Covid Crisis: सेना ने जनता के लिए खोले सैन्य अस्पतालों के दरवाजे, 63 छावनियों में मिलेगा आम आदमी को भी इलाज
– ऑनलाइन ट्राई सर्विस टेली कंसल्टेशन सेवा ’सेहत ओपीडी’ शुरू की गई
– सेवारत कर्मियों, सेवानिवृत्तों और आश्रितों को मिलेगी स्वास्थ्य चिकित्सा सेवा
नई दिल्ली. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारतीय सेना ने गुरुवार से दिल्ली कैंट स्थित अपने बेस अस्पताल को भारतीय सशस्त्र बलों और दिग्गजों के लिए विशेष कोविड-19 सेंटर में बदलने का फैसला लिया है। इस अस्पताल में सशस्त्र बल के जवानों के अलावा पूर्व सैनिकों का इलाज होगा। अस्पताल की ऑनलाइन ट्राई सर्विस टेली कंसल्टेशन सेवा ’सेहत ओपीडी’ भी भारतीय सशस्त्र बलों के सभी सेवारत कर्मियों, सेवानिवृत्तों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य चिकित्सा सेवा देने के लिए चालू की गई है।
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बेस अस्पताल को कोविड सेंटर में बदला
सेना ने बताया कि दिल्ली कैंट स्थित बेस अस्पताल को विशेष कोविड केंद्र में बदला जा रहा है। इस हॉस्पिटल में सशस्त्र बल के जवानों के अलावा पूर्व सैनिकों का भी इलाज होगा। इस अस्पताल में सशस्त्र बल के जवानों के अलावा पूर्व सैनिकों का इलाज होगा। इस बात की जानकारी खुद भारतीय सेना ने ट्विटर के जरिए दी है। सेना ने अपने ट्वीट में लिखा कि यह सुविधा गुरुवार से कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध होगी। अस्पताल की सभी ओपीडी 22 अप्रैल से आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल के रूप में काम करेगी। सेना ने बताया कि तीनों सेनाओं में सभी सेवारत कर्मियों, सेवानिवृत्तों और उनके आश्रितों के लिए ऑनलाइन ट्राई सर्विस टेली कंसल्टेशन सेवा ’सेहत ओपीडी’ शुरू की गई है।
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महामारी से लड़ने को सेना तैयार
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक बड़ी बैठक की जिसमें सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना के तीनों प्रमुख, रक्षा मंत्रालय के सभी सचिव, डीआरडीओ प्रमुख, ऑर्डेनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) और डिफेंस पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में बताया गया कि दिल्ली और लखनऊ के अलावा अहमदाबाद, पटना और वाराणसी में भी आर्म्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विस (एएफएमएस) की मदद से डीआरडीओ कोविड अस्पताल स्थापित करेगी। लखनऊ में 450 बेड का अस्पताल होगा, जबकि वाराणसी में 750 और अहमदाबाद में 900 बेड का हॉस्पिटल होगा। पटना में भी 500 बेड का अस्पताल शुरू कर दिया गया है। सैन्य अस्पतालों में अभी भी कुछ बेड हैं जो इस मेगा संकट की स्थिति में आम नागरिकों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
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राज्यों की हर संभव मदद करे सेना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना के साथ जंग लड़ रही राज्य सरकारों को हर संभव मदद करने के लिए सशस्त्र सेनाओं और सभी रक्षा संस्थानों को आदेश दिया है। उन्होंने सशस्त्र सेनाओं और सेना के वरिष्ठ कमांडरों को मुख्यमंत्रियों से संपर्क में रहने का निर्देश दिया है ताकि जरूरत पड़ने पर सेना के संसाधन और सैनिकों का इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किया जा सके। देश के सभी 63 छावनी बोर्डों से कहा गया है कि उनके द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों में छावनी निवासियों और बाहर से आने वाले लोगों को इलाज के लिए जिला अधिकारियों या कोविड के लिए तैनात नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करें। बैठक में डीआरडीओ, ओएफबी और सभी डिफेंस पीएसयू (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) को राज्य सरकारों को ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पतालों में बेड मुहैया कराने का आदेश दिया गया। बैठक में रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ को आदेश दिया कि हाई-ऑल्टिट्यूड इलाकों में तैनात सैनिकों की एसपीओटू तकनीक को अब खुले बाजार में उपलब्ध कराया जाए। देश भर के प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पड़ने से मरीज बेहाल हैं। इसलिए स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस में ऑक्सीजन पैदा करने वाली तकनीक प्राइवेट इंडस्ट्री को सौंप दी गई है। इस तकनीक से एक मिनट में 1000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है।
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देश में 21,57,538 एक्टिव मरीज
देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या तीन लाख के करीब पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2 लाख 95 हजार 041 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में अब तक कोरोना के कुल 1,56,16,130 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना से 2023 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,82,553 तक पहुंच गई है। बुधवार सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 21,57,538 एक्टिव मरीज हैं। राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 1,32,76,039 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि देश का रिकवरी रेट 85.01 प्रतिशत हो गया है। देश में पिछले 24 घंटे में 16 लाख से अधिक कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक 20 अप्रैल को 16,39,357 टेस्ट किए गए। अबतक देश में कुल 27,10,53,392 टेस्ट किए जा चुके हैं।