। पहले फेज में 15% से ज्यादा बिजली छीजत वाले शहरी सबडिविजनों में 50% कनेक्शनों और 25% से ज्यादा छीजत वाले सबडिविजनों में सभी सरकारी कार्यालयों, इंडस्ट्रीज व कॉमर्शियल उपभोक्ताओं के दिसंबर 2023 तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगेंगेे। दूसरे फेज के सभी कनेक्शनों पर मार्च 2025 तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लग जाएंगे