Rajasthan Budget 2022: विधान सभा में भाजपा विधायकों का हंगामा, धारीवाल का पलटवारः नहीं चलेगी थोथी राजनीति 

TISMedia@Jaipur राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत हंगामेदार रही। भाजपा विधायक रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच के लिए काली पट्टी बांधकर विधानसभा पहुंचे। जिसके बाद प्रश्नकाल में जमकर हंगामा हुआ। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि रीट की सीबीआई जांच कराने वालों की मांग पर कहना चाहता हूं कि 2016 और 2018 में पेपर लीक हुए थे, उस वक्त तो एसओजी से जांच भी नहीं करवाई गई थी। रीट पेपर दो बार लीक हुआ था। अब ये लोग सीबीआई की जांच की मांग कर रही है। इन्हें शर्म आनी चाहिए।

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पेपर लीक रोकने के लिए कानून लाएंगे
निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने राज्य सरकार से पिछले सरकार के कार्यकाल में हुए पेपर लीक मामलों की जांच कराने की मांग की। इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को थोथी राजनीति नहीं करनी चाहिए। राज्य सरकार पेपर लीक मामले की जांच करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। लेकिन विपक्षी विधायकों ने सरकार को सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर जमकर घेरने की कोशिश की। भाजपा विधायक लगातार सदन में हंगामा करते रहे। रीट की सीबीआई से जांच की नारेबाजी के बीच सवालों के जवाब दे रहे मंत्री की आवाज भी शोरगुल में दब गई। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रश्नकाल समाप्त होने पर कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। 12 बजे कार्यवारी शुरू होते ही शून्यकाल में भाजपा विधायक लगातार हंगामा करते रहे।

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मंत्री धारीवाल बोले- थोथी नेतागिरी नहीं होनी चाहिए
निर्दलीय विधायक बलजीत यादव के सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार पेपर लीक मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून लाने जा रही है। बलजीत यादव ने पिछली सरकार के समय हुए पेपर लीक मामलों की जांच कराने की मांग की। धारीवाल ने कहा कि अब तक रीट पेपर लीक मामले में 85 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। सख्त कानून बनाने का मामला प्रक्रियाधीन है। वेल में पहुंचकर विधायकों की नारेबाजी से नाराज मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि हंगामा कर रहे विधायकों को बताना चाहता हूं कि 2016 और 2018 में 5 बार पेपर लीक आउट हुआ। इन्होंने एसओजी से जांच नहीं कराई। इन्हें शर्म आना चाहिए। सरकार सख्त कानून ला रही है। 2014 में आरएएस और आरजेएस के पेपर आउट हुआ लेकिन एक भी प्रकरण सीबीआई को नहीं दिया। पिछली सरकार ने एसओजी से भी जांच नहीं कराई।

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