देवनानी को भारी पड़ा विधानसभा अध्यक्ष से पंगा लेना, सदन की कार्रवाई से निकाला बाहर
विधानसभा अध्यक्ष ने दिया माफी मांगने का मौका, भाजपा विधायकों ने कर दिया वॉक आउट
TISMedia@Jaipur. विधानसभा में शून्यकाल के दौरान स्थगन और 295 के तहत अपना सवाल शामिल न किए जाने पर भड़के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष का विरोध करना भारी पड़ गया। नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने देवनानी को माफी मांगने के लिए कहा, लेकिन ऐसा न करने पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने देवनानी के निष्कासन का प्रस्ताव रख दिया। भाजपा विधायकों अड़ा अड़ी के बाद आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष ने देवनानी को सदन से बाहर निकाल दिया। कार्यवाही से नाराज भाजपा विधायकों ने भी वॉक आउट कर दिया।
Watch Video: सीपी जोशी ने सदन से ऐसे निकाला भाजपा विधाक वासुदेव देवनानी को
शून्यकाल के दौरान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी खड़े होकर स्थगन और 295 के तहत रखे जाने वाले मामले पढ़ रहे थे। जिनमें भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के प्रस्ताव को शामिल नहीं किया था। जिससे नाराज होकर देवनानी खड़े हो गए और स्पीकर का विरोध करने लगे। इस पर जोशी उखड़ गए और कहा कि आसन पैरों पर है तो आप इस तरह नहीं बोल सकते। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से कहा कि आप अपने विधायकों पर नियंत्रण रखें और इन्हें बैठाइए। कटारिया कुछ कहते इससे पहले भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ भी देवनानी के समर्थन में बोलने के लिए खड़े हो गए। जिस पर जोशी की नाराजगी बढ़ गई और उन्होंने भाजपा विधायकों को फटकारते हुए कहा कि इतने सीनियर होकर इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं। स्पीकर ने साफ कह दिया कि ‘मैं बोलने नहीं दूंगा’।
धारीवाल ने रखा निष्कासन का प्रस्ताव
स्पीकर की इतनी कोशिशों के बाद भी देवनानी और भाजपा के अन्य विधायक चुप नही हुए तो उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल को कहा कि देवनानी को बाहर निकालने का प्रस्ताव रखें। जिस पर गुलाबचंद कटारिया ने सदन का बहिष्कार करने की धमकी दे डाली, लेकिन स्पीकर ने अपनी बात से पीछे हटने के बजाय उनसे साफ कह दिया कि जिसे जाना है वह जाए। सदन की गरिमा और परंपराओं के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होने देंगे। जिसके बाद संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने देवनानी को सदन से बाहर निकलने के लिए प्रस्ताव रखा और कहा कि देवनानी ने सदन की परम्परा का पालन नहीं किया। इसलिए मैं इन्हें सदन की कार्यवाही से बाहर करने का प्रस्ताव रखता हूं। कल भी इन्हें माफी मांगने के बाद ही प्रवेश दिया जाए।
कटारिया ने दी सफाई, माफी नहीं मांगी
गुलाबचंद कटारिया ने देवनानी का पक्ष रखते हुए कहा कि सदस्य का मामला गंभीर था, मगर आपने उसे कार्रवाई में शामिल नहीं किया। इस पर स्पीकर ने कहा आपके सदस्य आपके कंट्रोल में नहीं हैं। आपकों पूरा सम्मान देता हूं। प्रतिपक्ष को पूरा सम्मान देता हूं। मगर सीनियर विधायक ही सदन की परंपरा तोड़ेंगे तो अच्छा नहीं होगा। कोई नया विधायक ऐसा करता तो एकबार उसे माफ भी कर देते। देवनानी इतने सीनियर सदस्य हैं, कोई नया होता तो कोई बात नहीं थी। मैं खड़ा हूं फिर भी आप बोल रहे हैं। सदन की परम्पराओं का पालन करना पड़ेगा।
देवनानी बाहर, भाजपा किया वॉक आउट
निष्कासन का प्रस्ताव आते ही कटारिया ने देवनानी का बचाव करते हुए कहा कि इतना बड़ा मामला नहीं है कि उन्हें पूरे दिन सदन की कार्यवाही से बाहर किया जाए। मानता हूं कि आप खड़े थे इसलिए उन्हें बोलना नहीं चाहिए था। लेकिन, स्पीकर ऐसे निर्णय लेंगे तो यह गलत होगा। कटारिया के बयान से जोशी खासे नाराज हो गए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि कटारियाजी आपने कोई खेद प्रकट नहीं किया। आपने एक शब्द भी नहीं कहा कि उनका व्यवहार ठीक नहीं है। उलटे आपने कहा कि आप ऐसा करेंगे तो सभी करेंगे। मैं आपसे आशा कर रहा था कि आप यह कहेंगे कि खेदपूर्ण व्यवहार है। और इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने देवनानी को सदन से बाहर भेजने का प्रस्ताव ध्वनिमत से परित करा दिया। जिसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया।
वह सवाल, जिसने मचाया बवाल
राजस्थान की अजमेर उत्तर विधानसभा सीट से विधायक वासुदेव देवनानी ने राष्ट्रीय संगठनों के कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर स्थगन प्रस्ताव के तहत मुद्दा उठाया था। जिसे विधान सभा स्पीकर सीपी जोशी ने स्थगन प्रस्ताव के तहत होने वाली चर्चा के लिए स्वीकार नहीं किया। जिस पर देवनानी आसन के खड़े रहते हुए अपनी बात जोर जोर से रखने लगे और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी नाराज हो गए।