शादी के बहाने नाबालिग को बेचा, बंधक बनाकर पति, देवर और ननदोई ने किया बलात्कार
कोटा. तीन दिन पहले अवध एक्सप्रेस से कोटा पहुंची किशोरी ने बाल कल्याण समिति के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पीडि़ता की आपबीती सुन समिति भी हैरत में पड़ गई। काउंसलिंग के बाद बाल कल्याण समिति ने उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की पुलिस को पीडि़ता का बाल विवाह, दुष्कर्म व बेचने के मामले में आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है।
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बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि 10 अप्रेल को अवध एक्सप्रेस से 17 वर्षीय किशोरी कोटा पहुंची थी। उसके पास ट्रेन का टिकट भी नहीं था। जीआरपी की सूचना पर चाइल्ड लाइन ने उसे रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। जहां उसकी काउंसलिंग की गई। इस दौरान पीडि़ता ने उसके साथ हुए अत्याचार की दास्तां बयां की तो टीम भी चौंक पड़ी। फिलहाल किशोरी को अस्थाई शेल्टर होम भिजवाया गया है। वहीं, उसके परिजनों को सूचना कर दी गई है। बुधवार तक उनके कोटा पहुंचने की उम्मीद है।
पति, देवर और ननदोई ने किया दुष्कर्म
समिति अध्यक्ष फातिमा ने बताया कि काउंसलिंग में पीडि़ता ने बताया कि गत वर्ष 30 नवम्बर को उसके मामा ने उसका बाल विवाह देवरिया इलाके में कर दी। दरअसल, शादि के नाम पर उसे बेच दिया गया था। ससुराल में उसे बंधक बनाकर रखा जाता था। वहां पति, देवर और नंदोई ने उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके पति ने अश्लील वीडियो बनाया। जिसे बाद में वायरल भी कर दिया। उन्हीं लोगों के चंगुल से बचने के लिए वह भागकर ट्रेन में बैठ गई। उसे गोरखपुर जाना था और वह गलत ट्रेन में सवार हो गई। जिसके चलते वह कोटा पहुंच गई।
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देवरिया थाने में दर्ज है किशोरी की गुमशुदगी
समिति अध्यक्ष फातिमा ने बताया कि काउंसलिंग में मामला सामने आने पर देवरिया पुलिस को सूचना दी गई तो पता चला कि 7 अप्रेल को थाने में बालिका की गुमशुदगी दर्ज हुई है। अब मामले में देवरिया पुलिस को पोक्सो एक्ट के तहत अन्य धाराएं भी जोडऩे के लिए निर्देशित किया गया है।
शिकायत पर देवरिया पुलिस ने नहीं की सुनवाई
फातिमा ने बताया कि काउंसलिंग में पीडि़ता ने बताया कि ससुराल में उसे बंधक बनाकर रखा जाता था। मौका पाकर वह ससुराल से भागकर देवरिया पुलिस थाने पहुंची। जहां उसने उसके साथ घटी घटना की पूरी जानकारी दी। इसके बावजूद पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाए उसके मामा को ही थाने बुला लिया और मामा उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया। जहां से मौका पाकर वह अपने माता-पिता के पास गोरखपुर जाने के लिए निकल गई। हालांकि वह गलत ट्रेन में बैठने से कोटा पहुंच गई।
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मां-बाप से नहीं करने देते थे बात
पीडि़ता ने बाल कल्याण समिति को यह भी बताया कि उसके ससुराल पक्ष के लोग उसके माता-पिता से बात नहीं करने देते थे। उसने जब पहली बार फोन किया तो मामा ने ही फोन उठाया और उसे लेने के लिए भी वहीं आए। लेकिन, मामा ने उसे पीहर गोरखपुर भेजने के बजाए अपने पास ही रखा और बाद में वापस ससुराल छोड़ गए।
मामा ने ही करवाया था बाल विवाह
फातिमा ने बताया कि पीडि़ता का बाल विवाह उसके मामा ने ही करवाया था। मामा भी देवरिया थाना इलाके में ही रहता है। विवाह में उसके मां पिता की भी सहमति थी। उसका पति सऊदी में नौकरी करता था, जो विवाह के बाद से ही देवरिया में रह रहा है। पीडि़ता का देवर भी दिल्ली से देवरिया आया हुआ था। वहीं, ननद व ननदोई भी उनके साथ ही रहते हैं। यहां पति, देवर और ननदोई उसके साथ दुष्कर्म करते थे और विरोध करने पर मारपीट की जाती थी। पीडि़ता ने अपनी सास-ननद और पति को अपने साथ हुई दरिंदगी के बारे में बताया तो पति ने कहा कि यह सब तुझे सहना पड़ेगा. क्योंकि तुझे खरीद कर लाया गया है।