#Health_Tip: ब्लड प्रेशर काबू में रखना हो या हड्डियां मजबूत बनानी हो, बस ऐसे करो काले तिल का इस्तेमाल

TISMedia@Health. कोटा. आप ने खाने में काले तिल का इस्तेमाल होता तो देखा ही होगा। तिल तीन तरह के होते है काले, लाल और सफेद। आयुर्वेद की माने तो तीनों में काले तिल सबसे ज्यादा फायदेमंद होते है। काला तिल आकार में भले छोटा है, लेकिन इससे शरीर को कई बड़े-बड़े फायदे हो सकते है। काले तिल में कई औषधीय गुण पाए जाते है। काले तिल का नियमित सेवन हमारे शरीर को पोषण तत्व देने के साथ ही कई बीमारियों से बचाए रखने में भी मदद करता है। ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए तिल बहुत फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में तिल और तिल के तेल का बहुत महत्व है। कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। काले तिल की भारत में काफी खेती की जाती है।
भारत में गुड़ आदि के साथ तिल से बने लड्डू बहुत पसंद किए जाते है। तिल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज, फाइबर, कार्ब्स, हेल्दी फैट्स मौजूद होते है। इसीक तासीर गर्म होती है। इसका वैज्ञानिक नाम सेसमम इंडीकम है। चलिए जानते है काले तिल के फायदों के बारे में।
काले तिल के फायदे
बाल झड़ने की परेशानी होगी दूर
अगर आप भी बार झड़ना, असमय सफेद बाल जैसी बालों की समस्याओं से परेशान है तो काला तिल आपेक लिए फायदेमंद हो सकता है। प्रदूषण और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से इन समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। काले तिल की जड़ और पत्ते का काढ़ा बनाकर इससे बाल धोने से असमय सफेद बालों की परेशानी से निजात पाया जा सकता है। साथ तिल के फूल और गोक्षुर को बराबर मात्रा में लेकर घी और शहद में पीसकर सिर पर लगाने से बालों के झड़ना और डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
कब्ज से आराम
काले तिल में भरपूर मात्रा में फाइबर और अनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है। ये कब्ज की परेशानी को दूर करने का काम करते है। इसके प्राकृतिक तेल का इस्तेमाल पेट से कीड़े निकालने और पाचन को मजबूत करने में भी कारगर माना जाता है। काले तिल के सेवन से पेट साफ रहता है।
ब्लड प्रेशर होगा कंट्रोल
काले तिल का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में काफी सहायक होता है। इसमें अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम होता है। मैग्नीशियम ऐसा पोषक तत्व है, जो ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने का काम करता है। इसका सेवन हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी से भी बचाने का काम करता है। काले तिल के तेल में पाए जाने वाले पॉलीअनसैचुरेटेड फैट और सेसमिन कंपाउंड भी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में कारगर होते है।
हड्डियां होती है मजबूत
काले तिल के सेवन से हड्डियां भी मजबूत होती है। काले तिल में कैल्शियम और जिंक भी पाया जाता है। जो हड्डियों को मजबूत करने में मददगार होते है। नियमित रूप से काले तिल खाने से हड्डियों को ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी से बचाव की क्षमता मिलती है। इस बीमारी में हड्डियों के कमजोर होने से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
दस्त में ब्लीडिंग की परेशानी से राहत
कई लोगों को पेट की गड़बड़ी से दस्त के साथ ब्लीडिंग की परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में एक्सपर्ट काले तिल का इस्तेमाल करने की सलाह देते है। इस परेशानी में काले तिल का 5 ग्राम चूर्ण और इसी के बराबर मिश्री मिलाकर चार गुने दूध के साथ खाना चाहिए। ऐसा करने से इस परेशानी से निजात मिल सकता है।